ग्रेटर नोएडा।( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित भारतीय आदर्श इंटर कॉलेज तिलपता जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यापक, शिक्षाविद और शिक्षा क्षेत्र के लिए समर्पित श्री बालचंद नागर को बेस्ट टीचर अवार्ड दिया गया है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर आयोजित किए गए एक विशेष कार्यक्रम में श्री नागर को यह अवार्ड एमिटी कॉलेज में अमर उजाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दिया गया। इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक सहित क्षेत्र के जन प्रतिनिधि दादरी विधायक श्री तेजपाल सिंह नागर और सांसद श्री महेश शर्मा सहित कई विशिष्ट जन उपस्थित थे।
श्री नागर को यह अवार्ड उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक और सांसद श्री महेश शर्मा द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री पाठक ने कहा कि अध्यापकों का सम्मान करना योगी सरकार का सर्वोपरि कर्तव्य है। सुसंस्कृत नागरिकों का निर्माण करना अध्यापक का सबसे बड़ा कार्य होता है। यदि किसी देश को वास्तव में शांति का प्रतीक बनाना है तो अच्छे अध्यापकों का होना आवश्यक है। सांसद श्री शर्मा ने अन्य सभी अवॉर्डी अध्यापकों और श्री नागर के शिक्षा जगत के लिए किए गए योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमें सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन से प्रेरणा लेकर शिक्षकों के प्रति विशेष सम्मान भाव रखना चाहिए। क्योंकि शिक्षक ही राष्ट्र के निर्माता होते हैं। इसी प्रकार के विचार व्यक्त करते हुए विधायक श्री तेजपाल सिंह नागर ने कहा कि शिक्षक होने के नाते वह इस बात को भली प्रकार जानते हैं कि एक अध्यापक किस प्रकार छात्रों के जीवन को राष्ट्र के लिए उपयोगी बनाने में सक्षम होता है ? इसलिए शिक्षकों का सम्मान करना हम सबका दायित्व है।
श्री बालचंद नागर ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों का भविष्य निर्मित करना प्रत्येक अध्यापक का दायित्व होता है। हमें केवल वेतन भोगी बने रहकर पेट पालने के लिए नौकरी नहीं करनी चाहिए बल्कि हम अपने आप को इस बात के प्रति सजग और सावधान बनाए रखें कि हम शिक्षक के रूप में राष्ट्र के निर्माता हैं। प्रत्येक बच्चा हमारे हाथ में एक कच्ची मिट्टी के रूप में आता है जिसे सुंदर से सुंदर मूर्ति बनाकर हम समाज को प्रदान करते हैं। मैंने इसी भाव से शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा था और इसी भाव से राष्ट्र सेवा के अपने दायित्व में लगा हुआ हूं।
” उगता भारत ” के साथ एक विशेष बातचीत में श्री नागर ने कहा कि शिक्षा , सेवा और संस्कार उनके जीवन का मूल मंत्र है। इसी भाव से वह राष्ट्र निर्माण में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चा एक गमला होता है। जिससे मैं हम जैसा पौधा चाहे रोप सकते हैं। उसके जीवन को सुगंधित करना, यशस्वी बनाना, तेजस्वी और ओजस्वी बनाना शिक्षक का ही कार्य होता है। यदि शिक्षक अपने इस कर्तव्य भाव के प्रति समर्पित है तो निश्चित रूप से वह राष्ट्र निर्माता का सम्मान प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मुझे अपने माता-पिता के द्वारा जो संस्कार प्राप्त हुए उसके चलते ही समाज से मुझे अनेक स्थानों पर अनेक प्रकार के सम्मान प्राप्त हुए हैं। मैं अपने इन सम्मानों को अपने माता-पिता के दिए गए आशीर्वाद और समाज की विशेष कृपा ही मानता हूं। इसलिए मैं इन सब के प्रति अपने आप को ऋणी अनुभव करता हूं।
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