परमात्मा का सबसे अधिक प्रशंसनीय और सुन्दर कार्य कौन है?
सभी जीवों के लिए जल चक्र किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है?
तदु प्रयक्षतममस्य कर्म दस्मस्य चारुतममस्ति दंसः।उपह््वरे यदुपरा अपिन्वन्मध्वर्णसो नद्य1श्चतस्त्रः।।
ऋग्वेद मन्त्र 1.62.6 (कुल मन्त्र 716)
(तत् उ) केवल वह ही (प्रयक्षतमम्) सर्वाधिक स्तुति हेतु (अस्य) उसका (कर्म) कार्य (दस्मस्य) जो समस्त दुर्गुणों और दुःखों का नाश करता है, उसका (चारुतमम्) सबसे सुन्दर (अस्ति) है (दंसः) यह कार्य (उपह््वरे) अन्तरक्षि में (यत्) जो (उपराः) ऊपर बादल (अपिन्वत्) जल से परिपूर्ण (मध्वर्णसः) मधुर जल वाले (नद्यः) नदियाँ (चतस्त्रः) सभी दिशाओं में सक्रिय/गतिशील।
व्याख्या:-
परमात्मा का सबसे अधिक प्रशंसनीय और सुन्दर कार्य कौन है?
ऋग्वेद 1.62.5 में जल चक्र का उल्लेख है। यह परमात्मा का सर्वाधिक प्रशंसनीय कार्य है जो सभी बुराईयों और कठिनाईयों का नाश करता है। यह सबसे सुन्दर कार्य है। अन्तरिक्ष में अर्थात् आसमान के ऊपर मधुर जल से परिपूर्ण बादल सक्रिय होकर सभी दिशाओं में घूमते हैं जैसे नदियाँ चलती हैं।
जीवन में सार्थकता: –
सभी जीवों के लिए जल चक्र किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है?
परमात्मा सभी मानवों की देखभाल शारीरिक और मानसिक रूप से करते हैं। इस दिशा में जल चक्र परमात्मा का सबसे प्रशंसनीय और सुन्दर कार्य है। केवल यही जल चक्र सभी जीवों के लिए कृषि उत्पादनों का आधार है। हमारे भोजन में भी जल ही मुख्य आधारभूत तत्त्व है। जल के बिना पृथ्वी किसी उपयोग की नहीं हो सकती थी। भूमि के अन्दर भी जल केवल वर्षा के कारण ही है।
इस जल चक्र के बिना जल केवल जलीय स्थलों के निकट रहने वाले लोगों के लिए ही उपलब्ध होता। सूर्य समुद्रीय जल को वाष्पीकृत करके बादल बनाता है जो वर्षा के रूप में सभी दूर क्षेत्रों में भी विस्तृत हो जाता है। इस प्रकार जल चक्र धरती पर सब जगह सब जीवों का पोषण उपलब्ध कराता है।
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