इस बार राज्यसभा से पारित कराना चाहेगी सरकार कई कानून
नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार इस बार राज्यसभा में लंबित पड़े कई कानूनों को पास कराने का मन बना चुकी है । अभी तेलुगू देशम पार्टी के चार सांसद जिस प्रकार भाजपा के साथ आकर मिले हैं वैसी ही संभावनाएं आने वाले दिनों में भी बन सकती हैं ।सरकार की यह हर संभव कोशिश है कि राज्यसभा में उसे पिछले टर्म में जिस प्रकार नीचा देखना पड़ता रहा , वह इस बार ना होने पाए। यही कारण है कि भाजपा अपने काम में सफल होने के लिए कुछ नए साथी ढूंढने के जुगाड़ में निकल पड़ी है ।
250 सदस्यों वाली राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की संख्या 75 हो गई है । जबकि एनडीए की संख्या 110 है । यद्यपि एनडीए अभी भी बहुमत से कुछ दूर है , परंतु अब इतनी अधिक दूरी भी नहीं है कि जिसे पाटा नहीं जा सके। अब कुछ अन्य दलों पर भाजपा की नजरें टिकी हैं जो अपने आप में तटस्थ भाव रखते हैं । ऐसे दलों को मिलाकर भाजपा को उम्मीद है कि वह अपने लक्ष्य को अब भेद सकती है । टीडीपी और अब इंडियन नेशनल लोक दल के सांसद को बीजेपी में शामिल करवा लिया गया है । इस तरह बीजेपी की संख्या सदन में सबसे ज़्यादा 75 और एनडीए की 110 पहुंच गई है । उसे उम्मीद है कि कुछ निर्गुट दलों जैसे टीआरएस, बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस की मदद से वह उन तमाम बिलों को पारित करा लेगी जो लंबे समय से अटके हुए हैं ।सरकार का इरादा इस सत्र में तीन तलाक बिल को पारित कराने का नहीं है ।
इंडियन नेशनल लोक दल के राज्यसभा के इकलौते सांसद रामकुमार कश्यप बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए । उन्हें बीजेपी संसदीय दल में भी शामिल कर लिया गया है । अगर बीजेपी के सहयोगी दलों को मिलाएं तो एनडीए राज्यसभा में 110 के आंकड़े तक पहुंच गया है. हालांकि उसे टीआरएस के 6, बीजेडी के 5, वायएसआर के 2 और नगा पीपुल्स फ्रंट के एक सांसद के समर्थन का भरोसा है. यह संख्या 14 है और इसे मिला कर एनडीए को राज्यसभा में बहुमत मिल जाता है ।
राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण पिछले पांच साल में एनडीए कई महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में पारित नहीं करवा सका था. यहीं नहीं, ऐसे कई मौके आए जब विपक्ष ने अपने संख्या बल के कारण एनडीए को झुकने पर मजबूर किया । राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन तक विपक्ष ने करवाया । बीजेपी अब ऐसे हालात दोबारा नहीं बनने देना चाहती है ।
मुख्य संपादक, उगता भारत