“सनातन धर्म और इस्लाम मजहब “

 

स्वीडन में शरणार्थी मुस्लिमो ने आतंक मचा रखा है।
वही इसी स्वीडन में एक गांव सनातन धर्म का भी है,जो शांति,सद्भाव और पशु पक्षी प्रेमी है। प्रकृति को संवार रहा है।
स्वीडन की सरकार दोनो में अंतर स्पष्ट देख रही है और इस्लाम के 15 में से 13 मदरसों को पूरी तरह बैन कर दिया गया है। मस्जिदों के सामने आतंक की जननी कुरान को जला दिया जा रहा है।
मगर यहां हमारे सनातन संस्कृति के आदि राष्ट्र में हमारे सनातनी हिंदू ही सनातन को समाप्त करने में लगे हुए हैं।
मुस्लिम तुष्टिकरण में इतने अंधे हो चुके हैं कि अपने ही सनातन धर्म के विरोध में मुस्लिम आक्रांताओं के वंशजों का साथ दे रहे हैं। वो भूल चुके हैं कि कैसे हमारे पूर्वजों को मुस्लिम आक्रांताओं ने तड़पा तड़पा के मारा और आज भी जहां जहां उनकी जनसंख्या बढ़ती जा रही है,वहां दूसरे धर्म को मानने वालो की जिंदगी मौत में बदलती जा रही है।

यूरोप, अमेरिका,अफ्रीका और एशिया महाद्वीप के अनेकों देश मुस्लिम आक्रांताओं के द्वारा समाप्त कर दिए गए हैं। वहां के मूल निवासियों को उनकी सभ्यता और संस्कृति से अलग करके या तो मार दिया गया या जबरन इस्लाम कबूल कराया गया है।
अब भारत में “गजवा ए हिंद ” चलाया जा रहा है। अर्थात भारत को इस्लामिक देश बनाने का भयानक षड्यंत्र।
और उनके इस षड्यंत्र को पूरा सहयोग दे रही हैं इसी देश की कुछ राजनैतिक पार्टियां। वो इनके काल्पनिक और भ्रमित वोट बैंक के चक्कर में सनातन धर्म के सत्यानाश का कुचक्र रचा रहे हैं। इन पार्टियों को नही मालूम कि तुम इनका उपयोग नहीं कर रहे,बल्कि ये तुम्हे केवल एक सीढ़ी की तरह प्रयोग कर रहे हैं, जिस दिन इनकी संख्या बढ़ कर 40% पहुंच गई,उसी दिन न तुम्हारी ये पार्टियां बचेंगी ,ना तुम बचोगे,ना ये संविधान बचेगा और न ये सनातन धर्म बचेगा और न ही ये राष्ट्र बचेगा।
यकीन नही तो नजर उठाकर इनके द्वारा जबरन बनाए गए 56इस्लामिक देशों का इतिहास देख लो।
ब्रिटेन,फ्रांस,स्वीडन देख लो।
और अपने ही देश का केरल, बंगाल और कश्मीर में मारे जा रहे हिंदू देख लो।

बाकी आप समझदार हो, और कितना लिखूं, अब भी नही जागे तो परमेश्वर भी नही बचा पाएगा। इस सनातन राष्ट्र ने पहले भी करोड़ों दुख झेले हैं, हजारों हजारों महिलाओं ने मुस्लिमो से अपनी इज्जत बचाने के लिए जलती आग में कूदकर अपने प्राणों को समाप्त किया है। हजारों मासूम बच्ची बच्चो को भाले की नोक पे उछाल कर मारा गया है।
हजारों हिंदू राजाओं को तड़पा तड़पा के मारा है इन क्रूर कौम के अक्रांताओ ने।
जय श्रीराम।
जय श्रीकृष्ण।
भारत माता की जय।
आपका शुभेच्छु।
एक सनातन धर्म का सेवक।
[23/07, 07:04] Dr Sunil Arya: भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट क्यों नहीं है?

आपको जानकर हैरानी होगी कि 1965 तक मुस्लिम रेजिमेंट थी। 3 प्रमुख घटनाएं हैं जिन्होंने सेना से मुस्लिम रेजिमेंट को हटाने के लिए मजबूर किया।
पहली – 15 अक्टूबर 1947 को जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पठानों ने भारत पर हमला किया, तो पूरी सोई हुई बहादुर गोरखा कंपनी को अपनी ही बटालियन के साथी मुस्लिम सैनिकों ने मार डाला। कंपनी कमांडर प्रेम सिंह सबसे पहले शिकार बने। 30 अन्य रैंकों के साथ 2 गोरखा JCO भागने में सफल रहे और घटना की रिपोर्ट करने के लिए झंगर भाग गए। अगले दिन मेजर नसरुल्ला खान द्वारा , रात में, बेखौफ गोरखाओं की एक भयानक पुनरावृत्ति प्रदर्शन में हत्या करवा दी गई थी। उनके कमांडर कप्तान रघुबीर सिंह थापा को “जिंदा जला दिया गया”। पी.एम. नेहरू ने मामले को दबा दिया। यह सब “द मिलिट्री प्लाइट ऑफ पाकिस्तान” पुस्तक में वर्णित है।
दूसरी – पाकिस्तान के साथ 1947 के युद्ध के दौरान नेहरू द्वारा छिपाई गई एक और बड़ी बात यह थी कि कई मुसलमानों ने अपने हथियार डाल दिए और भारतीयों से लड़ने के लिए ब्रिटिश प्रमुख जॉन बर्ड के नेतृत्व में पाकिस्तान में शामिल हो गए। लेकिन बाद के चरण में ब्रिटिश प्रमुख को निलंबित कर दिया गया और तुरंत अगले जहाज पर इंग्लैंड बुला लिया गया।
स्वर्गीय सरदार पटेल इसे सार्वजनिक करना चाहते थे लेकिन गांधी द्वारा ऐसा न करने का आदेश दिया गया था।
तीसरी – 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मुस्लिम रेजीमेंट के 30,000 भारतीय सैनिकों ने न केवल पाकिस्तान से लड़ने से इनकार किया बल्कि उनका समर्थन करने के लिए हथियार लेकर पाकिस्तान चले गए।इसने भारत को बड़ी मुसीबत में डाल दिया क्योंकि उन्होंने उन पर भरोसा किया। लाल बहादुर शास्त्री ने मुस्लिम रेजिमेंट को खत्म कर दिया था।
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