करुणा की निधि गौसेवा ईश्वर प्राप्ति का एक मात्र मार्ग : अग्निवीर गौसेवा प्रमुख पवन तोमर*

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रिपोर्ट: रविंद्र आर्य
गाजियाबाद: अग्निवीर वैदिक संगठन गाजियाबाद द्वारा कई वर्षो से बेसहारा गौ-वंशों के संरक्षण के लिए चलाया जा रहा है,
यह अभियान बीमार, चोटिल, व नालों में फसे हुए गौ-वंशों को बचाने के लिए संस्था के लोग लगातार कार्य करते हैं, हाल ही में एक बड़े नाले में फसे गौ-वंश को कई घंटो की मेहनत के बाद पवन तोमर के नेतृत्व में सुरक्षित बाहर निकाला गया।
पवन तोमर जो कि संस्था में जिला अध्यक्ष के पद पर नियुक्त है।
जिनके नेतृत्व में असहाय गौ-वंशों के लिए टीम कार्य कर रही है। पवन तोमर ने बताया कि हम हर माह लगभग सौ से एक सौ पचास गौ-वंशों का उपचार, रेस्क्यू, अंतिम संस्कार जैसे कार्य करते हैं। गायों के प्रति अंतिम संस्कार की पुराण बिधि से मिट्टी मे दवा कर किया जाता है। अग्निवीर संस्था के जिला अध्यक्ष पवन तोमर का प्रकृति के लिए कहना है की मनुष्य पेड़ आदि अनेकों प्रकार की प्रकृति है ऐसे ही गाय भी प्रकृति का हिस्सा है, जैसे की हवा प्राण वायु देती है, पानी से शीतलता, सुरज के ताप मिलता है, वैसे ही गाय पशुओ मे सर्वश्रेष्ठ प्रकृति है, जिसमे गोवर्धन होता है, गोवर से लेकर गाय के मूत्र मे भी औषधि गुण पाए जाते हैं। गाय का दूध तो अमृत तुल्य होता है।

गोवर्धन पूजा में गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती है जैसे नदियों में गङ्गा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। ऐसे गौ सम्पूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है।
गायों की सुरक्षा हेतु आमजन ओर जनमानस को सहयोग कर गों-माता को सुरक्षा दे।

अभी हाल ही मे विजय नगर मे एक गौ-वंश के चोट लगी थी । जो की गाजियाबाद में होने की सुचना टीम अग्निवीर गाज़ियाबाद को दी गई। सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम मौके पर पहुंचे और गौ-वंश का तुरंत उपचार किया।
पवन तोमर का अनुरोध है की गौसेवा व अन्य धार्मिक कार्यों से जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं।

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