लिंगच्छेदी महामद का खतनानाक मायाजाल !!

आजकल मुल्ले हिंदुओं को गुमराह करने के लिए हिन्दू ग्रंथों का अनर्थ करके इस्लाम का प्रचार कर रहे है , इटावा निवासी मौलाना “जरसीस अंसारी – جرجیس انصاری ” ने यू ट्यूब में एक विडिओ डाला है ,जिसमे कहा गया है कि हिन्दू ग्रंथों में मुहम्मद को अवतार बताया गया है ,और शिव जी ने उसे लोगों की खतना करने और इस्लाम स्वीकार करने का आदेश दिया है .इस पाखंडी धूर्त मुल्ले को हम अगले लेख में जवाब देंगे ,भविष्य पुराण में मुहमद का नाम ,लिंगच्छेदी महामद है
सब जानते हैं कि मुस्लमान अपने बच्चों की 5 -6 साल की आयु में ही खतना करा देते हैं , जब बच्चे अबोध होते हैं ,लिंग की चमड़ी निकाल देने को अरबी में “खतना -ختنہ ” और हिब्रू में ” मूलाह – מוּלָה ” कहा जाता है और अंग्रेजी में इसे कहते हैं , खतना मुस्लमान होने की निशानी है ,खतना वाले मुस्लिम को सामान्य बोलचाल में ” कटुआ ” कहते हैं , और मुस्लिम मौलवियों को आदर से “कटमुल्ला ” कहते है , केकिन अधिकांश लोग नहीं जानते की कुरान में खतना करने का कोई आदेश नहीं है , कारन पूछने पर मुल्ले कहते हैं कि खतना करना अल्लाह के नबी इब्राहिम की सुन्नत है , अगर ऐसा ही है तो मुल्ले ईसा मसीह की सुन्नत को क्यों नहीं मानते ? वह भी तो अल्लाह के नबी थे ,,और मुहम्मद से सिर्फ 660 पहले हुए थे ,उन्होंने खतना को जरुरी नहीं बताया
1-ईसा खतना अनिवार्य नहीं मानते थे
यहूदी होने की क्या बड़ाई , और खतना कराने का क्या लाभ ? रोमन 3:1
क्या परमेश्वर केवल यहूदियों का ही है ?नहीं , हाँ अन्य जातियों का भी है , क्योंकि एक ही ईश्वर है जो खतना वालों का उनके कर्मो से और खतना रहितों को उनके कर्मो से धर्मी ठहराएगा ” रोमन 3:30 -31 .
अब प्रश्न यह उठता है कि ऐसा कौन सा कारण था कि मुहम्मद ने ईसा की बात को ठुकराकर इब्राहिम का अनुसरण किया और मुस्लिमों में खतना करना अनिवार्य कर दिया ?
2-रसूली मायाजाल
असल कारण यह है कि मुहम्मद साहब ने जितने मुसलमान बनाये थे उनमेसे अधिकांश या तो भय के कारण बने थे या फिर जिहाद में मिलने वाले माल और लूट में पकड़ी गयी औरतों के लालच में बने थे , कुछ तो ऐसे भी सहाबा थे जिनकी नजर मुहम्मद की पत्नियों पर रहती थी , ऐसे लोग कहते थे अगर रसूल मर जाएँ ,तो हम उनकी पत्नियों से शादी कर लेंगे , इसीलिए मुहम्मद को हमेशा डर लगा रहता था ,कि अगर किसी कारण उनके साथी इस्लाम छोड़ कर वापिस अपने धर्म में चले जायेंगे तो उनका पूरे विश्व को मुस्लिम बनाने का सपना पूरा कैसे होगा ,इसलिए मुहम्मद साहब ऐसी तरकीब सोचने लगे , जिस से नए बने मुस्लिम ऐसे जाल में फंस जाएँ जिस से जिंदगी भर बाहर नहीं निकल सकें ,चूँकि मुहम्मद को यहूदी और ईसाई धर्म का अच्छा ज्ञान थे इसलिए उन्होंने वही तरकीब अपनाई जो ईसा से काफी साल पहले इब्राहिम ने अपनाई थी ,मुहम्मद ने इसका नाम “सुन्नते इब्राहीम ” रख दिया , यानी इब्राहिम का अनुसरण ,
2-इब्राहीम का परिचय
इब्राहिम का जन्म ईसा पूर्व 1950 में हुआ था , हिब्रू में उसे “अबराहाम – אַבְרָהָם‎ ” और अरबी में “इब्राहिम – إِبْـرَاهِـيْـم‎ ” कहा जाता है .इस्लामी मान्यता के अनुसार 175 साल जिन्दा रहा
,इसका पूरा परिवार पापी , कुकर्मी , और झूठा था ,
इब्राहीम के बाप का नाम “तेरह ” था ,जब उसकी आयु सत्तर साल थी तो उसके अब्राम , नाहोर और हारान नामके पुत्र हुए , हारान का पुत्र लूत था ,
बाइबिल -उत्पति 11 :26 (मुस्लमान इनको अल्लाह के नबी मानते हैं ,लूत महापापी था , उसने शराब के नशे में आकर अपनी ही पुत्रिओं के साथ सम्भोग किया , जिस से उसकी दौनों पुत्रियां गर्भवती हो गयी
,उत्पत्ति 19 :35 -36
इब्राहिम के कबीले में लड़कों के साथ कुकर्म करने का रिवाज था , इसलिए इब्राहिम अपनी जगह बदलता रहता था ,और 86 साल की आयु हो जाने पर इब्राहिम की कोई औलाद नहीं हो सकी ,और जब इब्राहिम ऊर नामक जगह गया तो उसे हाजिरा नामकी एक मिश्री लौड़ी मिली , इब्राहिम ने उस से सहवास किया कि शायद उस से कोई संतान हो जाए
बाइबिल उत्पति अध्याय 16
3-झूठा व्यक्ति था
इब्राहिम को झूठ बोलने की बुरी आदत थी , हदीस में उसके झूठ बोलने का प्रमाण है ,
“अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया कि इब्राहिम ने तीन बार झठ बोला था ”
सही बुखारी -जिल्द 4 किताब 55 हदीस 578
वह दावा करता था कि वह जो भी करता है , सपने में उसका आदेश ईश्वर देता है
4-इब्राहिम को फिमोसिस रोग हो गया था
कुरान के अनुसार इब्राहीम को बीमारी लग गयी थी ,
इब्राहिम ने कहा कि ” इन्नी सकीमुन – فَقَالَ إِنِّي سَقِيمٌ
“सूरा -साफ़्फ़ात 37:89
” Igot a desease” (37:89)
अरबी में” सकीम – سَقِيمٌ ” का अर्थ ऐसी बीमारी को कहा जाता है , जिसे बताया नहीं जा सकता है , यानी गुप्त रोग , शायद इब्राहिम को “फीमोसिस ( Phimosis ) हो गया था ,इस से लिंग मुंड के ऊपर की चमड़ी सूज जाती है , और चमड़ी आगे पीछे नहीं हो पाती है ,इस से पेशाब करने में कष्ट होता है उन दिनों कोई सर्जन नहीं था
(Phimosis is a desease in which the foreskin of the penis cannot be pulled back)
फाइमोसिस(phimosis)
https://tinyurl.com/3heykt83
.इस बीमारी का एकमात्र इलाज लिंग की चमड़ी निकाल देना है ,
5-इब्राहिम ने खतना क्यों और कब करवाई थी
इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इब्राहिम ने खुद ही कुल्हाड़ी से अपने लिंग की चमड़ी काट डाली , यह दुनिया का पहला खतना था ,बाइबिल के अनुसार उस समय इब्राहिम की आयु 99 साल थी
,बाइबिल -उत्पत्ति अध्याय 17 आयत 1
यही बात बुखारी में लिखी है
अबू हुरैरा ने कहा की रसूल ने बताया की इब्राहिम ने खुद एक अ द जे (कुल्हाड़ी ) अपनी खतना कर ली थी ,उसकी आयु 80 साल थी
Narrated Abu Huraira:
Allah’s Messenger (ﷺ) said, “Abraham did his circumcision with an adze* at the age of eighty.”
“‏ اخْتَتَنَ إِبْرَاهِيمُ ـ عَلَيْهِ السَّلاَمُ ـ وَهْوَ ابْنُ ثَمَانِينَ سَنَةً بِالْقَدُّومِ ‏”‏‏.‏ حَدَّثَنَا أَبُو الْيَمَانِ أَخْبَرَنَا شُعَيْبٌ حَدَّثَنَا أَبُو الزِّنَادِ ‏”‏ بِالْقَدُومِ
Reference : Sahih al-Bukhari 3356
In-book reference : Book 60, Hadith 31
USC-MSA web (English) reference : Vol. 4, Book 55, Hadith 575
https://sunnah.com/bukhari:3356
नॉट – कुल्हाड़ी को अरबी ‘अल क़दूम – لقدوم,” और हिब्रू में “अदजा – אדז’ה ” कहा जाता है अंगरेजी में adze है
लेकिन जब इब्राहिम के परिवार के और कबीले के लोगों को पता चला की इब्राहिम ने अपने लिंग की चमड़ी काट कर फेक दी तो लोग उसका मजाक उड़ाने लगे , तब इब्राहिम ने लोगों का मुंह बंद करने के लिए एक चाल चली
6-इब्राहिम की चालाकी
लिंग की खतना करने का आदेश कुरान में नहीं है ,लेकिन तौरेत यानी बाइबिल के पुराने नियम (Old Testament ) की पुस्तक “उत्पत्ति (Genesis ) के अध्याय 17 की आयत 2 से 14 तक इसके बारे में विस्तार से बताया गया है , उसका सारांश यहाँ पर दिया जा रहा है ,
शर्मिंदगी से बचने के लिए इब्राहिम ने एक तरकीब निकाली और लोगों को बुला कर कहा ,
यहोवा (अल्लाह ) ने मुझे एक जगह बुलाया और कहा की मैं तुझे सिद्ध बना दूंगा , अगर तू मेरे साथ वचनवद्ध हो जाये ,तेरे कुल में में राजा होंगे लेकिन मेरे वचन का पालन करना , तेरे कुल के हर पुरष को खतना करना होगी ,पीढ़ी दर पीढ़ी तुम्हारी यही पहिचान होगी , और जब बच्चा आठ दिन का हो जाए तभी उसकी खतना करा देना ,यही नहीं खरीदे हुए दूसरी जाती के लोगों की भी खतना करा देना ,क्योंकि लिंग की खलड़ी कटी देह में मेरी वाचा का निवास है , और अगर कोई खतना नहीं कराये उसका नाश कर देना ,क्योंकि यह मेरी वाचा की निशानी (Agreement ) है .
7-रसूल ने खतना अनिवार्य क्यों किया ?
वैसे तो मुहम्मद खुद को इब्राहीम का वंशज ,और इब्राहिम को अपना मूल पिता मानते थे , लेकिन अनपढ़ होने पर भी वह चालाकी और चतुराई के मामले में इब्राहीम के बाप थे , उनको इब्राहीम की यह कथा मालूम थी ,क्योंकि यहूदी खतना करते थे , मुहम्मद ने देखा कि अगर खतना से लिंग की चमड़ी निकाल जाती है तो दोबारा नहीं उगती , जबकि शरीर के अन्य भागों की चमड़ी नकाल दी जाये तो फिर से उग जाती है ,यह देख कर मुहम्मद ने पुरुषों और स्त्रिओं का खतना अनिवार्य कर दिया ,इसका कारण यह हैं
A-मर्दों का खतना
उस समय अरब के जंगली मुर्ख मुसलमान इसलिए नहीं बने कि इस्लाम सच्चा धर्म है बल्कि वह जिहाद में मिलने वाले लूट के माल और औरतों ले लालच में मुस्लमान बने थे , मुहम्मद को डर था कि अगर इन लोगों को औरत और मॉल नहीं मिलेगा तो यह वापस मूर्ति पूजक बन जायेगे , और अगर इनकी खतना करा दी जाए तो यह सदा के लिए कटुए बने रहेंगे , यानी जोभी एकबार इस्लाम के गड्ढे में गिर जायेगा मरते दम तक बहार नहीं निकल सकेगा
B-औरतों की खतना
इस्लाम में औरतों को बच्चे पैदा करने की मशीन माना गया है अरब के लोग औरतों के शौक़ीन होते है , मुहम्मद को डर था कि कहीं कोई मुस्लिम लड़की किसी गैर मुस्लिम से शादी नहीं कर ले , इसलिए मुहम्मद ने औरतों की खतना का हुक्म दिया , औरतों की खतना में उसकी योनी की भगनासा Clitoris( ) पूरी तरह से छील दी जाती है , जिस से स्त्री की योनि इतनी विद्रूप , घिनावनी , और डरावनी हो जाती है , जिसे देख कर कोई शादी तो क्या उस पर थूकना भी पसंद नहीं करेगा , यही कारन है कि मुस्लिम युवक लव जिहाद में किसी मुस्लिम लड़की को नहीं फसाते ,यही कारण है कि मुल्ले मौलवी छोटी छोटी मुस्लिम बच्चियों से बलात्कार नहीं करते , किसी मुस्लिम युवती या औरत से बलात्कार नहीं करते
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बृजनंदन शर्मा

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