Categories
इसलाम और शाकाहार

रसूल का दर्शन हो गया

अस्वीकरण -हमारा उदेश्य किसी की आस्था को आहत करना नहीं यह लेख एक स्वप्न पर आधारित है जिसका सत्यापन हम नहीं करते
हमने इस्लाम और उसके स्थापक मुहम्मद के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुरान ,हदीसें और मुहमद की जीवनी की कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन अब तक हम यही मानते आये थे की यह कल्पित और झूठी हैं लेकिन हम टी वि पर बांग्ला देश की खबरे देखते है उस से ऐसा लगता है जैसे मुहमद खुद कुरान की आयतें सुना कर सहबियों को दूसरों की सम्पति लूटने गैर मुस्लिमों के मदिर ध्वस्त करने और महिलाओं पर अत्याचार करने का आदेश दे रहा हो ,यद्यपी हमने उस मुजम्मम को नहीं देखा फिर भी हम समझ गए मुहमद का स्वभाव कैसा होगा ,उसके साथी कैसे होंगे ,और कुरान पढ़ने से मनुष्य कैसा या क्या बन जाता है
सोचिये जिन नीच बंगला देशी मुस्लिमों की भारत अक्सर मदद करता आया हैं उन्ही की हराम की औलाद आज हिन्दू महिलाओं के ऐसा बर्ताव कर रहे है तो मुहम्मद और उसके साथियों ने गैर मुस्लिम महिलाओं के साथ क्या किया होगा आज ओवैसी और साजिद रशीदी जैसे कटु अल्लाह कहते रहते हैं कि हमारे पुरखों ने कोई मंदिर नहीं तोड़े ऐसे लोगों को बांग्ला देश के वह विडिओ दिखाएँ जिन में मुसलमान मंदिर तोड़ते हुए दीखते है
इसलिए बंगला देश की घटनाओं को देख कर भी जो हिन्दू मानते हैं कि आतंकी का कोई धर्म नहीं होता या सभी मुस्लिम आतंकी नहीं होते हम उनको बताये देते है की हरेक मुस्लिम स्वभाव से लुटेरा ,आतंकी क्रूर महिलाओं का शत्रु होता केवल उनको कोई बहाना मिल जाए इन्होने ब्रिटेन में भी ऐसी योजना बना राखी है
आज जो मुर्ख हिन्दू खुद को सेकुलर मानते है और किसी दाल केनेता हों ,और धनवान होने से खुद को सुरक्षित समजते हैं उनको पता होना चाहिए की वह वोटों के लिए जिन मुस्लिमों का तुष्टिकरण कर रहे हो मौका मिलते ही वही मुस्लिम तुम्हारे एहसान भूल कर तुम्हारी सारी दौलत पर कब्ज़ा कर लेंगे ,और तुम्हारे घर की महिलायें रो रो कर दया की भीख मांगती हुई दिखाई देंगी
इसलिए सभी हिन्दू जातिवाद , छोटे बड़े का भेदभाव छोड़ और पार्टीबाजी त्याग कर एक हो जाएँ ,क्योंकि हम सभी के शत्रु मंगोलों की औलाद जिहादी है वह जब जिहाद करेंगे तो वह छोटा बड़ा ,आमिर गरीब .ऊंच नीच ,स्त्री पुरुष सबको एकहि तलवार से मार डालेंगे इसलिए दो ही विकल्प हैं
सभी हिन्दुओं को मिलजुल कर रहना होगा
या सभी को बिना भेदभाव के काफिर बता कर मार दिया जायेगा
(547)
बृजनंदन शर्मा

Comment:Cancel reply

Exit mobile version