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✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री

आजकल TMC के कुछ नेताओं ने दिल्ली में जांच एजेंसियों के ख़िलाफ़ धरना दे रखा है। इससे पहले कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने रामलीला मैदान में मोर्चा खोला था।

परन्तु यहां गौरतलब है कि उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC मुखिया ममता बनर्जी ने भाग नहीं लिया था। लेकिन अब TMC उसी मुद्दे को लेकर धरना दे रही है।

इसी बीच आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में यह निर्णय दिया है कि “आप” मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का “चुनावी राजनीति” से कोई सम्बंध नहीं है। अर्थात माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने विपक्ष विशेषकर “आप” के इस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया कि तथाकथित आम आदमी “अरविंद केजरीवाल” और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए जानबूझकर एन चुनाव के समय गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि माननीय न्यायालय की यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी के “झूठ और प्रपंच” को करारा तमाचा है, परन्तु इस सबके बावजूद आप नेताओं के तेवरों में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है।
सम्भवतया आने वाले समय में विपक्ष माननीय न्यायालय को भी कटघरे में खड़ा कर सकता है।

लेकिन देश की प्रबुद्ध जनता शनै: शनै: यह समझने लगी है कि इस देश में “टुकड़े टुकड़े गैंग” और उसके आक़ाओं के द्वारा वर्तमान में लोकतंत्र के हर स्तम्भ के विरुद्ध एक नैरेटिव सैट करने का असफल प्रयास किया जा रहा है।

और इस नैरेटिव को प्रमोट करने में जयचन्दों और जिन्नावादी विचारधारा के लोगों व संगठनों के साथ-साथ भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे राजनीतिक दलों के मुखिया भी शामिल हैं।

कुल मिलाकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि “चौकीदार” के डर से “चोर” ख़ुद ही “शोर” मचा रहे हैं।

✍️समाचार सम्पादक, हिंदी समाचार-पत

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