Dr DK Garg
पौराणिक कथा : श्रीराम की आज्ञा से हनुमान जी लंका में गए । जब रावण को इस बात का पता चला तो उसने अपने सबसे छोटे पुत्र अक्षयकुमार को हनुमान जी को रोकने भेजा। लेकिन हनुमान जी ने अक्षयकुमार को युद्ध में मार डाला। क्रोधित होकर रावण के बड़े पुत्र मेघनाद ने हनुमान जी को युद्ध में बन्दी बनाया और असुर नरेश रावण के दरबार में ले गया जहाँ रावण ने हनुमान जी की पूंछ को जला दिया लेकिन हनुमान जी ने अपनी जलती हुई पूंछ से सोने की लन्का को ही जला कर राख कर दिया। आग की गर्मी से हनुमान जी को पसीना आ गया और उस पसीने को एक मछली ने खाद्य समझकर ग्रहण कर लिया जिससे वह मछली गर्भवती हो गई। एक दिन वह मछली पाताल लोक जा पहुँची जहाँ अहिरावण और महिरावण के सेवकों ने उस मछली के पेट को चीर दिया जिसमें एक शिशु निकला जिसके शरीर का ऊपरी हिस्सा वानर का और निचला हिस्सा मछली का था।
सत्य क्या है : इस कथा की सत्यता को समझने के लिए दो तीन भागों में विचार करते है।
बाल्मीकि रामायण क्या कहती है? महर्षि बाल्मीकि की रामायण ही प्रामाणिक ग्रंथ है जिसमें ऐसा कोई प्रसंग नही है और तुलसी को रामायण जो केवल लगभग 400 वर्ष पुरानी है उसमे उत्तर काण्ड बाद में विधर्मियो ने जोड़ा है।
हनुमान ब्रह्मचारी थे ,विवाह नहीं किया था जो किसी संतान के पैदा होने का प्रश्न नहीं है।
राम का वनवास 14 वर्ष का था,और राम रावण युद्ध केवल 17/18 दिन चला। युद्ध रोकने या कहो समझोते की प्रक्रिया लगभग दो वर्ष रही । उपलब्ध प्रमाण के अनुसार सीताजी का अपहरण अंतिम तीन वर्षो में हुआ ।
जिस तरह युद्ध के अवसर पर मकरध्वज का दो बार उल्लेख है तब उसकी आयु पूर्ण पुरुष की यानि कम से कम 22 वर्ष होनी चाहिए। और गर्भ काल भी 9 माह का ,तथा बच्चे को विकसित होने में 7/8 साल लगते ही है। इस तरह हनुमान पुत्र की कथा असत्य है।
कुछ प्रश्न:
1- क्या हनुमान जी के पसीने मे वीर्य था?
2- क्या किसी बंदर से किसी मछ्ली को संतान हो सकती है?
3- क्या पानी के अंदर भी किसी को पसीना आता है?
4- जब पानी मे पसीना आया, तो वो पानी में नही मिला क्या?
5- जब सूरज को निगलते समय हनुमान को पसीना नही आया, तो लंका मे आग लगाते समय पानी मे कैसे पसीना आ गया?
6- क्या किसी पसीने की बूंद से मछ्ली गर्भवती हो सकती है?
7- क्या मछ्ली और बंदर का डी एन ऐ एक ही होता है?
8- अंडे देने वाली मछली ने मकरध्वज को कैसे पैदा कर दिया
9 पताल लोक कहा पर है?
10. मछली के पेट को चीरने के बाद जिंदा शिशु कैसा बाहर आया और इसका लालन पालन कैसे बिना मां के हुआ?
ऐसे अनेकों प्रश्न सामने आते है,इसलिए अंधविस्वास छोड़ने में ही अच्छा है।
किसी भी कथा,तथ्य ,विश्वास आदि को विज्ञान और ईश्वर के नियम की दृष्टि से भी समझने चाहिए।
फिर क्या संभव है ?
1.ऐसा संभव है की हनुमान की तरह दिखने वाला ,सम शक्ति वाला कोई युवा उनकी सेना में हो और हनुमान से आमना सामना हुआ हो ,फिर उसको हनुमान पुत्र की संज्ञा से सुशोभित किया हो।
2. हनुमान ब्रह्मचारी थे ,परंतु वैदिक विचार ये भी है की केवल संतान उत्पत्ति के लिए पत्नी के संयोग करना और फिर ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला भी ब्रह्मचारी ही कहलाता हैं।
एक प्रचलित मान्यता के अनुसार शादी से पहले हनुमान जी से कहा था कि वह विवाह के बाद भी बाल ब्रह्मचारी ही रहेंगे क्योंकि सुर्वचला कन्या से शादी के बाद भी वे तप में लीन रहेंगे । इस तरह हनुमान जी भले ही शादी के बंधन में बंध गए हो लेकिन शारीरिक रूप से वे ब्रह्मचारी ही कहलाएंगे।
ये मान्यता उचित प्रतीत होती है।
सत्य को समझने का प्रयास करें ,किसी भी गप्प कथानक द्वारा महावीर हनुमान के चरित्र पर दाग लगाना ठीक नहीं।