रिश्तों की कीमत पर विवाहेत्तर संबंध का मजमा*
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-राजेश बैरागी-
हालांकि इस प्रकार की घटनाएं न तो अद्भुत रह गई हैं और न अभूतपूर्व। गौतमबुद्धनगर जनपद के गांव जारचा निवासी शाहरुख ने अपनी उम्र में बड़ी चाची की गला रेत कर हत्या कर दी। चाची विधवा थी और भतीजे के साथ कई वर्षों से अवैध संबंध में थी। पुलिस ने शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया है।वह विवाहित है।उसने पुलिस को बताया कि चाची उसके अलावा किसी और के साथ भी अवैध संबंध कर बैठी थी।कल सुबह सुबह एक बेटे का फोन आया कि उसने अपने पिता को खोज निकाला है। उसने अपने पिता को वापस पाने के लिए मुझसे मदद मांगी। मैंने सामान्य तौर पर कहा कि तुम्हारे यहां तो चार शादी तक मंजूर हैं तो वह भड़क कर बोला,-जब तक पहली बीवी से तलाक न हो जाए तब तक दूसरी औरत को नहीं रखा जा सकता है।’ मैं वहां पहुंचा तो विवाहेत्तर संबंधों के उजागर होने पर जैसा होता है, वैसा ही वहां भी हो रहा था। मजमा लगा था। मूलरूप से हापुड़ जनपद के एक गांव के रहने वाले इस व्यक्ति का काम धंधा ग्रेटर नोएडा में ही चलता है।काम धंधे के चलते उसे और उसके परिवार को एक दूसरे से कई कई दिनों तक दूर रहने की आदत पड़ चुकी है। परंतु जब फोन पर होने वाली बातचीत रसहीन होने लगे तो बात दिनों की नहीं दिलों की दूरियों में बदलने लगती हैं।उसके घर में बीवी के अलावा पांच बेटियों और तीन बेटे सहित दस सदस्य हैं।जैसा कि कहा जाता है औरत हिंदू हो या मुस्लिम, किसी भी कीमत पर सौतन को बर्दाश्त न करने की रवायत दोनों ओर बराबर है। मैंने देखा,आठ जीवित बच्चों की मां होने के बावजूद उसकी बीवी के नूर में कोई कमी नहीं आई थी। फिर उसने एक गैर महिला को उम्र के इस खंड में अपना हमसफर क्यों बनाया होगा? मैं उसे एक ओर ले गया और उससे यही सवाल पूछा।वह अचानक सारे परिवार,भाई बंधुओं के सामने इस प्रकार ज़लील होने के लिए संभवतः तैयार नहीं था इसलिए उसका मानसिक संतुलन गड़बड़ाया हुआ था।वह बात मुझसे कर रहा था, परंतु उसका ध्यान अपने परिवार की गतिविधियों पर था। उसने बताया कि जिसे वह साथ लेकर रह रहा है,वह उसकी फोन ओ फ्रेंड है।वह विधवा है। उसकी अपने पति की छोड़ी जमीन जायदाद है जिसे उसके ससुराल वाले हड़पना चाहते हैं। मैंने उसे समझाने का प्रयास किया परन्तु वह मुझे सुन पाने में असमर्थ था। उसका मुंह सूख रहा था।दरअसल इश्क और मुश्क ऐसी बला है कि सिर चढ़कर बोलती हैं। उसकी बीवी उसे और खुद को मरने मारने की धमकी दे रही थी और बीच बीच में अपने बच्चों को अपने अब्बा को पानी पिलाने के लिए भी कह रही थी। यह हिंदू मुस्लिम नहीं बल्कि किसी भी भारतीय नारी का स्वभाव है कि वह पति के परस्त्री संबंध को कतई स्वीकार नहीं करती परंतु उसके कष्ट को भी सहन नहीं कर पाती।मजमा देर से चल रहा था। थोड़ी देर और चला। उसके एक बेटे ने मुझे आज बताया कि अब्बा अपनी संपत्ति बीवी बच्चों के नाम लिखने को तैयार हो गए हैं। मैंने पूछा,-फिर? उसने कहा,-फिर वो जहां चाहे मरें।(नेक दृष्टि)