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आज का चिंतन पर्व – त्यौहार

हम श्री कृष्ण जी का कौन सा जन्म दिवस मना रहे हैं आईए जानते हैं। श्री कृष्ण जी के जन्मदिवस की शुभकामनाएं

कलियुग का प्रारंभ 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व रात्रि के 2:27 बजकर 30 सेकंड पर हुआ था।
विष्णुपुराण , हरिवंश पुराण ,श्रीमद्भागवत, एवं अन्य उपलब्ध साहित्य के अनुसार एवं प्रचलित मान्यताओं के अनुसार योगीराज कृष्णजी महाराज का जन्म 3228 ईसा पूर्व होना लिखा है।
ज्ञातव्य है कि जब नौ ग्रह एक युति( एक लाइन अथवा पंक्ति)में आ जाते हैं तब एक युग का अवसान एवं दूसरे युग का प्रारंभ होता है।
ऐसा 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व को हुआ था। हरिवंश पुराण में श्रावण मास की अमावस्या के पूर्व कृष्ण पक्ष में अष्टमी के दिन होना लिखा है। भाद्रपद की अष्टमी नहीं लिखी है।
जिस दिन कलियुग का प्रारंभ हुआ। तब कलियुग की शुरुआत हो रही थी ।उसी समय महाभारत का युद्ध चल रहा था।
कृष्ण जी महाराज ने कलयुग प्रारंभ होने की घोषणा महाभारत युद्ध के दौरान उसी समय कर दी नंथी।
18 फरवरी 3102 ईसापूर्व और वर्तमान के ईशा 2024 सन चल रही है। दोनों का योग करने पर 5126 वर्ष आते हैं। यही कलयुगाब्द का वास्तविक समय है।
लेकिन कुछ विद्वान साथी कलियुगाब्द की गणना में भिन्नता बताते हैं । 5124 वर्ष भी अधिकतर कहते हैं। परंतु सही गणना 5126 ही आती है।
यह 2 वर्ष का अंतर इसलिए हो सकता है कि कलियुग के प्रारंभ होने के 2 वर्ष बाद कलियुगाब्द की गणना करनी शुरू की गई हो।
वैसे कलियुगाब्द कलियुग के प्रारंभ पर चालू हुआ एक संवत है जो विश्व का सृष्टि संवत के अतिरिक्त एकमात्र प्रमाणिक संवत है।

भक्तिमार्गियों के अनुसार महाभारत का युद्ध 3139 ईसा पूर्व में हुआ था। उनकी ऐसी मान्यता है कि जब तक कृष्ण जी जीवित रहे उन्होंने कलिकाल का प्रभाव नहीं आने दिया ।इसलिए वे ऐसा कहते अथवा मानते हैं। लेकिन यह विचार अथवा सिद्धांत सृष्टि नियम के विपरीत है अतः यह मान्यता उचित नहीं है।
इतिहासकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुन्शी एक विद्वान लेखक हैं जिन्होंने “कृष्णावतार” पुस्तक लिखी है,उनके अनुसार श्री कृष्णजी के महाप्रयाण के तत्काल बाद 7 दिन और 7 रात तक तेज आंधी और बारिश होती रही ।समुद्र में तूफान आते रहे और द्वारका नगरी डूब गई। उनके द्वारा श्री कृष्ण जी का जन्म 3228 ईसा पूर्व होना निश्चित रूप से लिखा गया है।
श्री कृष्ण जी महाराज की आयु महाभारत के समय 128 वर्ष की थी। परंतु 3228 ईसा पूर्व से कलियुग के प्रारंभ होने के वर्ष 3102 ईसा पूर्व को घटाने पर 126 वर्ष आते हैं। कुछ विद्वान इसको कम या अधिक भी लिखते हैं।परंतु प्रमाणिकता एवं निकटता 128 अथवा 126 वर्ष होना ही अधिक पाई जाती है। एक दो वर्ष का अंतर बहुत महत्व नहीं रखता परंतु यह सिद्ध हो गया है कि महाभारत के युद्ध से 126 या 128 पूर्व श्री कृष्ण जी पैदा हो चुके थे।
इस प्रकार हम देखते हैं कि कलियुग के प्रारंभ होने पर कृष्ण जी की आयु 126 वर्ष( 3228 में से 3102 वर्ष घटाने पर ) निश्चित रूप से आती है यह साक्ष्य उपलब्ध है कि महाभारत के 36 वर्ष बाद कृष्ण जी का महाप्रयाण हुआ था।क्योंकि कृष्ण जी की मृत्यु के समय उनकी आयु का जो उल्लेख आता है वह 163 वर्ष 8 माह होना पाया जाता है।
परंतु दूसरी गणना के अनुसार 162 वर्ष आयु के हो जाते हैं ।
इन दोनों में से कोई सी भी बात मान लें लेकिन यह तो निश्चित है की कृष्ण जी की आयु मृत्यु के समय 162 या 164 वर्ष के लगभग अवश्य रही होगी।
कलियुग के 5126 वर्षों में कृष्ण जी की आयु के 128 वर्ष जोड़ने पर 5254 वर्ष उनके जन्म को अब तक हो गए। इस प्रकार योगीराज कृष्ण जी का महाराज इस वर्ष 5254 वां जन्मदिन मनाया जा रहा है।
परंतु दूसरी गणना के अनुसार 126 वर्ष गिनने पर 5252 वां जन्मदिन मना रहे हैं।
फिर भी लोगों में भ्रांति की स्थिति और विचार भिन्नता पाई जाती है। जब हम रक्षाबंधन ,जन्माष्टमी अथवा अन्य पर्व दो मना सकते हैं तो यह 164 अथवा 162 वर्ष में से कोई सी एक भी मान लेना चाहिए।
देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन उगता भारत समाचार पत्र

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