केजरीवाल पर शरणार्थी आपराधिक मुकदमा दायर करें और मानवाधिकार हनन की शिकायत दर्ज करें;
सुभाष चन्द्र
भारतीय राजनीति का जहरीला कोबरा अरविन्द केजरीवाल अपने असली रंग में आ गया और रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की भारत में अवैध घुसपैठ को समर्थन देते हुए हिंदू शरणार्थियों को अपमानित करते हुए उन्हें “बलात्कारी” तक कह गया। पाकिस्तान/बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तरह अवैध घुसपैठिये नहीं है और उन्हें कानून के अंतर्गत ही नागरिकता दी जा रही है लेकिन विपक्ष CAA का पुरजोर विरोध कर रहा है केवल मुस्लिमों को खुश करने के लिए।
इस विषय में दिल्ली के ठग और मक्कार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सारी सीमाएं लांघते हुए शरणार्थियों का घोर अपमान करते हुए कहा है कि –
“केंद्र सरकार का लागू किया गया CAA कानून बहुत खतरनाक है जिसकी वजह से Law and Order ठप हो जाएगा और चोरी डकैतियां और बलात्कार बढ़ेंगे”।
हमारा देश एक गरीब देश है और अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 3 करोड़ लोगों में डेढ़ करोड़ लोग भी भारत में आ गए तो उनको कहां बसाया जाएगा, नौकरियां कहां से देंगे, जो रोजगार हमारे बच्चों को मिलना चाहिए वो तो वो लोग ले जाएंगे’।
CAA के बाद ये पाकिस्तानी पूरे देश में फ़ैल जाएंगे और हमारे ही मुल्क के लोगों को हड़काएंगे और हुड़दंग करेंगे; इनकी इतनी हिम्मत हो गई कि दिल्ली की जनता द्वारा भारी बहुमत से चुने गए CM को हमारे ही मुल्क में घुस कर माफ़ी मांगने को कह रहे हैं”।
पाकिस्तानियों को पूरी सुरक्षा और सम्मान के साथ मेरे घर के बाहर प्रदर्शन करने की इज़ाज़त दी गई लेकिन इस देश के किसानों को दिल्ली आने की भी इज़ाज़त नहीं है; भारत के किसानों को अश्रु गैस के गोले, लाठियां, डंडे और गोलियां? और पाकिस्तानियों को इतना सम्मान?”
अब शरणार्थियों को चाहिए कि वे केजरीवाल के खिलाफ एक तो मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर करें क्योंकि केजरीवाल ने सभी शरणार्थियों को “बलात्कारी (rapist) कहा है, उन्हें चोर और डकैत और दंगाई कहा है”। NCRB के रिकॉर्ड से बताया जाए कितने शरणार्थी और कितने रोहिंग्या या बांग्लादेशी अपराधों में लिप्त रहे हैं।
दूसरा केस शरणार्थियों को NHRC में फाइल करना चाहिए कि केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हम शरणार्थियों के मानवाधिकारों के हनन की कोशिश की है और ऐसी ही शिकायत उन्हें UNHCR के पास भी दायर करनी चाहिए क्योंकि जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस विषय को गलत ढंग से UNO में उठा सकते हैं तो शरणार्थी भी यह विषय UN संस्था तक ले जाने का अधिकार रखते हैं।
केजरीवाल के दिल में हिंदुओं के लिए कितना जहर भरा है वो इस बात से साबित होता है कि उसने हिन्दू शरणार्थियों को चोर, डकैत और बलात्कारी कहने के साथ साथ उन्हें बार बार पाकिस्तानी कहा है, न हिंदू कहा और न शरणार्थी कहा।
दूसरी तरफ केजरीवाल, कांग्रेस और विपक्षी दल रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को पूरे देश में बसाने और वोट बैंक बनाने के लिए आगे रहे हैं। जब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता मिल जाएगी तो यही केजरीवाल और अन्य दल उन शरणार्थियों के चरणों में लोटते फिरेंगे वोट के लिए।
केजरीवाल और विपक्ष को अगर CAA नहीं चाहिए तो पहले सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को देश से बाहर भेजने के लिए हामी भरो। उन्हें लाइन लगा कर वापस भेजो। चुनाव आयोग 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के फर्जी आधार कार्ड पर बने वोटर कार्ड रद्द करे।
इंडिया फर्स्ट से साभार
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