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मनमोहन सिंह भी मोदी पर बरसे और मोदी के “ध्यान” को अखिलेश ने कह दिया भाजपा की जीत निश्चित है

नटवरलाल चालू माल केजरीवाल” पर भगत सिंह से संबंध जोड़ने के लिए “बैन” लगाए अदालत;

सुभाष चन्द्र
केजरीवाल को अब “नटवरलाल” के साथ साथ “चालू माल” भी कहना उचित होगा। ये बार बार अपने को शहीद भगत सिंह का चेला कहता फिरता है और अब किसी वकील को कोर्ट में याचिका दायर कर मांग करनी चाहिए कि इस मक्कार को शहीद भगत सिंह से अपना किसी भी तरह का संबंध जोड़ने से रोक लगनी चाहिए।

शहीद भगत सिंह का लेशमात्र अंश भी केजरीवाल में मौजूद नहीं है। भगत सिंह ने कभी किसी विदेशी ताकत से देश के खिलाफ, उन्होंने कभी शराब को बढ़ावा नहीं दिया, वो किसी तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं रहे, जिन सावरकर को केजरीवाल गाली देता है, उनका भगत सिंह आदर करते थे। फिर कैसे अपने को शहीद भगत सिंह का चेला कह सकता है यह नालायक। वो तो देश के लिए फांसी पर लटक गए, उन्होंने कभी नहीं कहा कि असेंबली में बम उन्होंने नहीं फेंका जबकि केजरीवाल ढोल पीट रहा है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं जी और जेल जाने से बचने के लिए नए नए प्रपंच रच रहा है।

ये “चालू माल” घर में बुला कर स्वाति मालीवाल की अपने PA विभव कुमार से पिटाई करवाता है और पंजाब में इसका मंत्री बलकार सिंह नौकरी के लिए परेशान लड़की से वीडियो काल कर उसके सामने Sexual actions करता है। लेकिन केजरीवाल न स्वाति के बारे में कुछ बोलता है और न बलकार सिंह की हरकत पर। शहीद भगत सिंह के चेले ऐसे नहीं होते हैं और इसलिए केजरीवाल पर अपने को भगत सिंह का चेला कहने पर रोक लगनी चाहिए।

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केजरीवाल में भगत सिंह पिन पॉइंट भी कोई लक्षण नहीं। भगत सिंह एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा अपने दल में शामिल किसी भी महिला का यौनाचार करने की बजाए उन्हें अपनी माँ, बहन या भाभी की तरह इज्जत दी जाती थी, जबकि केजरीवाल की पार्टी में मालीवाल ही नहीं कोली आदि कई महिलाओं का यौन शोषण किया गया।
केजरीवाल ने कल एक ही राग फिर अलापा है कि मोदी की तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ लड़ने के लिए 10 बार भी जेल जाना पड़े तो जाऊंगा जबकि एक से दूसरी बार जाने में ही पैंट गीली हो रही है। ये कह रहा है, मुझे चुनाव से दूर रखने के लिए भाजपा ने जेल भेजा था जबकि शराब घोटाले में जेल तुझे भेजा कोर्ट ने और छोड़ा भी कोर्ट ने।

कल तक केजरीवाल मोदी से पूछ रहा था कि आपके रिटायर होने के बाद कौन प्रधानमंत्री बनेगा और आज भागवत जी से पूछ रहा है कि क्या मोदी को RSS वाले भगवान मानते हैं। भाई तू पागल हो रहा है, हमें पता है और इसलिए पहले अपना उत्तराधिकारी चुन ले क्योंकि तेरी गद्दी बस अब कुर्बान होने का समय आ गया।

मनमोहन सिंह ने कहा है मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद की गरिमा गिराई है। मनमोहन सिंह जी आप जब 10 वर्ष सत्ता में रह कर “चुप” रहे तो अब भी रह लेते जो ऐसी गिरी हुई बात कर रहे हो उस मोदी के लिए जिसने देश का डंका पूरे विश्व में बजा दिया। जबकि आपको तो अमेरिका में नवाज़ शरीफ ने बूढ़ी औरत कह दिया था लेकिन मोदी ने आपके लिए नवाज़ शरीफ का बाजा बजा दिया था और आप उस मोदी के लिए ऐसा बोल रहे हो।
अखिलेश यादव कह रहा है कि हार के डर से तपस्या करने चले गए मोदी जी। मतलब मोदी की जीत पक्की है क्योंकि इसी तरह मोदी 2019 का चुनाव प्रचार ख़त्म होते ही केदारनाथ धाम चले गए थे तपस्या के लिए और 2014 के मुकाबले 20 सीट ज्यादा जीते थे, मतलब तब भी हार के डर से गए होंगे लेकिन जीत गए और अब हार के डर से गए हैं, तब भी जीत पक्की है।

वैसे अखिलेश की जुबान जरूरत से ज्यादा चलती है। अखिलेश ने 8-9 जनवरी, 2022 को रामलला के दर्शनों के लिए जाना था जब मंदिर नहीं बना था। तब 13 दिसंबर को नरेंद्र मोदी को सलाह देते हुए कहा था कि अंतिम दिनों में रहने के लिए काशी उत्तम जगह है। मैंने तब जो लिखा था वह फिर लिख रहा हूँ कि अंतिम दिनों में रहने के लिए काशी सही जगह है या नहीं, इसे छोड़ कर इतना सोच लो कि भगवान् राम भी अंतिम समय में ही याद आते हैं। रावण ने भी अंतिम समय में पुकारा था -“श्रीराम”।

इंडिया फर्स्ट से साभार

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