जनवरी से मार्च : बहुतायत में उपलब्ध फल-सब्जियों के जूस का नियमित सेवन करें। मकर संक्रान्ति के मौके पर मूंग दाल की खिचड़ी खाएं। घी, अदरक और लहसुन को भोजन में शामिल करें। गर्म तासीर वाले भोजन को प्राथमिकता दें।
मार्च से मई : जौ, चना, ज्वार, गेहूं, चावल, मूंग, अरहर, मसूर, बैंगन, मूली, बथुआ, परवल, करेला, तोरई, केला, खीरा, संतरा, शहतूत का सेवन करें। ये सभी कफनाशक होते हैं।
जून से जुलाई : पुराना गेहूं, जौ, सत्तू, चावल, खीरा, दूध, ठंडे पदार्थो और कच्चे आम के पने, ककड़ी तरबूज का सेवन फायदेमंद होता है। नमकीन, चटपटे, गरम व रूखे पदार्थो का सेवन न करें।
अगस्त से सितंबर : पुराना चावल, पुराना गेहूं, दही, खिचड़ी आदि हल्के पदार्थ खाएं। इस समय पाचन शक्ति कमजोर रहती हैं। अत: तले-भुने और बाहरी खाने से परहेज करें।
अक्टूबर से नवंबर : जठराग्नि प्रबल हाने के कारण गरिष्ठ भोजन भी आसानी से पच जाता है। गरम दूध, घी, गुड़, मिश्री, चीनी, आंवला, नींबू, जामुन, अनार, नारियल, मुनक्का का सेवन फायदेमंद।
दिसंबर से जनवरी : ये महीने सेहत बनाने के लिए सर्वोत्तम माने जाते है। अनार, तिल, सूखे मेवे, जिमीकंद, बथुआ, छाछ, खोए के व्यंजन और पनीर का सेवन सेहत के लिए लाभकारी।