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इतिहास के पन्नों से

उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों आक्रान्ताओं द्वारा परिवर्तित किए गए धर्म स्थल

डा. राधेश्याम द्विवेदी
(यह सूची एक विद्धान श्री सीताराम गोयल की एक प्रारम्भिक रिपोर्ट “LIST OF MOSQUES IN VARIOUS STATES WHICH WERE BUILT AFTER DEMOLISHING THE HINDU TEMPLES” BY Sita Ram Goel / https:skanda 987 .files .wordpress.com के आधार पर तैयार की गयी है। )
इस सूची में उन स्थलों के नाम का उल्लेख किया गया है जो उत्तर प्रदेश में विभिन्न जिलों में समय समय पर मध्यकालीन मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा तोड़े गये हैं । उस पर मुस्लिम इमारतें दरगाह मजारे मस्जिदें कब्रगाह या अन्य तरह की संरचनायें बना ली गयी हैं। कहीं कहीं तो पुरानी संरचना को तोड़कर बनाये गये हैं ,तो कही कहीं केवल ऊपरी भाग ही बदल दिया गया है। ज्यादातर मंदिरों के सामग्री का पुनःपरिवर्तित मुस्लिम संरचनाओं में लगा दिया जाता रहा है।
5 फरवरी, 1989 को अरुण शौरी का एक लेख प्रकाशित हुआ था। उसमें उन्होंने एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली व्यक्ति मौलाना हकीम सैयद अब्दुल हाई का जिक्र किया था। शौरी ने बताया था कि उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से एक किताब ‘हिंदुस्तान की मस्जिदें’ है, जिसमें 17 पन्नों का अध्याय था। उस अध्याय के बारे में बात करते हुए शौरी ने कहा था, उसमें मस्जिदों का संक्षिप्त विवरण लिखा गया था, जिसमें हाई ने बताया था कि कैसे मस्जिदों के निर्माण के लिए हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था। वर्ष 1990 में इतिहासकार सीता राम गोयल ने अन्य लेखकों अरुण शौरी, हर्ष नारायण, जय दुबाशी और राम स्वरूप के साथ मिलकर ‘हिंदू टेम्पल: व्हाट हैपन्ड टू देम’ नामक दो खंडों की किताब प्रकाशित की थी। उसमें गोयल ने भारत के 1800 से अधिक मुस्लिमों द्वारा बनाई गई इमारतों, मस्जिदों और विवादित ढाँचों का पता लगाया था, जो मौजूदा मंदिरों/या नष्ट किए गए मंदिरों की सामग्री का इस्तेमाल करके बनाए गए थे।
संक्षिप्त सारांश सूची :-
यह केवल एक संक्षिप्त सारांश है। श्री गोयल ने अपनी किताब में लिखा है कि उनके द्वारा बताई गई सूची अभी अधूरी है, यह सिर्फ एक संक्षिप्त विवरण था। अभी सूची में और कई मस्जिदें व दरगाह हैं, जिनके मंदिर की जगह पर और मंदिर की सामग्री के इस्तेमाल से बनाने के सबूत मौजूद हैं। उन्होंने लिखा, “हमने उल्लेख किए गए स्मारकों के स्थानों, नामों और तारीखों के संबंध में सटीक होने की पूरी कोशिश की है। फिर भी कुछ गलतियाँ और भ्रम रह गए होंगे। हालाँकि, ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि विभिन्न स्रोत एक ही स्मारक के लिए अलग-अलग तिथियाँ और नाम का प्रयोग करते हों। कुछ मुस्लिम फकीरों को कई नामों से जाना जाता है, जो उनकी मजारों या दरगाह की पहचान करने में भ्रम पैदा करते हैं। या फिर कुछ जिलों का नाम बदलकर अगर नया नाम रख दिया गया तो ऐसा हो सकता है। खैर, यह केवल एक संक्षिप्त सारांश है।”
परीक्षण और विश्लेषण: युग की आवश्कता :-
इस सूची में उल्लिखित और अन्य परिवर्तित जैसे लगने वाले स्थलों का गहन परीक्षण किये जाने की आवश्कता है। एसा होने पर अन्यानेक हिन्दू मंदिरों के अवशेष की जानकारी अभी भी और मिल सकती है। इस सूची को तैयार होने के बाद इनका भौगोलिक स्वरुप भी बदला हुआ मिलेगा। मसलन पहले यह किसी और राजस्व जिले में रहा होगा जो बाद में दूसरे जिले में परिवर्तित हुआ होगा। इसमें किंचित संशोधन की आवश्यकता पड़ सकती है। जिस प्रकार मुस्लिम स्रोेत मिले हैं उस हिसाब से इसमें कुछ परिवर्तन भी देखा जा सकता है। अनेक दरगाह व मजार भी इन हिन्दू धर्म के अवशेषों पर पाये जा सकते है।
पाठक गण इसमें अपने सुझाव द्वारा अद्यतन बनाने में सहयोग कर सकते है और नवीनतम साइटों को खोज सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि इस सूची में सभी हिन्दू मंदिरों को समलित नहीं किया गया है। कुछ मस्जिद बन गये हैं कुछ दरगाह तथा कुछ मजार की शक्ल में आज भी देखे जा सकते हैं। अनेक मुस्लिम शासकों ने हिन्दू पहचान को पूरा का पूरा मिटाने का प्रयास भी किया है। कोई भी व्यक्ति इस सूची के हिसाब से उस सामग्रियों व स्थलों का परीक्षण भी कर सकता है जो हिन्दू मंदिरों को तोड़कर बनाये गये है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण राज्य पुरातत्व विभाग विश्व विद्यालयों को इन स्थलों को रडार तकनीकी या खुदाई करवाकर परीक्षण करवा सकता है। इसके आसपास गैर मुस्लिम हिन्दू बौद्ध और जैन मंदिरों वा पुरा स्थलों के अवशेषों भी प्रकाश में आ सकते हैं।
वर्तमान समय उत्तर प्रदेश तथा भारत में गैर मुस्लिम तथा राष्ट्रवादी सरकारें हैं तथा इनका स्पष्ट बहुमत भी है। इसलिए इस काम में कम से कम अवरोध आने की संभावना हैं। इस कृत्य से इतिहास भी संशोधित हो जाएगा जिसे वाम पंथियों व तथाकथित सेकुलरों ने पक्षपात पूर्ण बनाया है।
सीता राम गोयल (1929 – 2003) भारत के बीसवीं शती के प्रमुख इतिहाकार, लेखक, उपन्यासकार और प्रकाशक थे। उन्होने हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया। 1951 से 1998 तक गोयल ने स्वयं तीस से भी अधिक पुस्तकें तथा सैकड़ों लेख लिखे। बेल्जियन विद्वान कोएनराड एल्स्ट ने नोट किया है, गोयल की बातों का या उनकी पुस्तकों में दिए तथ्यों का आज तक कोई खंडन नहीं कर सका है। सम्पूर्ण जीवन में उन्होंने जो शोध किया है वह अपने निजी प्रयास से किया है किसी भी प्रकार की कोई सहायता लेकर नहीं किया है। 1998 तक उन्होने 30 से अधिक पुस्तके लिख रखी थी। इस लेख की जो सूची उन्होंने तैयार की है आज तक कोई भी विद्वान उसे चुनौती नहीं दिया है। पाठक तथा नये अध्येता गोयल जी के मुहिम को अद्यतन और आगे बढ़ा सकते हैं।

आगरा फतेहपुर सीकरी और फिरोजाबाद :-
1. साबुन कटरा स्थित कलां मस्जिद (1521 )- आगरा की कलां मस्जिद का निर्माण मंदिर की सामग्री से किया गया था।
2. कछपुरा गांव में स्थित हुमायूं मस्जिद (1537- 38 )- यह मंदिर की साइट है।
3. विजलीघर स्थित जाहन्नारा की जामा मस्जिद (1644)- यह मंदिर की साइट है।
4. देहराबाग आगरा में कमाल खा शाहिद की दरगाह और कुआं – यह मंदिर की सामग्री से निर्मित है।
5.आगरा अकबर के किले का नदी के किनारे रेलवे लाइन के पास वाला भाग – यह जैन मंदिर की साइट है।
6. चीनी का रोजा आगरा – यह मंदिर की साइट है।
7. मस्जिद बिसौली आगरा (1667-68 ) – यह मंदिर की साइट है।
8. फतेहपुर सीकरी आगरा नगर में स्थित अम्बियावाली मस्जिद एवं कई अन्य मस्जिद – ये सब मंदिर से मस्जिद बनाये गये हैं।
9. जामी मस्जिद फतेहपुर सीकरी – यह भी मंदिर की सामग्री से निर्मित किया गया है।
10. शेख सलीम चिस्ती की दरगाह – यह मंदिर की सामग्री से निर्मित किया गया है।
11. फतेहपुर सीकरी स्मारक परिसर – यहां कई मंदिरों की साइटें परिवर्तित की गई है।
12.कादिम मस्जिद फिरोजाबाद – यह मंदिर की साइट है।
13.मस्जिद जाजौ फिरोजाबाद- यह मंदिर की साइट है। 14. मकदूम शाह की मजार रसूलपुर – यह मंदिर की साइट है।
15. अकबर का मकबरा सिकन्दरा – यह मंदिर की साइट है।
16. मिशन कम्पाउन्ड के अंतर्गत मस्जिद सिकन्दरा – यह मंदिर की साइट है।
अलीगढ जिला –
17. ईदगाह अलीगढ़ (1562-63) – यह मंदिर की साइट है।
18.शेख जलालुद्दीन चिस्ती शमसुल आरफिन की दरगाह- यह मंदिर की साइट है।
19. अनेक मजारों के कब्रें ग्रेवार्ड अलीगढ़ – ये मंदिर की साइटें हैं।
20. शेरशाही मस्जिद (1542) अलीगढ- यह मंदिर की साइट है।
21. मस्जिद (1676) अलीगढ़ – यह मंदिर की साइट है। 22. बाबरी या जामा मस्जिद (1528-29) पीलखाना अलीगढ़- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
23. जामा मस्जिद (1585) सिकन्दरा राव अलीगढ़- यह मंदिर की साइट है।
प्रयागराज (Allahabad) जिला :-
24. अकबर का किला प्रयाग – यह मंदिर की साइट है।इलाहाबाद में अकबर का किला मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।
25. खुशरो बाग प्रयाग – यह मंदिर की साइट है।
26.शाह अजमल खान की दरगाह व कब्रें प्रयाग – यह मंदिर की साइट है।
27.मस्जिद (1641-42) प्रयाग – यह मंदिर की साइट है। 28.गुलाबबाड़ी की कब्रें प्रयाग – यह मंदिर की साइट है। 29 . जामा मस्जिद (1384 )कोह इनाम प्रयागराज – यह मंदिर की साइट है।
30. कादिम मस्जिद मऊआईमा प्रयागराज – यह एक मंदिर की साइट रही है।
31. मस्जिद (1644-45) शाहबाजपुर प्रयागराज – यह एक मंदिर की साइट रही है।
32. दोहरी घाट कलां मस्जिद- यह एक मंदिर की साइट रही है।
33. गंजहर मस्जिद- यह एक मंदिर की साइट रही है। 34.दौलत या अभिमान का मकबरा मेंह नगर – यह एक मंदिर की साइट रही है।
35. जामा मस्जिद निजामबाद – यह एक मंदिर की साइट रही है।
36. मिंया मकबूल और हुसेन खान शाहिद की मजार निजामबाद – मियां मकबुल और हुसैन खान शाहिद की मजार भी मंदिर के स्थान पर बनाई गई थी। यह मंदिर की साइट रही है।
37. हुमायूं जामा मस्जिद (1533-34) निजामबाद- यह एक मंदिर की साइट रही है।
बदायूं जिला :-
38.अलापुर आलमगीर मस्जिद – इस संरचना में मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
39. शामसी या जामा मस्जिद (1233)- इस संरचना में मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
40. शामसी ईदगाह (1209) – इस संरचना में मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
41. हौज ए शामसी (1203) – इस संरचना में मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
42. शाह बिलायत की दरगाह (1390) शामसी – यह मंदिर की संरचना रही है।
43.अन्य अनेक मस्जिद एवं दरगाह शामसी – ये सब मंदिर की संरचना रही है।
44. सिसवां जामा मस्जिद (1300) – यह मंदिर की संरचना रही है।
45. ऊझानी अबदुल्ला खान की मस्जिद – यह मंदिर की संरचना रही है।
बहराइच जिला :-
46. सालार मसूद गाजी की दरगाह – यह सूर्य देव मंदिर की संरचना रही है। वर्तमान समय में यहां बहुत बड़ा मेला लगता है।
बलिया जिला :-
47. जामा मस्जिद खारिद – यह मंदिर की संरचना रही है।
48. रुकुण्ड दीन शाह की दरगाह – यह मंदिर की संरचना रही है।
बांदा जिला :-
49. औगासी मस्जिद (1581-82) – यह मंदिर की संरचना रही है।
50. बदौसा मस्जिद (1692)- यह मंदिर की संरचना रही है।
51. पत्थर महल्ला की मस्जिद कालिंजर-(1412-13 ) – यह लक्ष्मी नरायन मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। 52.कलिंजर मस्जिद (1660-61) – यह मंदिर की संरचना रही है।
53 अन्य अनेक मस्जिद और मजार कालिंजर – ये सब मंदिर की संरचना रही है।
एटा:-
54. शेख जमाल की दरगाह सोरों- यह मंदिर की संरचना रही है।
बाराबंकी जिला:-
55. मलामत शाह की मजार भादो सराय – यह मंदिर की संरचना रही है।
56.हाजी वारिश अली शाह की मजार देवा – यह मंदिर की संरचना रही है। यहां बहुत बड़ा मेला लगता है।
57. मस्जिद देवा (1665) – यह मंदिर की संरचना रही है।
58.फतेहपुर मस्जिद- यह मंदिर की संरचना रही है।
59.फतेहपुर इमामबाड़ा- यह मंदिर की संरचना रही है। 60.रुधौली मस्जिद – यह मंदिर की संरचना रही है।
61. शाह आलम और जोहरा बीबी की दरगाह – यह मंदिर की संरचना रही है।
62. दाउद शाह का रोजा रोजा गांव – यह मंदिर की संरचना रही है।
63. सराय अकबराबाद की मस्जिद (1579-80) – यह मंदिर की संरचना रही है।
64. सालार साहू गाजी की दरगाह सतरिख- यह मंदिर की संरचना रही है।
बरेली जिला:-
65.बेगम की मस्जिद अनोला – यह मंदिर की संरचना रही है।
66. अली मोहम्मद रोहिल्ला का मकबरा अनोला ,- यह मंदिर की संरचना रही है।
67.मिरजई मस्जिद (1579-80 ) बरेली – यह मंदिर की संरचना रही है।
68.शेख फरीद का किला फरीदपुर – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
जिला बिजनौर :-
69. बारमिह का खेरा मस्जिद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
70. नबाब सुजात खां का मकबरा जहानाबाद – यह मंदिर स्थल रहा है।
71. कीरतपुर का किला व अंदर की मस्जिद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
72. मण्डावर की जामा मस्जिद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
73. पत्थरगढ़ का किला नजीमाबाद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
74.निहतौर की मस्जिद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
75. शिवहरा मस्जिद – यह मंदिर की साइट है।
बुलंदशहर जिला :-
76. ओरंगाबाद सैयद की सभी मस्जिदें- ये सभी मंदिर की साइटें है।
77. बुलंदशहर की दरगाह – यह मंदिर की साइट है।
78.बुलंदशहर का किला- इसमें अनेक मंदिर की साइटें है । 79. बुलंदशहर का ईदगाह – यह मंदिर की साइट है ।
80. बुलंदशहर का मस्जिद (1311) – यह मंदिर की साइट है ।
81. बुलंदशहर का मस्जिद (1538)- यह मंदिर की साइट है ।
82. बुलंदशहर का मस्जिद (1557 ) – यह मंदिर की साइट है ।
83. मखदमू साहब का मजार खुर्जा- यह मंदिर की साइट है ।
84.सिकन्दर लोदी के समय की अनेक मस्जिदें- ये सभी मंदिर की साइटें हैं।
85. सिकन्दर लोदी के समय की अनेक मस्जिदें शिकारपुर सिकन्दराबाद- ये सभी मंदिर की साइटें हैं।
जिला एटा :-
86.हजरत हुसेन या हसन की मजार अतरंजीखेरा-
यह मंदिर की साइट है।
87. मीर सैयद इब्राहिम की मजार (1555) जलेसर – यह मंदिर की साइट रही है।
88. जलेसर का किला – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
89. जामा मस्जिद (1737-38) कासगंज – यह मंदिर की साइट रही है।
90. मरहरा की मस्जिद और मजार – यह मंदिर की साइट रही है।
91. कादिम मस्जिद (1285) साकेट – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
92.अकबरी मस्जिद (1563) – यह मंदिर की साइट रही है।
इटावा जिला :-
93. दो मस्जिद औरेया- यह मंदिर की साइट रही है।
94.जामा मस्जिद इटावा – यह एक तोड़ा हुआ मंदिर साइट है।
95. शाह बुखारी (मृत्यु 1549 ई). की मस्जिद और मजार फफूद- यह मंदिर की साइट रही है।
फरुर्खाबाद जिला :-
96. फरुर्खाबाद की अनेक मस्जिद- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुई है।
कन्नौज जिला :-
97. दीना या जामा मस्जिद (1406) – सीताराम रसोई के मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
98. मकदूम जहानिया की दरगाह – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
99. बाबा हाजी पीर की दरगाह – यह मंदिर की साइट है।
100.मस्जिद (1663-64) यह मंदिर की साइट है।
101. बाला पीर की दरगाह- यह मंदिर की साइट है।
102.शेख अखी जमशेद की मजार राजगिरहार – यह मंदिर की साइट है।
103. शमसाबाद की सभी मस्जिद और मजार – ये सब मंदिर की साइटें हैं।
फतेहपुर जिला :-
104.हसवा का ईदगाह (1650-51) – यह मंदिर की साइट है।
105. जयचण्डी मस्जिद हथगांव – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
106.बरहान शाहिद की दरगाह हथगांव – यह मंदिर की साइट है।
107.ख्वाजा कर्रक की दरगाह कोरा (जहानाबाद) – यह मंदिर की साइट है।
108.जामा मस्जिद (1688-89 )कोरा जहानाबाद – यह मंदिर की साइट है।
109. लाडिन की मस्जिद कोट (निर्माण 1198-99) (1296 में पुनः निर्मित) – यह मंदिर की साइट है।
अम्बेडकर नगर जिला :-
110.काला की मस्जिद अकबरपुर- यह मंदिर की साइट है।
111. मस्जिद (1660-61) अकबरपुर – यह मंदिर की साइट है।
अयोध्या FAIZABAD जिला
112. बाबरी मस्जिद – यह मंदिर की साइट रही है। प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया था।लगभग 500 साल के बाद अनेक संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद 22 जनवरी 2024 को यहां विशाल राम जन्म भूमि मंदिर अस्तित्व में पुनः आ पाया है।
113. औरंगजेब मस्जिद स्वर्गद्वार – यह मंदिर की साइट है। स्वर्गद्वार मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था और उन जगहों पर औरंगजेब द्वारा मस्जिदों का निर्माण किया गया था।
114. औरंगजेब मस्जिद – यह त्रेता का ठाकुर मंदिर की मूल साइट है। त्रेता का ठाकुर मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था और उन जगहों पर औरंगजेब द्वारा मस्जिदों का निर्माण किया गया था।
115.शाह जुरान गौरी की मजार – यह एक मंदिर के स्थान पर बनाई गई थी।
116.सिर पैगम्बर की मजार और अयूब पैगम्बर की मजार निकट मणिपर्वत – सर पैगंबर और अयूब पैगंबर की मजार एक बौद्ध मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, जहाँ बुद्ध के पदचिन्ह थे। बुद्ध के चरण चिन्हों से युक्त बौद्ध मंदिर की यह साइट है।
117. इमामबाड़ा फैजाबाद – यह मंदिर की साइट है।
118. गाजी की मजार हटीला – अलोकण्ठ महादेव मंदिर की यह साइट है।
119. मकदूम असरफ की दरगाह रसूलपुर के पास किचैछा – यह मंदिर की साइट है।
गाजीपुर जिला :-
120.मस्जिद और मजार भीतरी – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
121.ईदगाह भीतरी – यह मंदिर की साइट है।
122. ईदगाह के नीचे का पुल – इसमें बौद्ध मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
गाजीपुर जिला :-
123. मस्जिद और मजार गाजीपुर – यह मंदिर की साइट है।
124. चहल सितुन पैलेस गाजीपुर – यह मंदिर की साइट है।
125.काला की मस्जिद हिंगतार – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
126. किला हिंगतार- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
127.बारा खम्भा या शेख अम्बर की दरगाह – यह मंदिर की साइट है।
128. दो दरगाह- यह बौद्ध मंदिर की साइट है।
श्रावस्ती जिला :-
129. मकबरा सहेट महेट – शोभनाथ जैन मंदिर की बुनियाद पर निर्मित है ।
130.मीरा सैयद की मजार सहेट महेट – बौद्ध विहार का अवशेष है ।
131.इमली दरवजा सहेट महेट – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
132.करबला दरवाजा सहेट महेट – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
गोरखपुर जिला :-
133. इमामबाड़ा गोरखपुर – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है। जो एक मंदिर के स्थान पर बनाया गया था।
देवरिया जिला :-
134. कई मस्जिद लार – मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
135. पावा में कर्बला – एक बौद्ध स्तूप के अवशेष के स्थान पर बनाया गया।
हम्मीरपुर जिला:-
136. किले के भैंसा दरवाजा के बाहर की मस्जिद महोबा (1322)- यह एक तोड़ा हुआ मंदिर साइट है।
137.परमार्दिदेव महल की पहाड़ी पर बनी मस्जिद महोबा:- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
138.दो मकबरा महोबा – मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
139. पीर मोहम्मद शाह की दरगाह महोबा – यह एक तोड़ा हुआ शिव मंदिर साइट है।
140. मुबारक शाह का दरगाह व कब्रें – 310 स्तम्भों वाले गिराये हुए मंदिर की यह जगह रही है।
141. दो मकबरा राठ – मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
हरदोई जिला :-
142.सैयदों की मस्जिद बिलग्राम- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
143 जामी मस्जिद (1438) बिलग्राम- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
144.अन्य कई मस्जिद और दरगाह बिलग्राम – इन सब में कई मंदिरों की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
145. कई मस्जिदें बिलग्राम – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त किया गया है।
146.अबदुल गफूर की मस्जिद पिहानी – यह मंदिर की साइट रही है।
147.सद्र ए जहां की दरगाह (1647-48) पिहानी – यह मंदिर की साइट रही है।
148 कादिम मस्जिद सण्डीला – यह मंदिर की साइट रही है।
149 बारा खम्भा में मजार – यह मंदिर की साइट रही है। जालौन जिला:-
150. चैरासी गुम्बद मकबरा परिसर काल्पी – यह कई मंदिरों की साइट रही है।
151.शाह अबदुल फतह अली कुरेशी की दरगाह काल्पी- यह मंदिर की साइट रही है।
152..शाह बाबू हाजी समद की दरगाह (1529) काल्पी- यह मंदिर की साइट रही है।
153. देवोधी या जामा मस्जिद (1554) काल्पी- यह मंदिर की साइट रही है।
154. मस्जिद कटरा (1649) — यह मंदिर की साइट रही है।
जौनपुर जिला :-
155. अटाला मस्जिद (1408) – इसमें अटाला देवी मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
156.दरीबा मस्जिद शाह अबदुल फतह अली कुरेशी की दरगाह काल्पी ,– यह विजयचन्द्रास मंदिर की साइट रही है।
157 जहांगीरी मस्जिद – यह जय चन्द्रास मंदिर की साइट रही है।
158 लाल दरवाजा मस्जिद – काशी के विश्वेश्वर मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
159. हमाम दरवाजा मस्जिद (1567-68) – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
160. किले के अन्दर इब्राहिम बारबक की मस्जिद (1360) – मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
161 जामा मस्जिद- यह पल्टा देवी मंदिर की साइट है। 162. किला – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है। 163. गोमती नदी पर अकबरी पुल – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
164. खलिस मुखालिसया चार अंगुली मस्जिद- यह मंदिर की साइट है।
165. खानजहां की मस्जिद (1364)- यह मंदिर की साइट है।
166.शाह फिरोज का रोजा- यह मंदिर की साइट है।
167. जामी मस्जिद मछली शहर- यह मंदिर की साइट है। 168. करबला मछली शहर – यह मंदिर की साइट है।
169. सोलह अन्य मस्जिद शाहगंज – यह मंदिर की साइट है।
170 शाह हजरत अली की दरगाह शाहगंज ,- यह मंदिर की साइट है।
171.मकदूम शाह की मस्जिद और दरगाह (1311 या 1321) जफराबाद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
172.इब्राहिम बारबक की मस्जिद जाफराबाद – यह एक मंदिर से परिवर्तित किया गया है।
173. जफरखान की की मस्जिद (1397) जाफराबाद – यह एक मंदिर से परिवर्तित किया गया है।
174.गंज ए शाहीदान जाफराबाद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
175. किला जाफराबाद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
176 अर्ली शार्की भवन जाफराबाद- जिनमें अनेक मकबरे है। इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
177. असरुद्दीन की दरगाह जाफराबाद – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
झांसी जिला :-
178 जामी मस्जिद (1412) इरिच – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
ललितपुर जिला:-
179. बासा मस्जिद (1358 )- इसमें चार मंदिरों की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
180.मस्जिद (1405) ताल बहेट – यह मंदिर की साइट है।
181.पीर ताज बाज की दरगाह ताल बहेट- यह मंदिर की साइट है।
कानपुर जिला :-
182.अलाउद्दीन मकदूम शाह की दरगाह (1360 ) जाजमऊ – यह मंदिर की साइट है।
183.इदगाह (1307) जाजमऊ – यह मंदिर की साइट है।
184. काला की मस्जिद जाजमऊ – यह मंदिर की साइट है।
185.जामी मस्जिद (पुनःनिर्मित 1682) जाजमऊ- यह मंदिर की साइट है।
186 शाह मदार की मजार माकनपुर – यह मंदिर को तोड़कर बनाया गया है।
लखनऊ जिला :-
187.मकदूम निजामुद्दीन का जहांगीरी रोजा काकोरी- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
188. टीलेवाली मस्जिद लखनऊ – यह एक मंदिर के स्थान पर बनाई गई है।
189.आसफुद्दौला इमामबाड़ा लखनऊ – यह मंदिर की साइट है।
190. लक्ष्मनटीला या नया नाम पीर मोहम्मद टीला पर शाह मोहम्मद पीर की दरगाह लखनऊ – यह मंदिर की साइट है।
191.शेख अब्राहिम चिस्ती रहमातुल्लाह की मजार लखनऊ- इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त की गयी है।
192. नादान महल या शेख अब्दुर रहीम का मकबरा लखनऊ- यह मंदिर की साइट है।
193. मच्छी भवन लखनऊ- यह मंदिर की साइट है। 194. मस्जिद (1662-63 ) मूसा नगर – यह मंदिर की साइट है।
सीतापुर जिला :-
195 किला नीमसार – इसमें मंदिर की सामग्री प्रयुक्त हुयी है।
196. मस्जिद (1690-91) रसूलपुर- यह मंदिर की साइट है।
मैनपुरी जिला :-
197. जामा मस्जिद रापरी – यह मंदिर की साइट है।
198. ईदगाह रापरी – यह मंदिर की साइट है।
199.पीर फद्दू की दरगाह रापरी – यह मंदिर की साइट है।
बागपत जिला :-
200. शेख बदरुद्दीन की दरगाह और कब्रिस्तान बरनावा बड़ौत तहसील बागपत – गांव के दक्षिण में हिडन व कृष्णा नदी के संगम पर लगभग 100 फुट ऊंचा और 30 एकड़ भूमि पर फैला हुआ महाभारतकालीन टीला लाक्षागृह के अवशेष के रूप में मौजूद है। इस टीले के नीचे 2 सुरंगें स्थित हैं।

लेखक परिचय:-
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, आगरा मंडल ,आगरा में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए समसामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)

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