जापानी उद्योगों का हब बनता नीमराना
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
दिल्ली, जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने वाले नीमराना फोर्ट और आभानेरी जैसी कलात्मक बावडी के लिए देशद्ब्रदुनिया में प्रसिद्घ ऐतिहासिक ‘नीमराना’ कस्बे में इन दिनों जापानी उद्यमियों की चहल पहल देखते ही बनती है। जापान के उद्यमियों द्वारा यहां लगाए जा रहे उद्योगों के कारण यह क्षेत्रा कमोबेश जापानी उद्योगों का हब बनता जा रहा है।
राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान औद्योगिक विनियोजन निगम (रीको) के माध्यम से राज्य के सिंह द्वार माने जाने वाले अलवर जिले के नीमराना में पिछले कुछ वर्षो से विभिन्न चरणों में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया गया है। जिसमें सामान्य औद्योगिक क्षेत्रा के साथ ही निर्यात संवद्र्घन औद्योगिक पार्क (ई.पी.आई.पी.) और मजराकाढ में जेट्रो (जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) और राजस्थान सरकार की पहल से स्थापित ‘जापानी जोन’ विशेष उल्लेखनीय है। इन औद्योगिक क्षेत्रो में देशविदेश की कई जानी मानी कंपनियों ने अपनी औद्योगिक इकाइयां लगाई हैं और कई नए उद्योगों का आगमन हो रहा है जिससे एक ओर जहां राजस्थान की औद्योगिक प्रगति में नए आयाम जुड रहे है, वहीं प्रदेश में रोजगार के नए मार्ग भी खुल रहे हैं।
करीब बारह सौ एकड में फैले इस जापानी जोन के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्रा में जापानी उद्यमियों द्वारा अपनी औद्योगिक इकाइयां लगाई जा चुकी हैं। शेष 30 प्रतिशत हिस्से के भी शीघ्र भर जाने की आशा है।
जापानी उद्यमियों द्वारा यहां 28 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं जिनमें एयरकंडीशनर के क्षेत्रा में, दुनियां की नम्बर वन कंपनी मानी जानी वाली डेकन एयर कंडीशन की यूनिट विशेष उल्लेखनीय है। जिसने भारत में अपनी पहली यूनिट नीमराना में लगाई है और इस पर करीब 600 करोड रुपऐ का निवेश किया जा रहा है।
इसी प्रकार ‘निसान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने यहां 240 करोड रुपऐ का निवेश कर अपनी इकाई लगाई है। इनके अलावा 400 करोड रुपऐ के निवेश से मित्सुई केमिकल प्राईवेट लिमिटेड, 160 करोड रुपऐ की लागत से यूनीयार्च हाईजेनिक प्राईवेट लिमिटेड, 120 करोड रुपऐ के निवेश से ए.सी.आई. मित्सुई प्राईम एडवांस कंपोजिट प्राईवेट लिमिटेड, 155 करोड के निवेश से ऑटोपाट्र्स की कंपनी मिकुनी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड एवं 100 करोड रुपऐ के निवेश से लगाई गई एन.वाय.के. लॉजेस्टिक इंडिया लिमिटेड के साथ ही डिस्किंग, मित्सुबिशी, डिकीकलर, टीकुकी, हॉवेल्स आदि उद्योगों के नाम प्रमुखता से गिनाए जा सकते है, जो कि नीमराना को जापानी उद्योगों का हब बना रहे हैं। इस हब के विकसित होने से नीमराना में 21.5 अरब के निवेश की साथ ही 3 हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही यहां आवास एवं अन्य योजनाओं का तेजी से विकास होगा।
नीमराना में दुनिया की सबसे बडी स्टील कंपनी मानी जाने वाली ‘नियोन स्टील’ की एक यूनिट का कार्य भी निर्माणाधीन है जिस पर 300 करोड रुपऐ से भी अधिक का निवेश होने का अनुमान है। इस स्टील कंपनी की दुनिया भर में 150 यूनिट्स है। निकट भविष्य में और भी बडी कंपनियां जिसमें हीरो होंडा जैसी कंपनियां भी शामिल हैं, यहां अपनी यूनिट्स लगाने जा रही है।
नीमराना राष्ट्रीय राजमार्ग, आठ पर दिल्ली, जयपुर के बीचोबीच बसा हुआ है। यह दिल्ली से मात्रा 122 किलोमीटर दूर है और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी मात्रा सौ कि.मी. ही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा (एन.सी.आर.) के साथ ही दिल्ली, मुम्बई इंडस्ट्रीयल कोरीडोर (डी.एम.आई.सी.) और दिल्ली, मुम्बई फ्रेट रेल गलियारा का हिस्सा होने के कारण नीमराणा का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। चूंकि यह क्षेत्रा निकट भविष्य मे देश का सबसे बडा ‘ऑटो हब’ बनने के साथ ही देश के सबसे बडे ऑटोमोबाइल्स बाजार दिल्ली का निकटतम केन्द्र स्थल भी होगा।
नीमराना में रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री आर.सी.जैन बताते हैं कि नीमराना फेजद्ब्र1 और फेज-2 के बाद अब ”गिलोट” में फेज-3 में भी कई बडे उद्योग आ रहे हैं। वे बताते हैं कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान का संगम स्थल और प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रा ‘भिवाडी’ को दिल्ली, मुम्बई फ्रेट कोरीडोर के अंतर्गत रेल से जोडा जा रहा है। यह रेल मार्ग दिल्ली से रेवाडी, भिवाडी, जयपुर होते हुए मुम्बई तक जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ नीमराना को मिलेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के अंतर्गत दिल्ली जयपुर मार्ग को छह लेन में बदला जा रहा है और यहां इस मार्ग पर कई फ्लाई ऑवर बन रहे हैं जिससे नीमराना की दिल्ली और जयपुर से दूरी और कम हो जायेगी। छह लेन के इस मार्ग के समानांतर एक सुपर एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण की भी योजना है, जो कि नीमराना होकर ही गुजरेगा।
जापानी उद्यमियों की तरह ही नीमराना में अन्य देश के उद्यमी भी बडे पैमाने पर निवेश करने को आतुर दिखाई दे रहे है। हाल ही 15 अफ्रीकी देशों के 25 सदस्य दल ने नीमराना का दौरा किया है। इसी प्रकार ताईवान की 3700 कम्पनियों के संगठन ”टीमा” के प्रतिनिधि भी नीमराना में ”ताईवानी जोन” की स्थापना की संभावनाओं को तलाशने का उपक्रम कर चुके हैं।
कारगो हवाई अड्डा की योजना
वर्तमान में निकटतम कारगो पोर्ट दिल्ली और ड्राई-पोर्ट रेवाडी (हरियाणा) में होने से उद्यमियों को हो रही असुविधा को दूर करने के लिए नीमराना के निकट एक कारगो एयरपोर्ट बनाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। यह हवाई अड्डा अजरका और कोटकासिम के मध्य बनाना प्रस्तावित है। इससे नीमराना, शाहजहांपुर, भिवाडी और बहरोड में स्थापित उद्योगों के उत्पादों को कारगो परिवहन की सुविधा मिलेगी और उन्हें बहुत ही कम समय में देश,विदेश के गंतव्य स्थानों एवं बाजारों तक पहुंचाया जा सकेगा। इस कारगो हवाई अड्डे को नीमराना से जोडने के लिए नीमराना, टपूकडा के मध्य छह लेन का एक समर्पित रोड बनाया जाना भी प्रस्तावित है जिसकी लंबाई मात्रा 50 कि.मी. होगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा के अंतर्गत बनने वाले तीन उप महानगरों में भी नीमराना, शाहजहांपुर और बहरोड को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। डी.एम.आर.सी. के निवेश क्षेत्रा के अंतर्गत नीमराना और खुशखेडा को पहले चरण में शामिल कर यहां नोएडा, गुडगांव, फरीदाबाद जैसी औद्योगिक टाऊनशिप विकसित करने की योजना है। जिससें भविष्य में पूरे क्षेत्र का संर्वागीण विकास होगा।
नीमराना को आने वाले कल का भविष्य मानने वाले राजस्थान के उद्योग मंत्राी श्री राजेन्द्र पारीक बताते हैं कि जापानी उद्यमियों के अदम्य साहस की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी चूंकि जापान में पिछले वर्षो में आए जबर्दस्त झंझावातों के बावजूद वे नीमराना में निवेश के प्रति जबर्दस्त रुझान बनाए हुए है। वे बताते हैं कि प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमी आधारभूत सुविधाओं और विदेशी निवेशकों के प्रति राज्य सरकार के उदार दृष्टिकोण से प्रभावित होकर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। इसी के फलस्वरूप हीरो होंडा, अशोक लिलेंड, मारूति, आईसर, सेन-गॉबिन, जैसी कंपनियां प्रदेश में अपने उद्योगों की स्थापना कर रही हैं।
रीको के अध्यक्ष एवं राज्य के प्रमुख उद्योग सचिव श्री सुनील अरोडा भिवाडी से शाहजहांपुर नीमराना और बहरोड तक के क्षेत्र को देश के एक बडे औद्योगिक हब के रूप में विकसित होने की उम्मीद रखते हैं। साथ ही इस क्षेत्रा में प्रस्तावित दिल्ली, मुम्बई फ्रेट कोरीडोर, बडे आवासीय परिसरों के निर्माण, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपमहानगरों के बसावट आदि योजनाओं और यहां बडे उद्योगों के सहायक कुटीर उद्योगों के पनपने और शैक्षणिक संस्थाओं होटल्स, वाणिज्यिक संस्थाओं आदि के आगमन के साथ ही अलवर, सरिस्का वन अभयारण्य, नीमराणा दुर्ग सहित मौजूदा पर्यटन केन्द्रों के पर्यटन की दृष्टि से और अधिक विकास की संभावनाओं को प्रदेश के चहुंमुखी विकास में मील का एक और पत्थर लगने के समान मानते है।
राजस्थान का प्रवेश द्वार माना जाने वाला अलवर जिला मुख्यालय भी निकट भविष्य में दिल्ली से बुलेट टेऊन समान 160 कि.मी. की रफ्तार वाली हाईस्पीड टेऊन सुविधा से जुडने जा रहा है।
इसी प्रकार नीमराना और तिजारा फोर्ट एवं जैन मंदिर तथा सरिस्का टाईगर डेन और अलवर के सुरम्य पर्यटन स्थलों से नजदीक होने से नीमराना में औद्योगिक विकास के साथद्ब्रसाथ पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी बल मिलने की उम्मीद है।
(लेखक राजस्थान सूचना केन्द्र नई दिल्ली में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं)।