बंगलादेश की घटनाओं से चिन्तित हिन्दू पुछते हैं कि इस तरह कि अराजकता और धार्मिक हिंसा का हल क्या है हम अपना,परिवार का और देश का भविष्य सुरक्षित कैसे करें ?
उनके इस प्रश्न का उत्तर :-
धर्म के नाम पर अधर्म का पालन करोगे तो , धर्म की रक्षा कैसे होगी??
धर्म कहता है समाज को जगाओ , पर हिन्दू रात रात भर जागरण करके ईश्वर को जगाता है
धर्म कहता है शत्रुओं का विनाश करो, पर हिन्दू शत्रुओं को भाई कहकर इफ्तारी देता है
धर्म कहता है ईश्वर सिर्फ सहायता करेगा अगर तुम संघर्ष करोगे, पर हिन्दू सिर्फ ईश्वर और किसी अवतार के ही भरोसे बैठा है
धर्म कहता है ईश्वर सभी प्राणियों के ह्रदय में है पर हिन्दू ईश्वर को पता नही कहां कहां अनेकों मूर्तियों क़ब्रों गुरू घंटालों में ढूंढता फिरता है
धर्म कहता है धर्म का सम्बंध तर्क व अनुसंधान से है (यस्तर्केणानुसंधते स धर्म वेदनेतरः मनुस्मृति ४:८६ ) पर हिन्दू पाखण्ड अंधविश्वास ढोंग धर्म के नाम पर करता है।
जब वेदों के अनुसार जिओगे , विजय प्राप्त करोगे
जातिवाद, व्यसन, सेक्युलरिज्म, जड़पुजा ये सभी वेद विरुद्ध कुरीतियाँ है।
श्री राम, कृष्ण , हनुमान व आचार्य चाणक्य ने वेद अनुसार जीवन जिया इसलिए वे धर्म की रक्षा कर पाए।
याद रखना तुम्हारी रक्षा करने कोई अवतार, कोई माता, कोई देवता नही आने वाला।
वेद वर्णित ईश्वर प्रतिपल चेतन है, निरन्तर जागता रहता है, ना थकता है ना सोता है।
अरे हिन्दुओ ईश्वर को घंटियाँ बजा कर मत जगाओ , ये मेहनत अपने आप को जगाने मे लगा दो।
ये पुरूषार्थ वेद विद्या पाने में लगा दो।
अपना धन पंडाल सजाने मे नही बल्कि वेद विद्या पाने में लगा दो, हिन्दू युवाओं की जागृति मे लगा दो।
वैदिक धर्म का ज़ोर शोर से प्रचार करो जो अपने मूल धर्म को छोड़कर विधर्मी हो गये उनकी घर वापसी करवायें। एक धर्म एक धर्म पुस्तक वेद एक निराकार ईश्वर के तले सब देशवासियों को लाएं।
अगर कोई हल न निकले तो तुम्हे ही शस्त्र उठाकर धर्म रक्षा और आत्म रक्षा का कार्य करना होगा। यह वेद आज्ञा है
वेद वर्णित ईश्वर प्रतिपल चेतन है, निरन्तर जागता रहता है, ना थकता है ना सोता है।
उसी ईशवर से तेज़ ,बल ,पराक्रम ,ओज प्राप्त करते हुए और मानवता के हत्यारों दुष्टों दैत्यों का सर्वनाश करने के लिए संगठित होकर धावा बोल दो। तभी तुम बचोगे और धर्म बचेगा।