हमें दिव्य संगति से क्या लाभ होता है?

दिव्य लक्ष्य निर्धारित करने के क्या लाभ हैं?
हमें दिव्य संगति से क्या लाभ होता है?

अस्मै भीमाय नमसा समध्वर उषो न शुभ्र आ भरा पनीयसे।
यस्य धाम श्रवसे नामेन्द्रियं ज्योतिरकारि हरितो नायसे ।।
ऋग्वेद मन्त्र 1.57.3

(अस्मै) यह (भीमाय) शत्रुओं के लिए भयंकर (नमसा) नमन के साथ (सम् आभर से पूर्व लगाकर) (अध्वरे) अहिंसक, त्रुटिरहित यज्ञ (उषः) प्रातःकालीन सूर्य की प्रथम किरणें (न) जैसे (शुभ्रे) चमकती हैं, लाभकारी हैं (आभर – समआभर) अच्छे प्रकार से धारण और पोषण करता है (पनीयसे) प्रशंसा के लिए, स्तुति के लिए (यस्य) जिसकी (धाम) चमक, महिमा (श्रवसे) सुनने योग्य, हमारे बल के लिए (नाम) नाम का उच्चारण (इन्द्रियम्) सभी इन्द्रियों को बल देने वाला (ज्योतिः) ज्ञान का प्रकाश (अकारि) उसके समान है (हरितः न) अश्वों की तरह, दिशाएं (अपने लक्ष्य पर पहुंचना) (अयसे) अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए।

व्याख्या:-
दिव्य लक्ष्य निर्धारित करने के क्या लाभ हैं?

जिस प्रकार प्रातःकालीन वेला लाभदायक और चमकदार होती है, हमें अपने शत्रुओं की डरावनी ताकत को परमात्मा के प्रति नमन के साथ स्वीकार करना चाहिए। हम इस शक्ति को अहिंसक और त्रुटिहीन यज्ञ कार्यों के लिए धारण और पोषित कर सकते हैं तथा इसका प्रयोग परमात्मा की प्रशंसा और स्तुति के लिए कर सकते हैं। जिसकी चमक और महिमा सुनने लायक है और हमारे बल के लिए है, जिसके नाम का उच्चारण हमारे सारे शरीर को तरंगित कर देता है और हमारी सारी इन्द्रियों को ताकत देता है, जिसके ज्ञान का प्रकाश हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के योग्य बना देता है, जिस प्रकार अश्व तथा भिन्न-भिन्न दिशाएं अपने-अपने लक्ष्यों तक पहुंच जाती हैं।

जीवन में सार्थकता: –
हमें दिव्य संगति से क्या लाभ होता है?

सदैव परमात्मा की संगति के लिए कामना करनी चाहिए, जो मानव जीवन के लिए सर्वोत्तम लाभकारी है। इसके अतिरिक्त हमें अपने परिवार व समाज में दिव्य लोगों की संगति की कामना करनी चाहिए। हमें लोगों को प्रेरित करना चाहिए कि वे उच्च चेतना के साथ एक दिव्य जीवन जियें।
1.  दिव्यता की कामना और प्रेरणा करने की यह प्रक्रिया मानवता के लिए वास्तविक दिव्य पथ है। जिससे कलियुग के प्रभाव से बचा जा सकता है जो उपभोक्तावाद पर केन्द्रित है।
2.  यह दिव्य पथ बुराईयों और धूर्तताओं को रोने के लिए मजबूर कर देता है।
3.  यह दिव्य पथ अहिंसक और त्रुटिहीन यज्ञों को सुनिश्चित करता है।
4.  यह पथ हमें रोगों और अपराधों से मुक्त रखता है।
यह पथ तरंगों के माध्यम से हमारे शरीर को बलशाली बनाता है। केवल यही पथ हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।
 


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