- सभी लोग जानते हैं कि जब भी कोई व्यक्ति किसी अपराध का दोषी पाया जाता है वह अपने बचाव में किसी अन्य को उसी अपराध का दोषी साबित करने लगता है इस तरह कुछ दिन से मुस्लिम और कांग्रेसी मुहम्मद की छह साल की बच्ची आयशा की शादी के अपराध को छुपाने के लिए झूठे प्रमाण दे रहे है कि भगवान राम ने भी छह साल की सीता से विवाह किया था ,और हिन्दुओं के सामने तर्क देते है की अगर मुहम्मद बच्ची से शादी की थी तो राम ने भी तो यही काम किया था ,इसी लिए हिन्दू जनता को प्रमाणिक जानकारी देना आवश्यक हो गयी है .
- भगवान राम और माता सीता हजारों करोड़ों लोगों के आराध्य देवी-देवता हैं. दोनों का जीवन आज की पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल है. रामायण का हर किरदार भारत के लोगों के दिलों दिमाग में बसा हुआ है. आज भी भगवान राम और माता सीता को लेकर कई सवाल हमारे मन में आते हैं. उन्हीं में से एक सवाल है कि जब माता सीता और भगवान राम की शादी हुई थी, तब दोनों की उम्र कितनी थी. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं,आज के दौर में भी माता सीता और भगवान राम के रिश्ते की मिसालें दी जाती हैं. कहा जाता है कि हर पति-पत्नी के बीच भगवान राम और माता सीता की तरह प्रेम और विश्वास होना चाहिए. माता सीता के विवाह के लिए रखे गए स्वयंवर में भगवान श्रीराम ने भगवान शिव के धनुष को तोड़ा था और सीता से विवाह किया था.इसके पहले हमें स्मरण करना होगा कि वैदिक सनातन धर्म में बाल विवाह नहीं हो सकता है वयस्क होने पर ही विवाह किया जाता था नोट -आयुर्वेद के अनुसार 5 साल तक की आयु वाली लड़की को कन्या और 10 साल की लड़की को किशोरी और 18 हो जाने वाली लड़की को युवती कहा जाता है उसी को विवाह योग्य माना जाता है
चूँकि वाल्मीकि रामायण भगवान राम के समय में पूरी हो चुकी थी इसलिए उसी को प्रामाणिक माना जायेगा
1.विवाह के समय राम वयस्क थे
जब ऋषि विश्वामित्र भगवान राम और लक्ष्मण को लेकर जनक राज के समक्ष पधारे तो उन्हें देखकर राजा जनक ने आश्चर्यचकित हो हाथ जोड़कर विश्वामित्र से पूछा– हे मुनिवर! गज और सिंह के समान चलने वाले, देवताओं के समान पराक्रमी तथा अश्विनी कुमारों के समान सुन्दर, “यौवन को प्राप्त” ये राजकुमार कुमार कौन हैं ?
गजसिंहगती वीरौ शार्दूलवृषभोपमौ |
पद्मपत्रविशालाक्षौ खड्गतूणीधनुर्धरौ |
अश्विनाविव रूपेण समुपस्थितयौवनौ || बालकांड सर्ग 50 श्लोक 18
यदृच्छयैव गां प्राप्तौ देवलोकादिवामरौ |
कथं पद्भ्यामिह प्राप्तौ किमर्थं कस्य वा मुने ||बालकांड सर्ग 50 श्लोक 19
इसी बालकाण्ड में सर्ग 48 में राजा सुमति ने भी राम और लक्ष्मण को देखकर “यौवन से भरपूर सुन्दर” हथियार धारण किया हुआ कहा हैं। ऐसी अवस्था सुश्रत संहिता के अनुसार युवकों की 25 वर्ष और युवतियों की 18 वर्ष की आयु होने पर ही होती हैं।
2-विवाह के समय सीता वयस्क थी
जब विश्वामित्र ने राजकुमारों की धनुष देखने की इच्छा व्यक्त की तो जनक ने सीता के विवाह के सन्दर्भ में धनुष भंग की चर्चा करते हुए कहा- जब मेरी कन्या “सीता ‘वर्द्धमाना‘= प्राप्तयौवना हुई” तो बहुत से राजा उसका हाथ माँगने आने लगे। पर सब स्वयंवर में असफल रहे। सन्दर्भ – बालकाण्ड 66/15 यहाँ सीताजी को यौवन प्राप्त युवती कहा गया हैं।
भूतलादुत्थितां तां तु वर्धमानां ममात्मजाम् ||
वरयामासुरागम्य राजानो मुनिपुंगव |बालकाण्ड -सर्ग 66 श्लोक 15
3.-सीता वयस्क और विवाह योग्य थी
सीता ने अनसूया से कहा- पिता ने जब मेरी पति संयोग सुलभ अवस्था देखी तो उनको बड़ी चिंता हुई। मेरे पिता को वैसी ही चिंता हुई जैसा किसी दरिद्र के धन का नाश होने पर होती हैं।
पतिसंयोगसुलभं वयो दृष्ट्वा तु मे पिता।
चिन्तामभ्यगमद्धीनो वित्तनाशादिवाधनः
सन्दर्भ- अयोध्या काण्ड-सर्ग 118/श्लोक 34
किसी भी पिता के मन में अपनी पुत्री के विवाह की चिंता जब वह 16 से 18 वर्ष की होती हैं तब उत्पन्न होती है। पुत्री के 6 वर्ष की होने पर विवाह की चिंता का प्रश्न ही नहीं उठता है।
4-राम की आयु 25 और सीता की आयु 18
वाल्मीकि रामायण के अरण्यकांड में भगवान राम और माता सीता की उम्र को लेकर प्रसंग मिलता है. इस प्रसंग में माता सीता साधु के रूप में आए हुए रावण को अपना परिचय देती हैं, वह इस प्रकार है
उषित्वा द्वादश समा इक्ष्वाकूणां निवेशने। भुंजना मानुषान् भोगान् सर्व कामसमृद्धिनी।1। तत्र त्रयोदशे वर्षे राजामंत्रयत प्रभुः। अभिषेचयितुं रामं समेतो राजमंत्रिभिः।2। परिगृह्य तु कैकेयी श्वसुरं सुकृतेन मे। मम प्रव्राजनं भर्तुर्भरतस्याभिषेचनम्।3। द्वावयाचत भर्तारं सत्यसंधं नृपोत्तमम्। मम भर्ता महातेजा वयसा पंचविंशक:। अष्टादश हि वर्षाणि मम जन्मनि गण्यते।।
मम भर्तामहातेजा वयसा पञ्चविंशकः।।
अष्टादश हि वर्षाणि मम जन्मनि गण्यते।
अरण्यकांड सर्ग 47 श्लोक 10
वाल्मीकि रामायण की मानें तो 18 वर्ष की आयु में माता सीता भगवान राम के साथ वन चली गई थीं. 14 वर्षों के बाद जब वनवास से लौटे तो 33 वर्ष की आयु में माता सीता अयोध्या की महारानी बनीं.
कुछ लोगो का कहना है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 15 वर्ष और सीताजी की आयु 6 वर्ष थी। इस शंका को उठाने वालों में मुख्य रूप से वे लोग हैं जो मुहम्मद साहिब और आयशा के विवाह के समय आयशा की आयु जो उस समय केवल मात्र 6 वर्ष थी को सही मानने का प्रयास करते हैं।
यह तो आप भी जानते हैं कि सतातन काल में स्वयवर विवाह होते थे, जिसमे वैवाहिक युगल एक दुसरे के बल चातुर्य की परीक्षा करते थे। जो की युवाओं के लिए होती थी न की नाबालिग बच्चों के लिए।
हम सभी यह भी जानते हैं कि राजा जनक ने अपनी जवान पुत्री सीता का स्वयंवर किया था। जिसमें बडे बडे वीर योद्धा नौजवान राजे महाराजा भाग लेने पधारें थे।
हम यह भी जानते हैं कि कोई भी पिता अपनी नाबालिग बेटी का स्वयंवर नहीं करता है।इसके अलावा वाल्मिकी रामायण में कहीं पर नहीं लिखा की विवाह के समय सीता की आयु मात्र 6 वर्ष ही थी। जबकि रामायण में भगवान राम को युवक और सीता को युवती बताने के अनेक प्रमाण मोजूद है पाठक पढ़कर निष्कर्ष निकाले-और म्लेच्छों के हिन्दू धर्म विरोधी षडयंत्रों मिल कर विफल कर दें ऐसे विधर्मी इसलिए सक्रीय होने लगे हैं कि खुद को धर्म का ठेकेदार बताने वाले शूकराचारी जिहादियों की गन्दगी खाने लगे हैं इसलिए हमें खुद आगे निकल कर मुकाबला करना होगा ।
(523) सोशल मीडिया से साभार
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