सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने वालों के विरुद्ध बने कठोर कानून : मिश्र
नई दिल्ली । ( विशेष संवाददाता ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्र ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को किसी भी प्रकार के बंद , प्रदर्शन या विरोध व्यक्त करने हेतु आयोजित किए गए आंदोलनों के समय क्षतिग्रस्त करने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कानून बनाना समय की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के द्वारा उत्तर प्रदेश में एनआरसी और सीएए के विरुद्ध किए गए प्रदर्शनों के समय सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने वाले लोगों के विरुद्ध अपनाया गया कठोर दृष्टिकोण एकदम उचित और संवैधानिक है । हमारे संविधान की कोई भी धारा इस बात की अनुमति नहीं देती कि अपना विरोध व्यक्त करते समय आप देश की सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाएं या किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त करें । उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति पर सबका अधिकार है । हमारा संविधान हमें शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने और अपना विरोध दर्ज कराने का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
किसी भी सरकार के सभी निर्णयों से सभी लोगों का सहमत होना आवश्यक नहीं है । इसीलिए संविधान ने लोगों को सरकार के निर्णय के विरुद्ध शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने का मौलिक अधिकार प्रदान किया। दूसरे इसकी आवश्यकता इसलिए भी अनुभव की गई कि यदि विरोध प्रदर्शन करने का अवसर लोगों को नहीं दिया जाएगा तो सरकारें स्वेच्छाचारी आचरण करेंगी और निरंकुश शासन की ओर बढ़ सकती हैं ।इससे जनभावना का सम्मान करने की सरकारों की सोच समाप्त हो जाएगी ।
इस संवैधानिक मौलिक अधिकार को प्रदान किए जाने का अभिप्राय यह कभी नहीं कि संविधान हमें देश की संपत्ति को जलाने की अनुमति देता है । इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस संबंध में की गई कठोर कार्यवाही को कानून का स्वरूप प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार को इस संबंध में एक कड़ा कानून लाना चाहिए । जिसका हिंदू महासभा हर प्रकार से समर्थन करेगी।