आज महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि है । शेरे – पंजाब के नाम से विख्यात सिख सम्राज्य के संस्थापक, पंजाब के महाराज और जमन शाह को नानी याद दिलाने वाले महाराजा रणजीत सिंह का भारतीय इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान है । उनका जन्म 13 नवंबर 1780 को हुआ था। जब वह 12 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था । महाराजा रणजीत सिंह ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीवित रहते हुए अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं फटकने दिया. 12 अप्रैल 1801 का दिन था जब 20 साल की उम्र में उन्हें पंजाब का महाराज बनाया । गुरु नानक के एक वंशज ने उनकी ताजपोशी संपन्न कराई थी ।
उन्होंने1798 में जमन शाह के पंजाब से लौटने पर लाहौर पर कब्जा कर उसे राजधानी बनाया । भारत पर हमला करने वाले आक्रमणकारी जमन शाह दुर्रानी को उन्होंने केवल 17 वर्ष की अवस्था में धूल चटाई ।
यह उनका बहुत बड़ा क्रांतिकारी और देश भक्ति से भरा हुआ कार्य था। यदि उस समय इस विदेशी हमलावर को वह अपने कार्य में सफल हो जाने देते तो आज भारत का इतिहास कुछ दूसरा ही होता । इसके पश्चात फिर किसी अन्य विदेशी आक्रामक का साहस भारत पर आक्रमण करने का नहीं हुआ था। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि अंग्रेज उनके साम्राज्य की ओर आंख उठाकर देखने का भी साहस नहीं कर पाते थे।
उनका देहांत 27 जून 1839 को लाहौर में हुआ था ।
अपने इस महान देशभक्त राजा की पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।
राकेश कुमार आर्य
संपादक : उगता भारत
मुख्य संपादक, उगता भारत