अशोक “प्रवृद्ध”
जैसा कि पूर्व से ही अंदेशा था कि पूर्व चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के सेवनिवृत होने और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफ़े के बाद रिक्त पड़े चुनाव आयुक्तों के पद पर दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पश्चात 16 मार्च दिन शनिवार को देश में आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी, ठीक वैसा ही हुआ और भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवनिवृत अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति के बाद 16 मार्च को तीन बजे भारतीय चुनाव आयोग के द्वारा देश में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके साथ ही चुनाव आयुक्त और लोकसभा चुनाव के समय के संबंध में छाई धुंध भी छँट गई है। 14 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली उच्च-स्तरीय समिति ने चुनाव आयुक्तों के खाली पड़े पदों के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवनिवृत अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुना। और इससे संबिधित गजे़ट नोटिफ़िकेशन जारी किया गया जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति करते हैं। जारी अधिसूचना के अनुसार भारतीय चुनाव आयोग में उनके कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी नियुक्ति होगी। इससे पहले चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बनी तीन सदस्यों वाली समिति में विपक्ष के एकमात्र सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी थी। अधिसूचना के साथ ही भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीख़ों की घोषणा भी 16 मार्च शनिवार को कर दी है। यह लोकसभा चुनाव सात चरणों में होगा। ये चुनाव प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो रही है और मतगणना चार जून को होगी। पहले चरण के लिए 20 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण के तहत 28 मार्च को अधिसूचना जारी होगी। 26 अप्रैल को मतदान होगा। तीसरे चरण के तहत सात मई, चौथे चरण के तहत 13 मई और पांचवे चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे। छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी। सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा। आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में जारी अधिसूचना में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चार राज्यों के विधानसभा चुनाव अर्थात असेंबली इलेक्शन शेड्यूल की भी घोषणा की गई है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की भी घोषणा शामिल हैं। अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को चुनाव होगा। इसके लिए 20 मार्च को अधिसूचना जारी होगा। सिक्किम 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। आंध्र प्रदेश में चुनाव 13 मई को होगा। उड़ीसा में पहले चरण का चुनाव 13 मई और दूसरे चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे। तीन चरणों में 26 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होंगे। ये चुनाव भी आम चुनावों के साथ होंगे।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म होने वाला है। इस बीच नए निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने भी शुक्रवार को कमान संभालने के बाद अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ-साथ दो निर्वाचन आयुक्त भी होते हैं। भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ों की घोषणा करते हुए लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चार चुनौतियां बताईं हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तैयारियों का ज़िक्र करते हुए चुनाव में चार चुनौतियां बताईं। उन्होंने इन चार चुनौतियों को 4 मसल्स की संज्ञा देते हुए कहा कि ये 4 मसल्स हैं- मसल्स अर्थात बाहुबल, मनी अर्थात धन, मिसइन्फ़र्मेशन अर्थात ग़लत सूचनाएं और चौथा एमसीसी अर्थात आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन। उन्होंने कहा कि चुनाव में इन चार चुनौतियों अर्थात 4 मसल्स से निपटना होगा। इसके लिए पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ़ तैनात होंगे। इस बार मसल पावर को कम करने के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। खून खराबा और हिंसा को नियंत्रित किया जाएगा। चाहे वह चुनाव से पहले, उसके दौरान या बाद में हो। हर ज़िले में नियंत्रण कक्ष अर्थात कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। एक वरीय आदिकारी अर्थात एक सीनियर अफसर मौजूद रहेगा। जहां से भी शिकायत मिलेगी, पूरे देश में उसका निराकरण होगा। जिला जजों को हिदायत दी गई है, जितने तीन साल से पुराने लोग हैं, उन्हें बदल दीजिए। ठेका कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया में नहीं लगाए जाएगा। डबल वोटिंग की शिकायत आए तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। मनी अर्थात धन के संबंध में देखा जाए तो पिछले दो साल के चुनावों में 3400 करोड़ रुपये रोके गए। पैसे का गलत इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। प्रत्येक राज्य में एनफोर्समेंट एजेंसियों से चौकन्ना रहने को कहा गया है। मुफ्त वितरण, पैसे बांटना आदि पर लगाम लगाई जाएगी। ड्रग्स को रोकने की कोशिश होगी। हवाई पट्टियों और हैलीपैड की निगरानी होगी। उतरने वाले सामानों की विस्तृत जांच होगी। मिसइन्फ़र्मेशन अर्थात लोकतंत्र में सोशल मीडिया में किसी की आलोचना के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन यह तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। गलत सूचनाएं देकर अफवाह फैलाने को रोका जाएगा। सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए प्रशासन आदेश दे सकता है। हर राज्य में नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। अगर कोई आलोचना की रेखा लांघता है या गलत न्यूज़ फैलाता है तो उस पर कार्रवाई होगी। एमसीसी अर्थात आदर्श आचार संहिता के संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव के दौरान राजनीति के गिरते स्तर पर सुझाव जारी किए गए हैं। पिछले पांच साल में एमसीसी को इकट्ठा कर एक अंतिम सुझाव जारी किए हैं। पार्टियों को नोटिस दिया कि हर स्टार चुनाव प्रचारक को एमसीसी की गाइडलाइंस देनी होंगी। हम उनका इतिहास देखेंगे। नफरती भाषण, धार्मिक नफरत का भाषण, निजी टिप्पणियां, गलत जानकारियों वाला प्रचार अखबार में जो छपता है कि इसकी लहर या उसकी लहर.. इस पर विज्ञापन लिखना होगा। बच्चों को इस्तेमाल नहीं करना होगा। विकलांग लोगों के प्रति अपशब्द न बोलें।
उल्लेखनीय है कि पिछली बार 2019 में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच पूरे देश में 7 चरणों में मतदान हुआ था, जबकि 23 मई 2019 को चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे। इस चुनाव में 303 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर देश में उभरी थी और पार्टी ने अकेले के दम पर बहुमत पार कर लिया था। फिर भी चुनाव पश्चात भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के साथ ही रक्षत्रे जनतान्त्रिक गठबंधन की ही सरकार बनाई थी। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। अर्थात 16 मार्च से आचार संहिता लागू हो जाएगी, जो कि नतीजे आने तक लागू रहेगी। चुनाव के दौरान आचार सहिंता का पालन करना हर पार्टी और नेता के लिए अनिवार्य होता है। कोई पार्टी चुनाव प्रचार नहीं कर सकती है। सरकारी अधिकारियों का स्थानांतरण, पदस्थापन अर्थात ट्रांसफर और पोस्टिंग भी नहीं की जा सकती है। स्थिति के अनिवार्य होने की स्थिति में सरकार को चुनाव आयोग की स्वीकृति लेनी पड़ती है। चुनाव आयोग की अनुमति के बिना कोई भी राजनीतिक दल जुलूस अथवा रैली नहीं निकल सकती। बहरहाल आसन्न लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना के साथ ही देश में चुनाव की गहमागहमी दिखाई देने लगी है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी राजनीति पार्टियों की चुनाव तैयारियां जोरों पर है। सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की धड़ाधड़ घोषणा करने में लगी हैं।
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