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नोएडा से प्रकाशित नवभारत टाइम्स की पत्रकार चेतना राठौर की यह रिपोर्ट युवा भारत के लिहाज से बेहद चिंताजनक है।

स्मोकिंग व ड्रिंकिंग के कारण नोएडा क्षेत्र में रक्तदान के इच्छुक 25 प्रतिशत युवाओं का रक्त रक्तदान के योग्य नहीं रहा है । खून की क्वालिटी गड़बड़ा गई है। ब्लड डोनर का रिजेक्शन रेट 25% हो गया है। पहले साल में एक दो रक्तदान शिविर लगाने पड़ते थे जरूरतमंद मरीजों को रक्त पहुंचने के लिए अब एक महीने में ही आधा-आधा दर्जन शिविर लगाने पड़ रहे हैं ।

युवाओं का खून पानी बन रहा हैं। खराब दिनचर्या स्मोकिंग फास्ट फूड इसके लिए जिम्मेदार है। अपनों का रक्त अपनों के काम नहीं आ पा रहा है। रक्त में टॉक्सिक बढ़ गए हैं।

हुक्का सिगरेट बीड़ी स्मोकिंग अल्कोहल हमें बहुत दूरगामी क्षति पहुंचाती हैं। नोएडा महानगर में चोरी चुपके चल रहे हुक्का बार स्मोकिंग भी इसके लिए जिम्मेदार है।

आओ नशे को ना, जीवन को हां का संकल्प ले।

निवेदक आर्य सागर खारी

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