आम आदमी पार्टी में हो सकती है बगावत

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(सुभाष आनंद – विभूति फीचर्स)
देश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर नजदीक आता जा रहा हैं वैसे-वैसे पार्टियों में हलचल बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी जिन्होंने पंजाब में अपने आठ उम्मीदवारों के चुनाव लडऩे की घोषणा की थी उनमें से एक उम्मीदवार के बगावत करके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के पश्चात पार्टी को बहुत बड़ा धक्का लगा है।
दूसरा आम आदमी पार्टी में स्वाति मालीवाल प्रकरण के बाद निराशा और हताशा बढ़ती जा रही है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के अचानक राजनीति से लुप्त होने के पश्चात पंजाब की राजनीति में नए-नए प्रश्न उभर रहे है।
राघव चड्ढा को जिस प्रकार पंजाब से राज्यसभा के द्वार से प्रवेश करने के पश्चात वह राजनीति में छाए हुए थे। कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है की भगवंत सिंह मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं परंतु असली रूप से पंजाब के मुख्यमंत्री की भूमिका राघव चड्डा ही निभा रहे थे।
देश की राजनीति में राघव चड्ढा की शादी पर जिस प्रकार भूचाल उठा था, वह किसी से लुकी छिपी
बात नहीं है । पंजाब की राजनीति पर जिस प्रकार राघव छाए हुए थे, उसको लेकर भगवंत सिंह मान अनईजी महसूस कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के विधायक ने पिछले दिनों ट्वीट किया है की क्या से क्या हो गया आम आदमी पार्टी में , कुंवर विजय सिंह के इस ट्विट से राजनीति मैं नई हलचल देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर शीशे से बने होते हैं उन्हें दूसरों के घरों मैं पत्थर फेंकने से परहेज करना चाहिए।
राघव चड्डा के लुप्त होने पर आम आदमी पार्टी के बीच बड़े प्रश्न उठ रहे है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ई डी द्वारा जिस प्रकार आम आदमी पार्टी के लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है उनमें राघव चड्ढा का नाम भी प्रमुख है। पार्टी के भीतर कुछ लोग बातें कर रहे हैं कि केजरीवाल के संकट के समय में जिस प्रकार राघव चड्डा लुप्त हुए हैं उससे कई प्रकार के प्रश्न सामने आ रहे हैं, राघव चड्डा आंखों का ऑपरेशन करवाने के बहाने विदेश में गए हैं,सूत्रों से पता चला है कि वह राजनीति को त्याग कर वहां ही सेटल होना चाहते हैं। पंजाब की राजनीति पर एकमात्र कब्जा करने के पश्चात सरकारी कामों में भी खुलकर हस्तक्षेप करते थे। संकट की घड़ी में जिस प्रकार राघव प्रताप अपनी आंखों के इलाज के बहाने विदेश जा भागे है वह पार्टी के लिए एक यज्ञ है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर राघव चड्ढा और अमित शाह के बीच कई मीटिंग हो चुकी है राघव चड्डा अपने भविष को ले कर बहुत चिंतित है वह राजनीति में लंबी पारी खेलने के लिए मैदान तैयार कर रहे हैं।
राघव चड्ढा का पंजाब की राजनीति से लुप्त होना बड़े प्रश्न खड़े कर रहा है, अब भगवंत मान ने भी राघव चड्ढा को महत्व देना छोड़ दिया है। पंजाब के बड़े नेता समझते हैं की आम आदमी पार्टी में यदि केजरीवाल नंबर 1 तो दूसरे नंबर पर भगवंत मान का नाम आता है पार्टी में जिस प्रकार बगावत का असर देखने को मिल रहा है उसे आम आदमी पार्टी में बड़ी चिंता की बात है।
कोई समय था जब पंजाब की राजनीति इर्द-गिर्द घूमती थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राघव भाजपा के बड़े नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं वह केजरीवाल के लाडले माने जाते थे परंतु संकट की घड़ी केजरीवाल का साथ देने की बजाय वह विदेश जाकर बैठ गए है। (विभूति फीचर्स)

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