20 करोड़ से अधिक महिलाओं के जनधन खातों में डाली गई राहत पैकेज की ₹500 की पहली किस्त
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार कोरोना महामारी संकट के दौरान देश के हर वर्ग, हर समुदाय के लोगों को राहत दे रही है। मोदी सरकार ने कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत जन धन खाता धारक 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में तीन किस्तों में 500 रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया गया था। इसी के अंतर्गत मोदी सरकार ने शुक्रवार(अप्रैल 3) से इन गरीब महिलाओं के जन धन एकाउंट्स में राहत पैकेज की पहली किस्त ट्रांसफर करना शुरू कर दी है। बताया गया है कि 9 अप्रैल तक सभी महिलाओं के जन धन खातों में 500 रुपये की पहली किस्त ट्रांसफर कर दी जाएगी।
देश में कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। गरीब लोगों को आर्थिक रूप से दिक्कत ना हो, जिसके तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया गया था। जानकारी के अनुसार रुपयों का ट्रांसफर अकाउंट नंबर के लास्ट डिजिट के हिसाब से ट्रांसफर किया जाएगा। यह काम 9 अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है। जिन जनधन महिला खाताधाकों के अकाउंट नंबर की लास्ट डिजिट 0 और 1 है, उनके खातों में तीन अप्रैल यानी आज से रुपया आना शुरू हो जाएगा। जिन खाता नंबर के लास्ट डिजिट 2 और 3 है उनमें 4 अप्रैल को, 4 और 5 वाले डिजिट वालों के सात अप्रैल को, 6 एवं 7 के 8अप्रैल और जिन खाता नंबर कं आखिरी डिजिट के नंबर 8 और 9 होंगे उनके अकाउंट में 9 अप्रैल को रुपया आ जाएगा। आईबीए के अनुसार 9 अप्रैल के बाद महिलाएं अपने जन धन खातों से अपना पैसा निकाल सकेंगी।
कोरोना संकट के बीच किसानों को मोदी सरकार की बड़ी राहत
कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 21 दिनों को लॉकडाउन किया है। जाहिर है कि इससे हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों पर असर पड़ रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले दस दिनों से लगातार हर क्षेत्र के लिए राहत पैकेज और सहूलियतों का ऐलान कर रही है। अब मोदी सरकार ने 7 करोड़ से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान परिवारों को बड़ी राहत दी है। मोदी सरकार ने इन किसानों को राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज के भुगतान की डेट दो महीने बढ़ा दी है। बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली ऋण के भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर अब 31 मई कर दी गई है। अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं। बता दें अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
खेती के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है, लेकिन मोदी सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है। यानी किसानों को 7 फीसदी ब्याज ही देना पड़ता है। अगर किसान समय पर कर्ज लौटा देता है तो उसे 3 फीसदी की और छूट मिल जाती है। इस तरह इसकी दर जिम्मेदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है।
किसान सम्मान निधि की पहली किस्त अप्रैल में
देश में 21 दिनों के लॉकडाउन से होने वाले नुकसान से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत किसानों को किसान सम्मान निधि की पहली किस्त के 2000 रुपये अप्रैल के पहले हफ्ते में ही उनके खातों में डाल दिए जाएंगे। इससे देश के 8.7 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा।
लॉकडाउन के दौरान खाद और बीज की दुकानों को राहत
इससे पहले सरकार ने कृषि से जुड़ी गतिविधियों को भी लॉकडाउन से अलग रखने का फैसला किया था। इसके तहत कृषि उत्पादों की खरीद, मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों आदि में छूट दी गई है। फसल कटाई व बुआई और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।
गृह मंत्रालय के अनुसार 21 दिनों के लॉकडाउन के संबंध में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कृषि व सम्बंधित वस्तुओं, सेवाओं और क्रियाकलापों को आवश्यक छूट देते हुए अतिरिक्त श्रेणियों में रखा गया है। इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।
मुख्य संपादक, उगता भारत