-दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)
इस लेख के माध्यम से समाज तक कुछ गंभीर विषय पहुंचाने का प्रयास है। कुछ वर्ष पूर्व सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों को मुग़ल आक्रांताओ द्वारा खंडित और हिन्दू समाज का बर्बरतापूर्वक नरसंघार किया गया तत्पश्चात लम्बे समय तक सनातन समाज ने संघर्ष कर अपनी संस्कृति और स्वाभिमान को जीवित रखा परन्तु आज भी भारत में मुस्लिम समाज का बहुत बड़ा वर्ग मुगल आक्रांताओ को अपना आदर्श मानते हुए हिन्दू समाज को रौंदना चाहता है । प्रतिदिन मुस्लिम मौलानाओ और राजनेताओ के बयान इस सन्दर्भ में आते रहते हैं जिसके कारण हल्द्वानी और बरेली जैसी घटनाए इस्लामिक कटटरपंथ द्वारा की जा रही हैं । इसके पश्चात भी भारतीय राजनेता, मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते मौन हैं परन्तु कुछ लोग हैं जो सनातनी सम्मान के गौरव की रक्षा हेतु तत्पर हैं । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के साथ साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा में एक और सनातनी आवाज सुनने को मिलती है जिनके अभिभाषण में सनातनी पौरुष एवं सामर्थ्य का आभास किया जा सकता है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष , कुंडा विधायक और भदरी राज परिवार के सदस्य राजा रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने मोदी जी के कार्यों की तुलना एवं सराहना आदि गुरु शंकराचार्य जी से करते हुए, काशी के व्यास परिवार एवं पुजारी का धन्यवाद प्रकट कर, ज्ञानवापी और श्री कृष्ण जन्म भूमि पर स्पष्ट संदेश दिया की जो लोग बाबर को अपना आदर्श मानते हैं या बाबर के मार्ग को चुनना चाहते हैं वो किसी भी प्रकार के भ्रम में रहकर शान्ति की अपेक्षा अब हिन्दू समाज से न करे । सही भी है क्षत्रियता का रक्त कब तक शांत रह सकता है विधर्मियों को शास्त्र ज्ञान से नहीं अपितु शस्त्र शक्ति से ही समझाया जा सकता है । आश्चर्यजनक है की अन्य राजनेता जिनका जन्म सनातन धर्म में हुआ उनका अंतिम संस्कार भी निश्चित ही सनातनी परम्परा से ही होगा वो लोग अपने जीवनकाल में सनातन धर्म के सम्मान में मौन क्यों रहते हैं । आप किसी भी राजनीतिक दल के हो किसी भी पद पर हो पर सबसे पहला सम्बन्ध तो सनातन धर्म से ही है। मुगलो के जाने के बाद मजहबी लोग आज भी मुग़ल आतंक को भारत में स्थापित करना चाहते हैं और भारतीय राजनीति के अधिकतर लोग मूकदर्शक बने हुए हैं यह पीड़ादायक है । राजा भैया की वेदना और सनातनी शौर्यता की ललकार सम्मान की पात्र है इस ललकार की गंभीरता को प्रत्येक सनातनी को समझना होगा क्यूंकि मोदी जी , योगी जी या राजा भैया जैसे लोग तभी मानवता की रक्षा का बीड़ा उठा सकते हैं जब समाज सजग और संघर्ष हेतु स्वयं तत्पर हो ।
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।