ममता की हत्या का स्टार्टअप*
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-राजेश बैरागी-
क्या यह भी कोई स्टार्टअप है? मुझे लगता है कि अब यह जयशंकर प्रसाद या मैथिलीशरण गुप्त का देश नहीं रहा है जिसमें औरत की पहचान आंचल में दूध और आंखों में पानी से होती थी। भूजल का स्तर गिर रहा है, आंखों में कहां बचेगा। बंगलूरू में एक स्टार्टअप फर्म माइंडफुल एआई लैब की मालकिन सूचना सेठ अब गोवा पुलिस की हिरासत में है।वह 39 वर्ष की बताई गई है। उसने जब अपनी इच्छा से अपनी पसंद के युवक वेंकटरमन से ब्याह किया,वह 26 बरस की थी। शादी के दस वर्ष बाद दोनों ने पुत्र के रूप में संतान सुख प्राप्त किया। यह भी दोनों की इच्छा से ही हुआ होगा। आजकल बच्चे पैदा करना भारत सरकार की पंचवर्षीय योजनाओं से भी कठिन हो गया है।क्रमशः पहले प्यार, फिर शादी, फिर मनमुटाव, फिर तलाक और उसके बाद? सूचना सेठ ने अपने पति से प्रतिशोध के चलते अपने ही कलेजे के टुकड़े को गला घोंट कर मार डाला। यह घटना 7 जनवरी की है।सभी समाचार माध्यमों में आज यह सबसे बड़ा समाचार था। सूचना सेठ कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रयोगशाला चलाती है। क्या चार वर्ष के पुत्र की हत्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता नहीं है? पुलिस हिरासत में और न्यायालय के समक्ष पेश होते हुए सूचना सेठ न तो बिलख रही थी और न शर्मिंदा ही थी।अनेक विशेषज्ञों ने समय समय पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुष्परिणामों पर चिंता जताई है। संभवतः वे इस प्रकार के दुष्परिणाम से अनभिज्ञ होंगे। मुझे नहीं लगता कि योग्य संतान होने के लिए किसी प्रशिक्षण की आवश्यकता है। संस्कारित वातावरण में रहने से ही अच्छी संतान का निर्माण होता है। वर्तमान की असल समस्या योग्य मां बाप होना है। और इसके लिए कोई स्टार्टअप अभी शुरू नहीं हुआ है।
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