सवर्ण हिंदुओं को घर-घर जाकर मारो चप्पल गीतकार : हुसैन हैदरी
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार
बॉलीवुड गीतकार हुसैन हैदरी अक्सर वामपंथियों को खुश करने के लिए मोदी विरोधी, हिन्दुओं विरोधी यहाँ तक कि देश विरोधी बातें करने से नहीं चूकते। हैदर ने एक बार फिर लोगों को उकसाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। हैदरी ने इस बार मोदी सरकार के साथ हिन्दू सवर्णों को अपनी घृणित सोच निशाना बनाया है। इतना ही नहीं हैदरी ने वारिस पठान की भाषा को तो अस्वीकार किया, लेकिन हिन्दुओं से शांत रहने की भी अपेक्षा की है।
बॉलीवुड गीतकार हुसैन हैदरी ने ट्विटर पर हिन्दुओं के ख़िलाफ जहर उगला और ट्वीट करते हुए लिखा, “सवर्ण हिन्दुओं ने पूरे देश को बर्बाद किया है, पर ज्ञान बाँटने में, भाषा के शृंगार सिखाने में, शालीनता का पाठ पढ़ाने में सब एक नंबर हैं। अपनी कॉलोनियों में घर-घर जाओ और चप्पल मार-मार कर बोलो बीजेपी को वोट न करें। हिम्मत दिखाओ, भक्ति नहीं।”
बाद के एक दूसरे ट्वीट में हुसैन हैदरी ने AIMIM नेता वारिस पठान के समर्थन में लिखा, जिसने कर्नाटक के गुलबर्गा में सीएए के खिलाफ आयोजित एक रैली में हिन्दुओं के ख़िलाफ ज़हर उगला था। हैदरी ने इस घटना के लिए भी हिन्दुओं को ही जिम्मेदार ठहराया।
हैदरी ने ट्वीट किया “सवर्ण हिन्दुओं के बार-बार वारिस पठान की आलोचना करने में शर्म आनी चाहिए, जबकि वे जिस पार्टी को सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से सत्ता सौंपी थी। वह खुले तौर पर नरसंहार की धमकी देते थे। बाहर सड़कों पर आने और आरएसएस को उखाड़ फेंकने के बजाय, ट्विटर और फेसबुक पर बकोली करवा लो बस इनसे।”
लेखक और कवि हैदरी सरकार के ख़िलाफ आगे ज़हर उगलते हुए ट्वीट करते है कि मेरा मतलब है कि भगवान की खातिर, हिन्दुओं को सिर्फ मुस्लिम नेता के भाषण की आलोचना करने से रोकना चाहिए। वह तब भड़का रहा है कि जब उनके शासन के नेता हर रोज सामूहिक हत्याकांड लिए उकसा रहे हैं।
यह बात चौंकाने वाली है कि एक तरफ हैदरी कहते हैं कि वारिस पठान ने जो कहा वह बेहद घृणित और अस्वीकार्य था। इसके बाद भी वह चाहते हैं कि हिन्दू प्रतिक्रिया न दें। दरअसल कवि हैदरी यह कहना चाहते हैं कि उनका समुदाय हिन्दुओं के खिलाफ जो चाहे वह कह सकता है या कर सकता है, लेकिन हिन्दू समुदाय को शांति रखनी चाहिए और सिर्फ मु्स्लिमों की बकवास को सहन करना चाहिए।
चौंकाने वाली बात यह कि यह सब ट्वीट करने के बाद हैदरी का ट्विटर अकाउंट पर लॉक लगा हुआ है।
मुख्य संपादक, उगता भारत