ग्रेटर नोएडा । ( अजय आर्य ) यहां स्थित ग्राम इकला में आर्य बंधु परिवार द्वारा आयोजित किया गया यजुर्वेद पारायण यज्ञ संपन्न हो गया। इस अवसर पर यज्ञ के ब्रह्मा रहे आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान कुलदीप विद्यार्थी जी ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि वेद विश्व की सबसे सुंदर व्यवस्था का नाम है। वेद ने मानव के जीवन को उत्कृष्टतम बनाने का विधान किया है। इस प्रकार वेद सृष्टि का आदि संविधान है। जिसे परमपिता परमेश्वर ने सृष्टि के प्रारंभ में मानव जाति को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज वेद की व्यवस्था पर अनेक प्रकार के संकट मंडरा रहे हैं। जिनके प्रति प्रत्येक सनातनी को गंभीर होने की आवश्यकता है । यदि आज समय को हम चूक गए तो वेद की व्यवस्था और विधान के अस्तित्व को बचाया नहीं जा सकेगा। श्री विद्यार्थी ने कहा कि भारत के अनेक ऋषियों महात्माओं, सम्राटों चक्रवर्ती राजाओं ने वेद की व्यवस्था के लिए संपूर्ण विश्व में क्रांतिकारी कार्य किया ।आज उनके जीवन से हमें शिक्षा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध इतिहासकार और आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के प्रधान डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि उत्तरायण और दक्षिणायन सूर्य की दो गतियों के आधार पर हमारे ऋषियों ने संपूर्ण भूमंडल पर उत्तरापथ और दक्षिणापथ स्थापित कर संपूर्ण विश्व को एक सूत्र में करने का महानतम कार्य संपादित किया था। जिस पर आज विशेष अनुसंधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमने अनेक विश्वविद्यालय स्थापित कर दुनिया भर के विद्यार्थियों को यहां आमंत्रित कर उन्हें सुशिक्षित करने का प्रशंसनीय कार्य किया था। तब संपूर्ण भूमंडल पर आर्यों का राज्य हुआ करता था। आज यदि हमारी संस्कृति को गंभीर खतरा दिखाई दे रहे हैं तो हमें अपने गौरवपूर्ण इतिहास से शिक्षा लेने की आवश्यकता है और उसी के अनुसार कार्य करने के लिए संकल्प धारण कर हम आगे बढ़ें।
डॉ आर्य ने कहा कि भारत के इतिहास पर गहनतम अनुसंधान करने की आवश्यकता है। जितना ही हम इसके इतिहास को खंगालने का प्रयास करेंगे उतना ही हमें आर्य वैदिक संस्कृति की महानता और उत्कृष्टता का बोध होता चला जाएगा। यही हमारा गौरवबोध होगा । यही हमारा राष्ट्रबोध होगा और यही हमारा इतिहास बोध होता।
उत्तर प्रदेश आर्य प्रतिनिधि सभा के सचिव और आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गाजियाबाद के प्रधान रहे श्री ज्ञानेंद्र आर्य ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम वेदों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए समर्पित किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत ऋषि और कृषि का देश है जब तक इसके मौलिक संदेश को जन-जन तक नहीं पहुंचाया जाएगा तब तक विश्व शांति होना संभव नहीं है। आर्य बंधु परिवार द्वारा आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में श्री देवेंद्र सिंह आर्य श्री सत्येंद्र कुमार आर्य व उनके अन्य परिजनों का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर उगता भारत ट्रस्ट के अध्यक्ष कई पुस्तकों के लेखक तथा भारतीय दर्शन और उपनिषदों के विद्वान श्री देवेंद्र सिंह आर्य, श्री राजपाल सिंह बैसोया, श्री होली चंद, राकेश कुमार आर्य ग्राम टीला, श्री वेद प्रकाश आर्य आदि सहित सैकड़ो विद्वान उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन श्री निरंजन आर्य द्वारा किया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध भजनोपदेशिका आचार्य छवि आर्या और सत्येंद्र भगत जी द्वारा भजनों के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन किया गया। यह कार्यक्रम श्री राजेंद्र नागर के पौत्र वसु आर्य के पांचवे जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था।
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