हिन्दू समाज के लिए जातिवाद स्लो पॉइजन है

आंखों देखी/कानों सुनी

✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”

कल मैं गुजरात प्रदेश की राजधानी गांधीनगर पहुंचा। गुजरात प्रदेश में सड़कों के दोनों ओर हरियाली और सुंदर पार्क देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा।
गुजरात के लोग वास्तव में बेहद तरक़्क़ी पसंद और व्यापारिक उद्देश्यों को साधने वाले हैं।
अगर किसी को यह देखना है कि भारतीय जनता पार्टी कैसे विकास करती है, तो उसे एक बार गुजरात जरूर आना चाहिए। विशेष तौर पर गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर जरूर देखें।

अभी तक मैं करीब 12-14 प्रदेश घूम चुका हूं, जिसमें गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार प्रमुख हैं। उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख ज़िले जिसमें वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर आदि मुख्य हैं। लेकिन पंजाब और गुजरात में मुझे विशेष रूप से विकास की झलक दिखाई दी है।

उत्तर प्रदेश में अभी तक केवल जातिवाद, सम्प्रदायवाद और माफियाओं के अतिरिक्त किसी अन्य दिशा में कोई विकास नहीं हुआ है।

उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों की संख्या टिड्डी दल की तरह बढ़ रही है, औऱ वह लगातार राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों के लिए खतरे की घण्टियाँ बजा रहे हैं।
लेकिन इस सबके पीछे का सबसे बड़ा कारण है- जातिवाद। जिसके कारण देशद्रोही ताकतों को बल मिलता है।
हिन्दू समाज और हिंदुस्तान के लिये जातिवाद सबसे बड़ा खतरा है, जिसे क्षेत्रीय पार्टियां हवा दे रही हैं। जिन्हें देश या प्रदेश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है।

✍️समाचार सम्पादक, हिंदी समाचार-पत्र,
उगता भारत
9058118317

👉यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं, इनसे आपका सहमत होना, न होना आवश्यक नहीं है।

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