-राजेश बैरागी-
कमिश्नरेट पुलिस के असहयोग के चलते अपने अधिसूचित और अधिग्रहित क्षेत्र में अवैध कब्जों तथा अतिक्रमण से जूझ रहा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निजी फौज, निजी वज्र वाहन और ड्रोन रखने की योजना बना रहा है। इसके लिए प्रांतीय रक्षक दल के लगभग पचास जवानों को सरकार से अनुबंध पर लेने पर विचार किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र और अधिग्रहित जमीनों पर अतिक्रमण तथा अवैध रूप से विकसित हो रही कॉलोनियों से मुकाबला करने के लिए प्राधिकरण शीघ्र ही अपनी निजी फॉर्स तैनात करेगा। प्रभावी कार्रवाई और भूमाफियाओं तथा कॉलोनाइजरों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए प्राधिकरण अपना वज्र वाहन भी तैयार कराएगा। कार्रवाई के दौरान मौके की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने तथा वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन का उपयोग भी किया जाएगा।विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी प्राधिकरण क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध कॉलोनियां विकसित होने से खासे नाराज हैं। यह समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। दिल्ली और नोएडा के निकट होने से एक तो इस क्षेत्र में भूमि की कीमत आसमान छू रही हैं, दूसरे यहां कामकाज के लिए उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी क्षेत्रों से आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या की आवास की समस्या का समाधान ऐसी ही अवैध कॉलोनियों में मिल पाता है। परंतु इससे प्राधिकरण के सुनियोजित विकास की योजना नष्ट भ्रष्ट हो जाती है। कमिश्नरेट पुलिस से प्राधिकरण को इस समस्या से निपटने के लिए अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार कमिश्नरेट पुलिस के असहयोग के चलते प्राधिकरण अपनी निजी फॉर्स तैनात करने की योजना बना रहा है। इसके लिए प्रांतीय रक्षक दल के लगभग पचास जवानों को सरकार से अनुबंध के तहत लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 1948 में गठित पीआरडी एक वैकल्पिक सुरक्षा संगठन है। यह कमोबेश होमगार्ड जैसा सुरक्षा बल है जो पुलिस के साथ मिलकर सामाजिक सुरक्षा का काम करता है। इसका एक अलग विभाग है।वर्तमान में इसके मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।जिले में इस बल का नियंत्रण पुलिस आयुक्त के इतर जिलाधिकारी के पास होता है।(नेकदृष्टि)
Categories