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आज का चिंतन

भयहीन इबादत स्थल और भयग्रस्त सनातनी पूजा स्थल, योगी जी महाराज पर निर्भरता कब तक

  • दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

योगी आदित्यनाथ जी महाराज जिन्होंने विगत कुछ वर्ष में यह प्रमाणित कर दिया है की सनातन के पथ पर चलकर धर्म और मानवता की रक्षा एवं दुर्जन रुपी दानवो का अंत कैसे किया जा सकता है । यदि इसके पश्चात भी कुछ नेता जो जातिगत वर्चस्व के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विरुद्ध योजनाएं बना रहे हैं तो यकीन मानिये प्रदेश की जनता योगी जी महाराज को मात्र एक मुख्यमंत्री नहीं अपितु मानवता के संरक्षक के रूप में स्वीकार करती है । जो कार्य किसी भी राजनीतिक दल के नेता अपनी पूर्व सरकारों में नहीं कर पाए वह कार्य योगी जी ने अपनी दृढ इच्छा शक्ति और पूरी निडरता से संपादित किए हैं । योगी जी संन्यास की उस परम्परा से आते हैं जिसमें स्वयं के लिए कोई लाभ लालच नहीं सिर्फ धर्म व् समाज की सेवा करना है , नाथ परम्परा का पुरुषार्थ योगी जी ने पुरे विश्व में प्रमाणित किया है परन्तु मात्र एक व्यक्ति के पुरुषार्थ करने से कुछ बदलने वाला नहीं है आज भारत के अधिकतर मंदिर सुरक्षा के साये में है । जहां पर भी मजहबी कट्टरपंथीयों की संख्या ज्यादा है वहां पुजारी तो छोड़िये श्रद्धालु भी सुरक्षित नहीं है । आपको याद होगा शिव खोड़ी में जिस प्रकार निर्दोष हिन्दुओ की हत्या की गयी थी उस हमले में वहां के स्थानीय निवासी जो मुस्लिम समाज से हैं उन्होंने आतंकवादियों की हर प्रकार से मदद की थी । यह एक षड्यंत्र है जिसमें हिन्दुओ को मारकर उन्हें भयभीत करते रहो और संसद से प्रताड़ित हिन्दू समाज को ही हिंसक कहकर पुरे विश्व में मजहबी कट्टरपंथी समाज का बचाव करते रहो । कल्पना कीजिए आप जिन्हे अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज कहते हैं उनका एक भी इबादत स्थल ऐसा नहीं है जिसे किसी भी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यकता हो क्योंकि हिन्दू समाज हिंसक आतंकी नहीं है । भारत में असंख्य सनातनी मंदिर ऐसे हैं जिनसे सुरक्षा हटा ली जाय तो वहां दर्शन करना तो दूर मानवता का रक्त प्रवाह भी किसी नदी के भाँती बहाया जाएगा। हिंसक आतंकी कौन है और कौन मानवतावादी , इस कट्टरपंथी आतंक को कब तक नजरअंदाज किया जाय या कब तक दुसरो पर निर्भर रहकर दोषारोपण किया जाएगा इसका विचार तो भारत का सनातनी हिन्दू समाज स्वयं ही कर सकता है ।

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