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इतिहास के पन्नों से

गुरु अर्जुन देव: भारतीय इतिहास एक महानायक

आज दिनांक दस जून को
गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस है। मुगल बादशाह जहांगीर का बेटा खुसरो अपने पिता से नाराज हो गुरुजी की शरण में तरनतारन पहुंचा।

इस बात पर जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। लेकिन इस बात की जानकारी मिलते है गुरुगद्दी बाल हरिगोबिंद साहिब को सौंपकर गुरुजी स्वयं ही लाहौर पहुंच गए। जहाँ मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हें पांच दिनों तक कठोर यातनाएं दी गईं। भीषण गर्मी में गर्म तवे पर बैठाकर उनपर गर्म रेत और तेल डाला गया लेकिन करुणा की मूर्ति गुरु अर्जुनदेव जी शांत मन से प्रभु स्मरण करते रहे। जब वे मूर्छित हो गए, तो उनके पार्थिव शरीर को रावी में बहा दिया गया।
श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर की नींव उन्होंने रखी तथा श्रीगुरु ग्रंथ साहिब का संपादन भी गुरु अर्जन देव जी ने किया। आज उनके शहीदी दिवस पर उन्हें कोटिशः नमन…

🙏और उस क्रूर मानसिकता को असंख्य अनंत धिक्कार🌵

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