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इतिहास के पन्नों से

मुगलिया मानसिकता का परिचायक है महाराणा प्रताप का अपमान

✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री

मोदी विरोध से राष्ट्रविरोध की ओर अग्रसर विपक्ष ने एक बार फिर से राष्ट्र को शर्मसार करने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम देते हुए मैनपुरी में राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप का घोर अपमान किया है।

बीते शनिवार समाजवादी पार्टी की मैनपुरी से उम्मीदवार डिंपल यादव के समर्थन में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक रोड शो का आयोजन मैनपुरी में किया था. इस रोड शो के बाद बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता करहल चौराहे पर लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर चढ़ गए, और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कथिततौर पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।

यहां यह उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप किसी जाति विशेष के नायक नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत राष्ट्र के नायक हैं। उनका अपमान किसी राजपूत समाज का अपमान नहीं अपितु सम्पूर्ण भारतीय समाज और राष्ट्र का अपमान है।

दरअसल, इस देश में आज भी एक ऐसी लॉबी है जो “महाराणा प्रताप सरीखे राष्ट्रनायकों को अपमानित करने में अपने आपको गौरवान्वित मानती है।” यह वही टुकड़े-टुकड़े गैंग है जो विदेशी आक्रांताओं अकबर और औरंगजेब को “महान” बताती है और महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी सरीखे राष्ट्र प्रहरियों को “बाग़ी” मानती है।

जिहादी मानसिकता से ग्रसित “मुग़लभक्तों” की यह टोली राष्ट्र और राष्ट्रनायकों के गौरव को कलंकित करने हेतु नाना प्रकार के षड्यंत्र रचने को लालायित रहती है। यद्यपि इस देश का आम नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म, जाति अथवा सम्प्रदाय का हो, आज भी विदेशी आक्रांताओं को “खलनायक” की ही संज्ञा देता है, और महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी को अपना नायक मानता है।

समाजवादी पार्टी में………………
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