- नई दिल्ली
157 पुस्तकों के रचयिता,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विनय कुमार सिंघल के 75 वें जन्मदिवस के अवसर पर उनकी 06 पुस्तकों का विमोचन दिग्गज विभूतियों के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर चार साहित्यकारों सहित विनय जी को भी सम्मानित किया गया।काव्य गोष्ठी का आयोजन भी हुआ।
पालम विहार,गुरुग्राम में डॉ विनय जी के निज निवास पर उनके 75 वें जन्मदिवस को अमृतकाल महोत्सव के रूप में भव्यता एवं हर्षोल्लास से मनाया गया।आयोजन में दिग्गज विभूतियों में विशिष्ट अतिथि के तौर पर रेखा डेहरिया-निदेशक, पी.एम.ओ.(प्रधानमंत्री कार्यालय),इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल एवं अंतरराष्ट्रीय किसान परिषद के संस्थापक अध्यक्ष चंद्रमणि ब्रह्मदत्त,मुख्य अतिथि के रूप में वर्ल्ड रिकॉर्डधारी डॉ राकेश छोकर,सुनील हापुड़िया
योग शिक्षक जे.एन.यू.हास्य-व्यंग्य के कवि,
मंच संचालक, कामिनी श्रीवास्तव
अधिवक्ता-दिल्ली उच्च न्यायालय, संगीत विशारद,पूर्वी भारत के नृत्य में डिप्लोमा, एम.एससी.(बौटनी), एम.एड., एल एल.बी.,
ओ.पी.ओबेराॅय, सेवा निवृत्त ड्राफ्ट्समैन, भारत सरकार, एच.के.तोलानी, अधिवक्ता-दिल्ली उच्च न्यायालय ,विनोद श्रीवास्तव-अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय, संगीत विशारद , शिक्षाविद एवं कवयित्री डॉ वीणा शंकर शर्मा, प्रसिद्ध कवयित्री अंजू कालरा दासन, वरिष्ठ समाजसेवी अश्विनी दासन की उपस्थिति रहीं।।
कार्यक्रम में डॉ विनय जी की 06 काव्य पुस्तकों का विमोचन हुआ।(आप अभी तक 157 पुस्तकें सृजित कर चुके हैं।)जिसमें सुश्री अंजू कालरा दासन,डॉ वीणा शंकर शर्मा के साथ रचित त्रयी काव्य संकलन भी शामिल हैं।डॉ विनय जी को डॉ राकेश छोकर द्वारा “साहित्य श्री भगीरथ” की उपाधि ,शॉल से विभूषित किया गया।चार वरिष्ठ साहित्यकारों श्री ब्रह्मदत्त जी,सुश्री अंजू जी,डॉ वीणा जी,सुश्री कामिनी श्रीवास्तव,को डॉ विनय जी द्वारा सम्मान पत्र,प्रतीक चिह्न, शॉल देकर सम्मानित किया गया।अध्यक्षता चंद्रमणि जी की और संचालन सुनील हापुड़िया का रहा।डॉ विनय कुमार सिंघल ने सभी आगुंतकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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