अल्लाह के नबी भी विश्वासघाती थे !

(खतना का इतिहास )
इतिहास साक्षी है कि जब जब भी भारत ने पाकिस्तान से शांति समझौता या मैत्री करने का प्रयास किया है , पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर भोंक कर विश्वासघात ही किया है , क्योंकि विश्वासघात करना इस्लाम की पुरानी परंपरा है ,
इस बात को साबित करने के लिए हम अल्लाह के नबी ” याकूब – يعقوب ” की ऐतिहासिक घटना दे रहे हैं , कुरान में याकूब का उल्लेख 16 बार आया है ,

याकूब इसहाक का बेटा और इब्राहिम का नाती था ,इसकी पत्नी का नाम लिया था ,इस से याकूब की एक बेटी हुई जिसका नाम दीना था , याकूब कनान देश छोड़ कर हित्तियों के देश में रहने लगा और वहां कुछ जमीन खरीद कर रहने लगा , वहां हित्तियों के प्रधान हमोर के पुत्र शकेम को याकूब की लड़की दीना पसंद आगयी और वह उस से प्रेम करने लगा , और शकेम ने याकूब से कहा की तुम अपनी लड़की की शादी मुझ से करा दो , तब याकूब ने हित्तियों के प्रधान से यह शर्त रखी कि हम अपनी लड़की ब्याह देंगे अगर हमारी तरह तुम में से हरेक व्यक्ति का खतना किया जाए ,हम अपनी बेटियां तुम्हें ब्याह देंगे और तुम्हारी बेटियां ब्याह लेंगे ,और तुम्हारे साथ मिल कर रहेंगे ,और अगर हमारी बात मान कर खतना नहीं कराओगे तो हम अपनी लड़की लेकर यहाँ से चले जायेगे ,

क्योंकि हमोर का बेटा शेकेम याकूब की बेटी को बहुत चाहता था ,इसलिए शहर के फाटक से जितने भी पुरुष गुजरते थे ,हरेक का खतना कर दिया गया , और जब शहर के लोग खतना के कारण पीड़ित होकर पड़े हुए थे ,तो याकूब ने शिमोन और लेवी नामके दीना के भाई अपने लड़कों के साथ तलवार लेकर निधड़क होकर सारे पुरुषों को क़त्ल कर दिया ,जिनमे हमोर और उसका लड़का शेकेम भी थे और शहर में घुस कर लोगों का जितना भी धन था सब लूट लिया ,यही नहीं उन्होंने भेड़ ,बकरी ,गाय बैल और गदहे सबको ले लिया , और लोगों के बाल बच्चे और स्त्रियों को भी लूट लिया

बाइबिल -उत्पत्ति अध्याय 34 आयत 16 से 26 तक

चूँकि यह घटना बाइबिल से ली गयी है ,इसलिए अपनी आदत के अनुसार मुस्लमान कह देंगे की हम बाइबिल की बात नहीं मानते ,हम उन लोगों से पूछना चाहते हैं कि जब कुरान में खतना करने का आदेश नहीं है ,और बाइबिल में है , तो बाइबिल में दी गयी इस घटना को क्यों नहीं मानते ?

यह दोगलापन नहीं तो और क्या है ? की जो बात तुम्हारे पसंद की हो उसे सही बता देते हो ,और जिस से तुम्हारे नबी की पोल खुल जाती है उसे झूठ कह देते हो ,

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01/08/2016

बृजनंदन शर्मा

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