खाद्य पदार्थों पर भी नियंत्रण आवश्यक*

(सत्यशील अग्रवाल – विनायक फीचर्स)

सत्ता में आने के पश्चात् मोदी सरकार ने जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बहुत सारे कार्य किये हैं। जैसे सरकारी अस्पतालों का उचित रख-रखाव, दवा मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रधान मंत्री औषधि केन्द्रों की व्यवस्था, दवा निर्माताओं पर अंकुश लगाते हुए मुख्य जीवन रक्षक दवाईयों एवं उपकरणों की कीमतों में भारी गिरावट, आयुष्मान योजना के अंतर्गत सभी गरीबों के लिए मुफ्त चिकत्सा सुविधाएँ,एवं न्यूनतम मूल्य पर जीवन बीमा इत्यादि।
परन्तु यदि मोदी जी ऐसी व्यवस्था करें की जनता लम्बे समय तक स्वस्थ्य बनी रहे,वह कम ऐ कम बीमार हो,उसे चिकित्सा के खर्चों से मुक्ति मिले या बहुत कम खर्च में वह स्वास्थ्य जीवन जी सके, तो यह जनता के लिए भी लाभदायक होगा और सरकार का राजस्व व्यय भी कम होगा, नागरिकों के स्वस्थ से देश के कारखानों में उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे देश का विकास तीव्रता से होगा,और जनता सुखी और समृद्ध हो सकेगी। अपना देश विकसित देशों की श्रेणी में आ सकेगा।
अंकुश लगाने की आवश्यकता
1. देश में फ़ास्ट फ़ूड के चलन को हतोत्साहित किया जाय और आम जनता को फ़ास्ट फ़ूड से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से जागरूक करने के लिए जोरदार तरीके से अभियान चलाया जाय।
2. समुद्री नमक पर पाबन्दी लगायी जाय। उससे होने वाले स्वास्थ्य हानि को संज्ञान में लिया जाये और रॉक साल्ट के प्रयोग लिए जनता को प्रेरित किया जाय।
3. खाद्य पदार्थों में मैदा के प्रयोग पर अंकुश लगाया जाय। मैदा के स्थान पर फाइबर युक्त आटे के प्रयोग पर बल दिया जाय, जो आंतों को सुरक्षित रख सकता है और जनता बहुत सारे रोगों से बचाव कर सकेगी।
4. चीनी बनाते समय प्रयोग होने वाले केमिकल के प्रयोग पर नियंत्रण हो।वर्तमान में चीनी का प्रयोग शारीरिक स्वास्थ्य का दुश्मन हो चुका है और अनेक रोगों को आमंत्रित कर रहा है।
5. रिफाइंड आयल के प्रयोग पर पाबन्दी लगे या उनमेें प्रयोग होने वाले खतरनाक केमिकल के विकल्प तलाशे जाएं ताकि इनका प्रयोग जनता को रोग ग्रस्त न कर पाए। नए अनुसंधानों से सिद्ध हो चुका है की रिफाइंड आयल कैंसर और ह्रदय रोगों का कारण बन रहा है।
6. शुद्ध पानी और शुद्ध वायु उपलब्ध करने के लिए अभी बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है,आम जनता को रोगग्रस्त करने में बहुत बड़ी भूमिका प्रदूषित जल और प्रदूषित वायु निभा रहे हैं।
7. मिलावट खोरों पर नियंत्रण के लिए उन पर रासुका लगे,या आजीवन कारावास का प्रावधान किया जाय। भी इन मिलावट खोरों का साथ देते हों या सरकारी कर्मी रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ देते हों तो उनपर भी रासुका के अंतर्गत कार्यवाही हो।
8. खेती बाड़ी में केमिकल खाद के प्रयोग को सीमित किया जाय और बायो खाद से खेती बाड़ी को प्रोत्साहित किया जाय। केमिकल युक्त खेती खाद्यान्न में पोषक तत्वों को कम कर रही है और अनेक बीमारियों का कारण बन रही है।
9. सभी विद्यालयों में शारीरिक विज्ञान और स्वस्थ रहने के लिए उचित खान पान की गहन जानकारी आवश्यक रूप से बच्चों को दी जानी चाहिए।ताकि बचपन से ही स्वास्थ्य परक खान पान की आदतें पड़ सकें।
10. खाद्य पदार्थो को तैयार करने वाले सभी निर्माताओं और विक्रेताओंं को सफाई और शुद्धता रखने के लिए बल पूर्वक मजबूर किया जाय। गन्दगी और अशुद्धता से तैयार खाद्य पदार्थ अनेक बीमारियों का कारण बनते हैं। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले निर्माताओं/विक्रेताओं के लिए कठोर दंड की व्यवस्था की जाय।
यदि शरीर स्वास्थ्य रहेगा तो व्यक्ति जीवन को सार्थक रूप से जी सकेगा और अपनी मेहनत की कमाई को चिकित्सा पर खर्च करने के स्थान पर अपने विकास और मनोरंजन पर खर्च कर पायेगा। यदि आम नागरिक स्वस्थ रहेगा तो देश समृद्ध और विकसित होगा। (विनायक फीचर्स)

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