सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है?

Screenshot_20240318_071904_WhatsApp

सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है?
अपने से बड़ों की शक्तियों को कैसे प्राप्त करें?

अर्चादिवेबृहते शूष्यं१ वचः स्वक्षत्रं यस्य धृषतो धृषन्मनः।
बृहछ्वाअसुरोबर्हणाकृतः पुरोहरिभ्यां वृषभोरथोहि षः।।
ऋग्वेदमन्त्र 1.54.3

(अर्चा) अर्चना, पूजा (दिवे) प्रकाशवान् के लिए (बृहते) सबसे बड़ा (शूष्यम्) शक्ति, बल (वचः) वाणियाँ (महिमा की) (स्वक्षत्रम्) अपना अर्थात् आत्मा का बल (यस्य) जिस (धृषतः) नाश करने वालों का (शत्रुओं का) (धृषत्) नाशकर्त्ता (मनः) मन (बृहत्) सबसे बड़े का (बल) (श्रवाः) सुनने वाला (असुरः) प्रकाशित करने वाला (बर्हणा) वृद्धि करने के लिए (कृतः) निर्माता (पुरः) आगे करने वाला (हरिभ्याम्) इन्द्रियों की शक्ति के साथ (वृषभः) वर्षा करता है (रथः) रथ, वाहन (हि) निश्चय से (षः) वह।

व्याख्या:-
सबसे बड़ा सुनने वाला, परमात्मा, किस प्रकार हमें प्रकाशित करता है और हमारा रथ वाहक बनता है?

सबसे बड़े श्रोता और सर्वाधिक प्रकाशवान् से प्रार्थना करो। सर्वोच्च शक्ति की महिमा में व्यक्त की गई वाणियाँ आपकी शक्ति और बल को बढ़ा देंगी। वह व्यक्ति जिसके मन में उसकी आत्मा का पूर्ण बल विद्यमान है वह अपनी नियंत्रक शक्तियों से अपने शत्रुओं को नष्ट कर सकता है। केवल तभी सबसे बड़ा श्रोता, परमात्मा, ऐसे नियंत्रक को प्रकाश उपलब्ध कराता है और उसे सभी कार्यों में आगे बढ़ाता है। परमात्मा ऐसे व्यक्ति को इन्द्रियों की शक्तियाँ देकर तथा उस पर आनन्द की वर्षा करके स्वयं उसका रथ वाहक बन जाता है।

जीवन में सार्थकता: –
अपने से बड़ों की शक्तियों को कैसे प्राप्त करें?

यदि हम अपनी सभी अहंकारी प्रवृत्तियों और इच्छाओं को एक तरफ करके सर्वोच्च शक्तिशाली से प्रेम करें तो वह निश्चय से हमारा संरक्षण करते हुए और हर प्रकार से हमें आगे बढ़ाते हुए हमारे जीवन का सम्मान करते हैं। हमारे सांसारिक जीवन के सम्बन्धों में भी यह एक सर्वमान्य सिद्धान्त है। आप अपने वृद्धजनों से प्रेम करो और उनका सम्मान करो तो निश्चित रूप से वे अपनी शक्तियों और बलों में आपको हिस्सा देकर आशीर्वाद देंगे।


अपने आध्यात्मिक दायित्व को समझें

आप वैदिक ज्ञान का नियमित स्वाध्याय कर रहे हैं, आपका यह आध्यात्मिक दायित्व बनता है कि इस ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचायें जिससे उन्हें भी नियमित रूप से वेद स्वाध्याय की प्रेरणा प्राप्त हो। वैदिक विवेक किसी एक विशेष मत, पंथ या समुदाय के लिए सीमित नहीं है। वेद में मानवता के उत्थान के लिए समस्त सत्य विज्ञान समाहित है।

यदि कोई महानुभाव पवित्र वेद स्वाध्याय एवं अनुसंधान कार्यक्रम से जुड़ना चाहते हैं तो वे अपना नाम, स्थान, वाट्सएप नम्बर तथा ईमेल 0091 9968357171 पर वाट्सएप या टेलीग्राम के माध्यम से लिखें।

अपने फोन मैं प्लेस्टोर से टेलीग्राम डाउनलोड करें जिससे आप पूर्व मंत्रो को भी प्राप्त कर सके।
https://t.me/vedas4

आईये! ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति परमात्मा के साथ दिव्य एकता की यात्रा पर आगे बढ़ें। हम समस्त पवित्र आत्माओं के लिए परमात्मा के इस सर्वोच्च ज्ञान की महान यात्रा के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।

टीम
पवित्र वेद स्वाध्याय एवं अनुसंधान कार्यक्रम
वाट्सएप नम्बर-0091 9968357171

Comment: