बहुत याद आओगे बंधु ! कविता मेरी गाती है…..
तर्ज: फूल तुम्हे…
मॉरीशस की पावन धरती गीत वेद के गाती है।
बड़ी मनोरम प्यारी प्यारी सबके मन को भाती है।।
युग युगों से भारत माता वेदों का संदेश लिए,
मानवता के हित से पूरित कितने ही उपदेश किए।
मॉरीशस चला उसी राह पर सभा यही बतलाती है….
डी ए वी की टीम धन्य है धन्य हुआ परिवेश यह,
दयानन्द की चर्चा सुनकर हृदय हुआ मेरा गदगद,
ऋषि का ऋण नहीं चुका सकेंगे छोटी सी जिंदगानी है….
पवित्र हृदय आप सभी का मानव का निर्माण करे।
पवित्र प्रार्थना वेद की होती हर जन का कल्याण करे।।
मानव का निर्माण करो, वेद ऋचा बतलाती है ……
गंगू जी का स्नेह बरसता, आप सभी का प्यार मिला।
आतिथ्य भाव देख आपका, मेरे मन का सुमन खिला।।
बहुत याद आओगे बंधु ! कविता मेरी गाती है…..
(मैंने यह गीत मॉरीशस में डी0ए0वी0 कॉलेज में आयोजित किए गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के विदाई समारोह के अवसर पर प्रस्तुत किया था। जिसमें मॉरीशस के आर्य नेता उदय नारायण गंगू जी, आचार्य जितेंद्र पुरुषार्थी जी सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहे सभी प्रतिनिधि गण और विद्यालय का प्रबंधन तंत्र अध्यापक /अध्यापिकाएं और वहां के छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।)
- डॉ राकेश कुमार आर्य