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इतिहास के पन्नों से

मुसलमान भारत में कहाँ से आये थे ?

मुहम्मद और मुसलमान यह ऐसे दो शब्द हैं जिनको सभी लोग जानते हैं क्योंकि इनका सम्बन्ध इस्लाम और आतंकवाद से है ,लेकिन अधिकांश लोग नहीं जानते की इस्लाम से पहले अरब में किसी का नाम मुहम्मद नहीं था इसी तरह पूरी कुरान और हदीस की किताबों में मुसलमान शब्द नहीं है ,कुरान में कई जगह “मुस्लिमीन – مْسلمين ” और “मुस्लिमून – مْسلمون ” शब्द जरूर आये है जिनका अर्थ समर्पित लोग होता है ,लेकिन इनका मुसलमान शब्द से कोई सम्बन्ध नहीं है महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश के 14 वें समुल्लास में मुसलमान का अर्थ “दासी पुत्र ” किया है
1-मुसलमान दासीपुत्र हैं
महर्षि की बात इस हदीस से सत्य सिद्ध होती है
Sarah returned and said to Abraham, “Do you know that Allah has humiliated that pagan and he has given a slave-girl for my service?”
सारा ने लौट कर इब्राहिम से कहा ,अल्लाह ने काफिरों को चिढ़ाने के लिए एक दासी सेवा के लिए भेज दी है
https://sunnah.com/bukhari:2635
Reference : Sahih al-Bukhari 2635
In-book reference : Book 51, Hadith 67
USC-MSA web (English) reference : Vol. 3, Book 47, Hadith 803
मुहम्मद के पूर्वज उसी दासी की संतान है
2-यूनानी और रोमन क्या कहते थे
जब मुहम्मद के जिहादी ईसाई देशों पर भी हमले करने लगे तो इब्राहिम की औरत ” साराह – שָׂרָה ” की संतान होने के कारन यूनानी इनको Sarakēnḗ (Ancient Greek: Σαρακην” कहने लगे ,
और रोम के लोग लैटिन भाषा में इनको ” Saracēnus, ” कहने लगे जो अब्राहम की “दास स्त्री” हगर के साथ उनके संबंध को उजागर करता है।(Old French Sarrazin,)वास्तव में यह लोग दासी की संतान थे ,इन लोगों ने सारासेन कहलाने का चयन किया ताकि वे अब्राहम की “स्वतंत्र” पत्नी सारा के साथ अपनी पहचान बना सकें , न कि हगरेनीज़ के रूप में,
3-असली अरबी नाम क्या है ?
जब मुसलमान शब्द ही नहीं था तो लोग जिहादियों को क्या कहते थे ” यह बात अरबी इतिहासकार “मुहम्मद बिन कनान अल सालिही – : محمد بن كَنّان الصالحي ” ने इनका नाम “सारिकीन – سارقين ” बता दिया है
.यह अरबी शब्द “सारिक – سارق ” से बना है अंगरेजी में इसका अर्थ thief, marauderऔर हिंदी में चोर और दंगाई है
.फारसी में “ग़ारत गर (غارتگر ) है .अर्थात सत्यानाशी
4-मुसलमान शब्द उजबेक और मंगोल है
ओवैसी जैसे हिन्दू विरोधी कट्टर मुस्लिम विदेशी हमलावरों को अपना पूर्वज और आदर्श मान कर उनके नाम के आगे “रहमतुल्लाह अलैह ” लिखते और बोलते है लेकिन इन सभी लुटेरों का अरब से कोई सम्बन्ध नहीं है अरब के लोग इनको अपना कुत्ता मानते हैं ,क्योंकि यह मंगोल और उजबेक है ,उदहारण के लिए जिनके नाम में खान होता है वह मंगोलों की औलाद हैं ,दुनियां में प्रसिद्ध खान “हुलेगू खान ” था जिसका नाती चंगेज खान था ,इसी तरह बाबर से बहादुर शाह तक सभी शासक उजबेक थे इन्होंने अपने असली उजबेक नामों के आगे अरबी नाम जोड़ दिए थे जैसे
1-बाबर -जहीरुद्दीन
2-हुमायूँ -नसीरुद्दीन
3-जहांगीर -नूरुद्दीन
अर्थात इनका सम्बन्ध न तो अरब से है और न भारत से है लुटेरों की संतानों का देश में कोई अधिकार नहीं है ,चाहे वह हजार साल से भारत में रह रहे हों
मित्रों ने यह भी पूछा की मक्का के लोग मुहम्मद को किस नाम से बुलाते थे जब उसने खुद को रसूल घोषित नहीं किया था ,पूरी कुरान में कुल 6666 आयतें हैं लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है की कुरान में मुहम्मद शब्द केवल चार बार ही आया है ,कुरान में पहली बार मुहम्मद शब्द सूरा अहजाब की आयात 40 में आया है नुजूल के क्रम अनुसार ( Revelation Order) क्रम 89 है .अर्थात उस समय 84 प्रतिशत कुरान बन चुकी थी उसी दिन मुहम्मद ने जैनब से शादी की थी यह बात 27 मार्च सन 627 की है जिस दिन मुहम्मद ने अपने दत्तक पुत्र की पत्नी जैनब से शादी है और सन 632 में मुहमद की मौत हो गयी अर्थात 63 की कुल आयु में मुहम्मद सिर्फ 8 साल रसूलगीरी कर पाया था
5-लोग मुहम्मद को क्या बोलते थे
चूँकि मुहमम्मद का रंग काला और और कुरूप था
लोग “मुहम्मम )”कहते थे इसका अर्थ blackened face है ,अरबी में – مُحَمَّمٍ “है
https://sunnah.com/abudawud:4448
मुहम्मद के साथी मुहम्मद को ” राइना – راعنا “कहते थे इसका मतलब मेरा चरवाहा है My Shrferd -Quran 2:104 और .4:46
मुहम्मद के हाथ पैर ऊंट के खुर जैसे थे इसलिए मुहम्मद के चाचा उसे “मुजम्मम “कहते थे इसका अर्थ घृणित और निंदनीय होता है इस से मुहम्मद चिढ़ता था और कहता था की “मैं मुजम्मम नहीं हूँ ,मैं तो मुहम्मद हूँ
I am Muhammad (and not Mudhammam).
مُذَمَّمًا وَأَنَا مُحَمَّدٌ
https://sunnah.com/bukhari:3533
Reference : Sahih al-Bukhari 3533
In-book reference : Book 61, Hadith 42
USC-MSA web (English) reference : Vol. 4, Book 56, Hadith 733
6-मुसलमानों के हिंदू उपनाम
यहाँ के मुसलमान कितना भी दावा करें कि उनके पूर्वज बादशाह थे ,लेकिन यह बात बिलकुल झूठ है क्योकि आज भी कश्मीरी मुस्लिमों के उपनाम हिन्दू पंडितों के उपनाम बिगाड़ कर रखे गए हैं जैसे “धर ” का “डार “और “भट्ट ” का “बट “इसी तरह जाकिर नायक है
इस प्रकार भारत में रहने वाले सभी मुस्लिम लुटेरों के वंशज हैं इन्होने आज तक सबकी भलाई के लिए न तो कोई काम किया था और न भविष्य में करेंगे ,इसलिए इनका पूर्ण वहिष्कार करने आवश्यकता है
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