गाजियाबाद । ( उभा ) केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लेते हुए जहां अपने प्रशंसकों की वाह-वाह लूटी है वही अपने आलोचकों की भी बोलती बन्द कर दी है । प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी निर्णय क्षमता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने साहस का परिचय देते हुए मां भारती को एक बार फिर गौरवान्वित कर दिया है । कश्मीर की समस्या जो देश के लिए एक नासूर बन चुकी थी , आज उसका बहुत बेहतरीन समाधान इन दोनों नेताओं की जोड़ी ने खोजा है ।
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर सोमवार को बड़ी घोषणा की। शाह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करने के साथ ही लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करने का प्रस्ताव किया है। जम्मू-कश्मीर अलग केंद्रशासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाएगा। यानी अब लद्दाख जम्मू कश्मीर का हिस्सा नहीं होगा। लद्दाख की अपनी विधानसभा नहीं होगी। लेकिन जम्मू कश्मीर में विधानसभा रहेगी।
पिछले कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि केंद्र की मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में कुछ नया और बड़ा करने जा रही है । परंतु वह नया और बड़ा इतना बेहतरीन होगा और उसके पीछे सरकार का इतना सुंदर प्रबंध होगा , यह किसी ने नहीं सोचा था । सरकार के इस निर्णय से विपक्षी दलों में भी खलबली मच गई । कई विपक्षी दलों ने सरकार के साथ खड़े रहकर अपनी इज्जत बचाने में ही लाभ देखा है । जबकि जो लोग यह कहते आ रहे थे कि इस समस्या का कोई समाधान नहीं है , उन्हें भी आज जवाब मिल गया है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो जवाब हर समस्या के हैं।