बालमुकुन्द चौक पर सजी मथुरा की थीम पर झांकी
बाँसवाड़ा शहर में किशनपोल स्थित बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज प्रतिवर्ष चर्चा का विषय बना हुआ है । मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि व अध्योध्या श्री राम जन्मभूमि की थीम पर गणेशजी की झांकी सजाई गई है । गणेशोत्सव में अयोध्या, मथुरा गणपति जी के साथ नजर आ रहे हैं. बाँसवाड़ा के बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज ने गणेश चथुर्थी के पावन अवसर पर से गणपति जी की प्रतिमा स्थापित की है. गणेश चथुर्थी का पर्व चल रहा है. इसलिए गणपति की मूर्ति तो सभी पंडालों में नजर आ रही हैं. लेकिन यहां पर आकर्षण का केंद्र मथुरा वो मॉडल जो गणेश जी के ठीक बगल में रखा गया है. जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ लग रही हैं. स्थानीय लोगो द्वारा किये गए इस कार्य को भक्तों द्वारा सराहा भी गया है । झांकी की एक और विशेषता है कि इसमें मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि, श्री राम जन्मभूमि अयोध्या एवं भगवान बालमुकुन्द गणेशजी मटकी फोड़ लीला को एक साथ बताई गई है ।
किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल द्वारा बताया गया है कि हर बार यहा पर दर्शनार्थियों का ताता़ लगता है और हर कोई दर्शन करके भाव विभोर हो जाता है । मण्डल को इस झांकी को तैयार करने में 2 महिने का समय लगा है । झांकी को थर्मोकॉल, लोहा, मिट्टी आदि से डिजाइन किया गया है । इस झांकी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बाँसवाड़ा जिले की एक मात्र चलचलित सम्पूर्ण रुप से कम्प्यूटराईज़्ाड ऑटोमेटिक झांकी है । आपको बता दिया जाए कि यह मण्डल प्रतिवर्ष चर्चा का विषय रहता है एवं सभी पाण्डालों से हट कर झांकी तैयार करता है जैसे की – श्री राम मंदिर मॉडल, प्रभु रथ में हुए सवार, कालिया मर्दन, सागर मंथन, मटकी फोड़ आदि झांकी प्रतिवर्ष स्थापित कर आकर्षण का केन्द्र बना रहता है । इस किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज को भारत साधुसमाज के महामंत्री – महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज पीठाधीश्वर तपोभूमि लालीवाव मठ द्वारा संकल्प भी दिलाया गया है कि प्रतिवर्ष छोटी प्रतिमां स्थापित कि जाए तो यह बालमुकुन्द गणेश मण्डल प्रतिवर्ष 2 से 3 फिट की छोटी प्रतिमां स्थापित करता है एवं उन्हीं के मार्गदर्शन में झांकी तैयार करता है । इस वर्ष बालमुकुन्द मण्डल की प्रतिमा मात्र 24 इंच की है और थर्माकोल से झांकी तैयार करने के बाद 9 फिट की है वह भी बाँसवाड़ा शहर के माने जाने कलाकार मांगीलालजी प्रजापत द्वारा मिट्टी से बनाई गई है ।
बालमुकुन्द रजत छत्र का भव्य लोकार्पण
बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज द्वारा गुरुवार को रजत छत्र का भव्य लोकार्पण किया गया । बालमुकुन्द दरबार में रजत छत्र का लोकार्पण के अवसर पर भगवान के जयकारों, शंखनाद, ढ़ोल नगारों एवं भजनों की धून पर वातावरण भक्तिमय हो गया । इसके पश्चात् तेली समाज के आचार्य श्री योगेशजी जोशी द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा बालमुकुन्द छत्र की पूजा की गई । इसके पश्चात तेली समाज के जिलाध्यक्ष श्री नारायणलाल सलाडि़या, किशनपोल ईकाई अध्यक्ष, पृथ्वीगंज ईकाई अध्यक्ष, प्रगति नगर ईकाई अध्यक्ष, श्री राधाकृष्ण मंदिर विकास समिति अध्यक्ष आदि समाज के वरिष्ठजनों द्वारा छत्र से लाल कपड़ा हटाकर लोकापर्ण किया गया । लोकार्पण होते ही आपने ‘चांदी नां छत्र पहराउ मारा बालमुकुन्द’ भजन भगवान को रिझाया गया एवं भगवान बालमुकुन्द गणेशजी को छत्र सपर्पित किया गया । आपको बता दे बालमुकुन्द गणेश मण्डल की पिछले 12 वर्षों से गणेशोत्सव की बचत राशि थी उससे 3 किलो 1.97 ग्राम रजत (चांदी) के छत्र का निर्माण करवाया गया ।
श्री राधा-वल्लभ मण्डल के भजनों में देर रात तक झूमें गणेश भक्त
बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज में गुरुवार को श्री राधा-वल्लभ हनुमान कथा मण्डल द्वारा भव्य भजन संध्या का आयोजन हुआ । जिसमें बालमकुन्द दरबार भक्तिमय हो गया । इसके साथ ही बालमुकुन्द गणेश मण्डल द्वारा श्री राधावल्लभ मण्डल का स्वागत, वंदन एवं अभिनंदन के साथ ही फाग के भजनों की शुरुआत की गई । रामा गाईये गणपति जगवंदन, भरोसा आपका गुरुदेव संभालों ना करो देरी, साथ अगर गुरुवर का हो तो नाम और इज्जत क्या मांगे, राधे श्याम सपनों में आये, बालमुकुन्द तेरा ऐसान होगा तेरा ऐसान होगा, दिगम्बर खेले मसाने मे होरी, बालमुकुन्द आप हमारे हो हमारे हि रहोगे आदि भजनों के साथ सुंदर प्रस्तुति दी जिसमें भक्तों ने देर रात तक फाग भजनों का भगवान गणेश के सान्निध्य में भरपुर आनंद लिया एवं भक्तों ने अपने जीवन को भक्ति से रंग डाला ।
भजन संध्या में उड़ा 51 किलो गुलाब पुष्प व इत्र
बालमुकुन्द चौक पर बालमुकुन्द गणेशजी के साथ भक्तों ने भजनों का आनदं लिया । इस दौरान 51 किलो पुष्प व इत्र उड़ा । भजनों द्वारा बालमुकुन्द गणेशजी को रिझाया गया । भजन संध्या में पुरुष, महिलाएं, युवा एवं बच्चों ने बड़े ही जोश के साथ भरपुर आनंद प्राप्त लिया । जिसमें भजनों पर उपस्थित लोग भी भक्ति में मगन होकर जमकर नृत्य किया। इस मौके पर भगवान गणेश का विशेष श्रंगार किया गया, जो भक्तों के बीच आकर्षण का केन्द्र रहा। गुलाब के फूल की पत्तियों के रंग, श्रद्धा के साथ खुशबु से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। भक्तजन पुरूष, महिला, बालक व बालिकायें मीठे-मीठे भजनों में इतना रम गये कि भक्तजन अपने आप को रोक नहीं सके और श्रद्धा के साथ नाचने लग गये। हर भक्त ने बालमुकुन्द के दरबार में गुलाब के फूलों की पतियों के साथ होली खेलते हुये भजनों में रम कर नाच आनन्द के साथ धर्म का लाभ लिया। कार्यक्रम में मौजूद लोग भजनों व गीतों पर जमकर थिरके। उन्होंने बताया यहां आकर ऐसा लगा जैसे गोकुल वंृदावन में बैठे हों।