*चार्वाक के वंशज अभी जिंदा हैं*!


लेखक आर्य सागर खारी 🖋️

बौद्धों के काल में ही बृहस्पति नाम का एक आचार्य हुआ जिसने पुनर्जन्म परमात्मा को नकारते करते हुए कहा की कोई अगला पिछला जन्म नहीं होता यही एक मात्र जन्म है। इसलिए
‘जब तक जियो सुख से जियो ,ऋण लेकर घी पियो ‘
आचार्य बृहस्पति की यह चारु वाक अर्थात चार्वाक दर्शन इसकी मधुर बातें अधिकांश नर नारियों को बहुत अच्छी लगी , लोगों ने उद्यम ,पुरुषार्थ , राष्ट्रीय समृद्धि के संकल्पित प्रयासों को छोड़कर कर्ज लेकर मौज मस्ती मनोविलास को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया ।

एक भारतीय होने के नाते वह लोग हमारे पूर्वज थे और जब पूर्वज थे तो उनके कुछ वंशज भी होने चाहिए उनके वंशज आज भी जीवित है हमारे और आपके बीच।

इसका ताजा तरीन उदाहरण है इंग्लिश बैंड कोल्ड प्ले का जनवरी 2025 में मुंबई में होने वाला कंसर्ट। म्यूजिक बैंड का मतलब है भारत के गांवो में विशेष कर राजस्थान हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश में कभी होने वाले देसी सोंग पार्टीयो का ग्लोबल अंग्रेजी वर्जन है। अंग्रेजी भाषा साहित्य गोरी चमड़ी को श्रेष्ठ मानने की हमारी गुलामी की मानसिकता गयी नहीं है बल्कि वंशानुगत यह ओर प्रबल हो गई है इसका सबूत है 18, 19 जनवरी 2025 को डी वाई पाटील स्टेडियम मुंबई में होने वाले अंग्रेज सोंगीयो के इस कंसर्ट के लिए इसी सितंबर के तीसरे सप्ताह में डेढ़ लाख टिकटों की बिक्री के लिए ऑनलाइन विंडो खोली गई आपको आश्चर्य होगा महज डेढ़ लाख टिकटों के लिए कुछ ही मिनटों में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने टिकट विंडो की वेबसाइट में लॉगिन किया नतीजा वेबसाइट क्रैश कर गयी। कंसर्ट के चार श्रेणी के टिकटों के लिए सबसे सस्ते टिकट का मूल्य 6000 तो सबसे महंगे टिकट का मूल्य 35000 था।

लेकिन हम मैकाले के मानस पुत्र कहां पीछे हटने वाले थे अंग्रेज संगीत व लिरिक्स की हमसे बेहतर समझा दुनिया में कहां मिल सकती है जब एक टिकट के लिए 10 दावेदार हो तो ऐसे में खेल शुरु हुआ टिकटों के रि-सोल्ड का 6000 के टिकट का मूल्य 50000 तो 35000 के टिकट का मूल्य आज 10 लाख तक पहुंच गया है भारी संख्या में ब्लैक में यंगस्टर जिनमें स्टूडेंट आईटी प्रोफेशनल शामिल है इन टिकटों को खरीद रहे हैं, चाहे कुछ भी करना पड़े अधिकांश ने कर्ज लिया है, एक सर्वे के मुताबिक।

समाजशास्त्री इस मनोवृत्ति के पीछे फोमो फोबिया को जिम्मेदार बताते हैं अर्थात फियर आफ मिसिंग आउट का अहसास जिसके तहत यदि आप कोड प्ले बैंड का टिकट नहीं खरीदते हैं कंसर्ट में जाकर सेल्फी नहीं लेते हैं तो आप अपने फ्रेंड सर्कल में पिछड़े हुए अंडररेटेड माने जाएंगे।

गोरे कहां चूकने वाले थे कोल्ड प्ले बैंड ने 2 दिन के कॉन्सर्ट को तीन दिन तक विस्तारित करने पर विचार किया है जितना दिन यह बैंड भारत में रुकेगा उतनी ही इसकी चांदी कटेगी जैसे इन गौरो के पूर्वज कभी ईस्ट इंडिया कंपनी के रूप में आए थे। गोरे जब भी चौंकते थे की यह साधारण से भारतीय लोग इनके तन पर कपड़ा नहीं है लेकिन इनके पास सोने चांदी का भंडार है और गोरे आज भी चौंक रहे हैं वह भारत जिसके उपर वित्त मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2023 में विदेशी कर्ज 50 लाख करोड़ से अधिक का हो गया है वहां कोल्ड प्ले के कॉन्सर्ट में एडवांस टिकटों की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है क्योंकि कोड प्ले का भारत के बाद कंसर्ट दुबई व ऑस्ट्रेलिया में भी है वहां भी टिकट विंडो खोली जा रही है लेकिन वहां टिकटों को लेकर कोई आपा धापी नहीं है भारत से सस्ती दरो पर वहां टिकट अवेलेबल हो रहे हैं।

नाच गान में कैसे भी हो चाहे कर्ज भी लेना पड़े धन खर्च करने की हमारी है फितरत गयी नहीं है यह हमारा राष्ट्रीय चरित्र बन गया है।सल्तनत काल में हमारे राजा महाराजा ऐसा करते थे और आज लोकतांत्रिक भारत में भारत के नागरिक वही कर रहे हैं। बेहतर होता कैंसर रिसर्च, साइंस टेक्नोलॉजी की किसी राष्ट्रीय परियोजना के लिए यह फंड रेंज किया जाता जिससे विकसित दिव्य भारत के सपने के साकार होने में बल मिलता।

लेखक आर्य सागर खारी

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