संदिग्ध व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का विधेयक लोकसभा में पेश
आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस : अमित शाह
गाजियाबाद ।( रविकांत सिंह ) आतंकवाद के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस रखने की अपनी नीति को और पुख्ता और स्पष्ट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने अहम फैसला लेते हुए किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को आतंकी घोषित करने संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है । इसके साथ ही सरकार ने एनआइए को साइबर और मानव तस्करी के साथ-साथ विदेश में भारतीयों के साथ हुए किसी अपराध की जांच का अधिकार देने से संबंधित विधेयक भी लोकसभा में पेश किया है । विगत 8 जुलाई को सरकार की ओर कुल छह संशोधन विधेयक एक साथ लोकसभा में पेश किये गए।
यूएपीए में संशोधन विधेयक में एनआइए को किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक का विपक्ष ने यह कहकर विरोध किया है कि इससे किसी भी शरीफ व्यक्ति को परेशान करने का अधिकार सुरक्षाबलों या पुलिस को मिल जाएगा । अतः इस कानून के दुरुपयोग होने की संभावनाएं हैं । विपक्ष की इन आशंकाओं को खारिज करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए बनाये जा रहे कानून पर पूरी एकजुटता दिखनी चाहिए और इसका विरोध करना सही नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आपत्तियों को वापस ले लेना चाहिए, क्योंकि लोकसभा के रिकार्ड में इन आपत्तियों का दर्ज होना अच्छा नहीं लगता है। हालांकि विपक्षी सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने विरोध वापिस नहीं लिया। एनआइए कानून में संशोधन के बाद आतंकी और नक्सली हमले की जांच करने के लिए बनी एजेंसी को साइबर और मानव तस्करी से जुड़े अपराधों की जांच का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही एनआइए को विदेश में किसी भारतीय या भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए किये गए आतंकी हमले की जांच का अधिकार होगा।
इसी तरह विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन ने डीएनए टेक्नोलॉजी से संबंधित संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक पिछली लोकसभा में इसी साल जनवरी में पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा से पास नहीं हो पाने के कारण निष्प्रभावी हो गया था।
पिछली लोकसभा से पारित, लेकिन बाद में निष्प्रभावी हो गए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को फिर से लोकसभा में पेश किया गया। इसी तरह पिछले कार्यकाल में संसद से पास कराने में विफल रहने के बाद सरकार ने लोकसभा में जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक को दोबारा पेश किया। इस विधेयक में भारतीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के स्थायी ट्रस्ट में स्थायी ट्रस्टी के पद से हटाने का प्रावधान है।
कांग्रेस की ओर से विरोध के बीच विधेयक पेश करते हुए संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 40-50 सालों में इस राष्ट्रीय स्मारक के लिए कुछ नहीं किया। इसके अलावा सरकारी भवनों को खाली कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने से संबंधित विधेयक को भी लोकसभा में पेश किया गया।
मुख्य संपादक, उगता भारत