क्षत्रिय समाज द्वारा पगड़ी धारण करने पर भी मोदी सरकार का विरोध क्यों
- दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)
सनातन धर्म में क्षत्रिय समाज का महत्वपूर्ण स्थान है इतिहास से लेकर वर्तमान तक धर्म हेतु क्षत्रिय समाज ने असंख्य बलिदान दिए हैं , असंख्य माताओं की गोद सुनी हुई है , सनातन के गौरव और अपने आत्मसम्मान के लिए असंख्य क्षत्राणियों ने अग्नि का आलिंगन कर अपने प्राण आहुत किए हैं । अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर हेतु मुगलो से युद्ध करने तक वर्तमान मंदिर बनने तक कईं पीढ़िया संघर्ष करते हुए अमर हुई हैं । मंदिर संघर्ष हेतु तो अवध क्षेत्र के क्षत्रिय समाज के कई कुलो ने तो सर पर पगड़ी और पैर में जूती धारण करना ही त्याग दिया था । परन्तु जब अविभाजित होकर हिन्दू समाज ने मोदी सरकार को भारत की जिम्मेदारी दी तब मोदी सरकार ने असंख्य राम भक्तो के संघर्ष को सार्थक करते हुए प्रभु श्री राम के मंदिर का भव्य निर्माण कराते हुए उन सभी क्षत्रिय समाज का गौरव भी बढ़ाया जिहोने पगड़ी का त्याग किया हुआ था । जिस दिन मंदिर में प्रभु श्री राम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई उसी दिन अवध के क्षत्रिय समाज ने सर पर पगड़ी और पैरो में जूती धारण कर ली थी । अतः क्षत्रिय समाज में भृम की स्थिति बनाकर जो लोग मोदी सरकार को क्षत्रिय विरोधी बता रहे हैं यह सर्वथा गलत है । प्रभु राम सबके हैं परन्तु क्षत्रिय समाज में जन्म लेने के कारण प्रभु राम क्षत्रिय समाज के इष्ट देव भी हैं जिनका अयोध्या के मंदिर में पुनः स्थापित होना क्षत्रिय समाज के लिए सबसे बड़ा गौरव है। अतः सनातन समाज को यह बिलकुल भी नहीं भूलना चाहिए की मोदी सरकार का समर्थन किसी विशेष जाती का नहीं अपितु सम्पूर्ण सनातनी समाज का समर्थन है ।
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