—–मनोज चतुर्वेदी
इस देश की प्रबुद्ध जनता को याद होगा कि एक समय था जब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चीख़-चीख़कर रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में शरण देने की दुहाई दे रहे थे। उस समय आम आदमी पार्टी सहित सम्पूर्ण विपक्ष एकजुट होकर रोहिंग्या घुसपैठियों की वकालत कर रहा था।
यह वही अरविंद केजरीवाल हैं जो रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए छातियाँ पीट रहे थे, और रोहिंग्याओं के लिये भारत को धर्मशाला बनाने की पैरोकारी कर रहे थे।
वह रोहिंग्या जिनको कोई भी पड़ोसी मुल्क अपने यहां शरण देने को तैयार नहीं था।
कथिततौर पर आम आदमी पार्टी के एक मुस्लिम विधायक की छत्रछाया में दिल्ली-up बॉर्डर पर तमाम रोहिंग्या घुसपैठियों की अवैध बस्तियां आज भी फलफूल रही हैं। उनके अवैध राशनकार्ड से लेकर तमाम अन्य सुख-सुविधाओं की व्यवस्था करने वाले आम आदमी पार्टी के नेतागण ही माने जाते रहे हैं।
जिन रोहिंग्याओं ने बर्मा में नरसंहार किये, जो पूरी दुनिया में अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात हैं। हर संगीन अपराधों में जिनकी संलिप्तता पाई जाती रही है। उन्हीं रोहिंग्या घुसपैठियों को रोजगार मुहैया कराने में अरविंद केजरीवाल एंड पार्टी सबसे आगे खड़ी दिखाई देती रही है।
लेकिन जिन सिक्खों ने पंजाब में अरविंद केजरीवाल एंड पार्टी को अपनी आंखों पर बैठाया, आज उन्हीं सिक्ख भाइयों के नाते-रिश्तेदारों के विषय में अरविंद केजरीवाल का बेहद शर्मनाक और जहरीला बयान सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि अरविंद केजरीवाल केवल झूठ, भ्रम और ज़हर फैलाने की राजनीति पर विश्वास करते हैं।
इसे कुछ यूं कहिए कि – गैरों पे करम, अपनों पे सितम। ऐ केजरीवाल, ये ज़ुल्म न कर।
-मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
समाचार सम्पादक
उगता भारत
नोएडा से प्रकाशित हिंदी दैनिक
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