गणतंत्र दिवस की 63वीं वर्षगांठ पर विशेष

आईडी गुलाटी (बुलंदशहर)
हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्रीय देश है किंतु मतदान का प्रतिशत बड़ा लोकतंत्रीय देश है किंतु मतदान का प्रतिशत औसतन 65 प्रतिशत ही रहता है। यह शुभ संकेत नही है। राजनीति दलों में अपराधी तत्वों व स्वार्थी तत्वों के अच्छी संख्या में आ जाने से काफी लोग मत देना पसंद नही करते हैं। मेरा सुझाव है कि जिन जिन पर अपराधिक राष्ट्रद्रोही अलगाववादी संबधी मुकदमे चल रहे हैं उनके नाम मतदाता सूची से काटने की व्यवस्था की जाए। देश में 28 राज्य हैं। चार राज्यों में मुस्लिम ईसाई बहुमत में है। मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर से 1990 में 3-4 लाख हिंदू कश्मीर घाटी से भय के कारण शरणार्थी बन कर जम्मू तथा दिल्ली के सरकारी शिविरों में नरकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें वहां रहते हुए 22-23 वर्ष हो चुके हैं। अपने स्वतंत्र देश में लाखों लोग शिविरों में क्यों रह रहे हैं? इनका पुर्नवास कब होगा? सभी दलों के नेता मौन क्यों हैं? इस्लाम की पवित्र कुरान भी श्रेष्ठ मानवीय कत्र्तव्यों को पूरा बल देते हुए निरूपित करती है। अत: राज्य की मुस्लिम जनता से अनुरोध है कि वे कुरान के आदर्शों का पालन करते हुए शरणार्थियों का पुनर्वास करावें। ईसाई बहुल मिजोरम से 9,0000 रियांग बू्र जाति के आदिवासी 1997 से मजबूरी में उग्रवादियों के व्यवहार से परेशान होकर त्रिपुरा के जंगलों में बुरी हालत में शिविरों में रह रहे हैं। यह सभ्य समाज के लिए कलंक है। पवित्र बाइबिल में गहरी निष्ठा से क्षमा करूणा और प्यार को मूल मंत्र के रूप में बारबार रखा गया है। मिजोरम की ईसाई सरकार का व्यवहार बाइबिल की शिक्षा के प्रति अनुकूल नही है। उनकी कथनी और करनी में अंतर क्यों? मेरी मिजोरम सरकार से विनती है कि वह शरणार्थियों को क्षम और कझा करते हुए उनका शीघ्र पुनर्वास करें।

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