सत्र न्यायालय के आदेश ने कर दी है केजरीवाल की फजीहत
सुभाष चन्द्र
आज(16 मार्च) को Rouse Avenue कोर्ट से दिल्ली शराब और अन्य घोटालों के सरगना अरविन्द केजरीवाल को जमानत मिल गयी। केजरीवाल कभी स्वयं कहा करता था कि ED से सामने पेश होते हुए बड़े बड़े लोगों की पैंट गीली हो जाती है। शायद यही वजह थी जो केजरीवाल ED द्वारा जारी किए 8 summons की अवहेलना करता रहा और ED की 2 शिकायतों पर मजिस्ट्रेट द्वारा उसके पेश न होने को अपराध मान कर 16 मार्च को कोर्ट में पेश होने के निर्देश के खिलाफ वो सेशन कोर्ट चला गया।
लेखक
लेकिन आज सेशन जज राकेश स्याल ने केजरीवाल की अपील खारिज करते हुए निर्देश दिए कि उसे मजिस्ट्रेट के सामने कल निजी तौर पर पेश होना ही होगा। मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकता है Personal Appearance से छूट के लिए।
अब यह भी निश्चित है कि ED की इतनी गंभीर शिकायतों पर न तो मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा अपनी अदालत में पेशी से छूट देगी और न ही ED के Summons पर पेश न होने की अनुमति देंगी।
इसलिए जाहिर है आज सेशन कोर्ट के आदेश होते ही केजरीवाल के अपने शब्दों के अनुसार उसकी “पैंट गीली” हो गई होगी क्योंकि ED के सामने नाक रगड़ कर जाना ही पड़ेगा।आज ED ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी के कविता को केजरीवाल सरकार के शराब घोटाले में ही हैदराबाद में उसके घर पर रेड करने के बाद गिरफ्तार कर लिया और हो सकता है कविता से ED को केजरीवाल के खिलाफ कुछ गंभीर input मिले हों जो केजरीवाल को गिरफ्तार करने में सहायक होंगे। यह भी हो सकता है भविष्य में कविता सरकारी गवाह बनने की अपील करे और केजरीवाल के सारे राज खोल दे।
“यही रात अंतिम, यही रात भारी,
बस एक रात की अब कहानी है सारी”
आज तो जैसे क़त्ल की रात है या कहें तो क़यामत की रात है केजरीवाल के लिए क्योंकि कल पता नहीं क्या होगा।आज “आप” में मंथन होगा कि “महाशय” अगर अंदर हो गए तो मुख्यमंत्री की गद्दी पर कौन बैठेगा। गद्दी पर बैठने वाला ऐसा तलाश किया जाएगा जो समय आने पर केजरीवाल के लिए गद्दी वापस कर दे। कहीं ऐसा न हो जैसा नितीश कुमार के जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद हुआ था जब मांझी ने गद्दी छोड़ने से मना कर दिया था।
मैंने अपने एक लेख में पहले भी लिखा था कि केजरीवाल के दिमाग में फितूर है कि चुनावों की घोषणा होते ही आचार संहिता लग जाएगी और फिर उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा लेकिन जांच एजेंसियां अपना काम करती रहती हैं और आचार संहिता उनके ऐसे काम में बाधा नहीं होती और वैसे भी नए चुनाव आयुक्त बड़े सख्त बताए जाते हैं जिनसे केजरीवाल को कोई राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
K से कविता और K से केजरीवाल – दोनों अंदर होंगे और वैसे भी सिसोदिया/संजय सिंह कब से अपने प्रिय नेता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। लगता है अब उनका इंतज़ार पूरा होने वाला है। बकरे की माँ का खैर मनाने का समय अब पूरा होने वाला है।
ED अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रही है। उसे केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जल्दी नहीं है। केजरीवाल श्याणा है लेकिन ED ठंडी करके खाती है। केजरीवाल की नौटंकी अब ख़त्म हो चुकी है कि ED / CBI ने झूठा केस बनाया हुआ है।
केस झूठा होता तो सत्येंद्र जैन/सिसोदिया/संजय सिंह इतने लंबे समय से अंदर न होते। आज भी सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया। भला किसी झूठे केस पर इस तरह जमानत अर्जी ख़ारिज होती हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि जमानत मांगना हर किसी का अधिकार है।
इंडिया फर्स्ट से साभार
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।