रेखा सक्सेना- विभूति फीचर्स
सर्दियों का मौसम आ गया है और साथ ही ऊनी कपड़ों का भी। इन दिनों ऊनी कपड़ों की धुलाई आवश्यक है किंतु बाजार में इन वस्त्रों की धुलाई इतनी महंगी हो गई है कि उन्हें मौसम में कई बार धुलवाना सामान्य परिवार के लिए सम्भव नहीं होता। ऐसी दशा में इसके अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं रहता कि इन कपड़ों को घर पर धोया जाए। ऐसा कर पाना अन्य कपड़ों की धुलाई की अपेक्षा कुछ कठिन अवश्य है किंतु थोड़ी सी सावधानी व परिश्रम से आप इस काम में सफल हो जाएंगी। ऊनी वस्त्रों की धुलाई दो प्रकार से की जाती है प्रथम गीली अथवा पानी से धुलाई तथा दूसरी सूखी धुलाई। सामान्य वस्त्रों की धुलाई के लिए प्रथम विधि को अपनाया जाता है जबकि कोट जैसे वस्त्रों के लिए दूसरी विधि उपयुक्त रहती है।
गीली धुलाई- इस विधि से वस्त्र धोने के लिए आम गृहिणियां प्राय: वाशिंग पाउडर या साधारण साबुन आदि का प्रयोग करती हैं जो कपड़ों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इसके स्थान पर रीठों का प्रयोग उचित होगा रीठों को तोड़कर उनके छिलकों तथा गुठलियों को फैंक दें अब रीठों की गिरियों को कुछ देर पानी में पड़ा रहने दें। तत्पश्चात उन्हें उबाल लें और फिर थोड़ा ठंडा हो जाने पर हाथ से फेंट कर झाग पैदा कर ऊनी वस्त्रों को उसमें डूबा दें।
वस्त्रों को अधिक देर तक पानी में न पड़ा रहने दें अन्यथा उनके धागे कमजोर होने की सम्भावना रहती है। उन्हें सूती कपड़ों की तरह जोर से रगड़ें या मसले नहीं सिर्फ हथेलियों से धीरे-धीरे दबाकर ही मैल निकाल दें। जब सारा मैल साफ हो जाए तो वस्त्रों को निकाल लें और पानी में दो-तीन बार (पानी हर बार बदल दें) डुबों कर धो लें।
धुलाई के लिए पानी न तो बहुत गर्म होना चाहिए और न ही बहुत ठंडा, गुनगुना पानी उपयुक्त रहेगा।
कुछ रंगीनवस्त्र धुलाई के समय रंग छोड़ देते हैं। ऐसी स्थिति में पानी में थोड़ा सा सिरका मिला लें।
वस्त्र यदि सफेद हो तो उन्हें अंतिम बार पानी में धोने से पूर्व उस पानी में नींबू की कुछ बूंदे डाल देने से स्वाभाविक चमक आ जाती है।
ऊनी वस्त्रों को सूती कपड़ों की तरह ऐंठकर निचोड़े नहीं बल्कि उन्हें धीरे-धीरे इस प्रकार दबायें कि तौलिया पानी सोख ले।
अब वस्त्रों को सुखाना होगा स्वेटर इत्यादि को लटका कर नहीं सुखायें उनका आकार बिगड़ जाएगा उन्हें फर्श या बिछी हुई चारपाई पर सुखाएं। इसके लिए पहले कोई अखबार या तौलिया फैलाएं अब उस पर वस्त्र को वास्तविक आकार में फैला दें। तेज धूप में रंगीन वस्त्रों का रंग उड़ सकता है। अत: वस्त्रों के ऊपर भी अखबार या तौलिया ढक दें। ताकि सूर्य की किरणें सीधी कपड़ों पर न पड़े और उन्हें सिर्फ गर्माहट मिलती रहे।
सूखी धुलाई
इस विधि से वस्त्रों की धुलाई के लिए आपको जिस सामान की आवश्यकता पड़ेगी वह है पेट्रोल, कपड़ेे साफ करने वाला ब्रश एक बड़ा स्याहीचूस कागज (ब्लाटिंग पेपर) साफ रुई, हैंगर और कुछ अखबारी कागज।
सर्वप्रथम जिस वस्त्र की धुलाई करना हो उसे अच्छी तरह झाड़कर साफ कर लें अब मेज पर अखबार बिछाएं तथा उस पर स्याहीचूस कागज उस पर वस्त्र को फैलाकर बिछा दें। तत्पश्चात रुई का बड़ा फाया बनाकर पेट्रोल में भिगोकर धीरे-धीरे वस्त्र के ऊपर मलें ध्यान रखें कि जहां मैल अधिक जमा हो जैसे कालर आदि वहां अधिक मले फाए को बार-बार भिगोती रहें किंतु जब फाया गंदा हो जाए तो बदल दें। जरूरत समझें तो इस क्रिया के लिए ब्रश का भी प्रयोग कर सकती हैं। जब वस्त्र साफ लगने लगे तो किसी हवादार स्थान पर हैंगर में लटका दें ताकि पेट्रोल की गंध निकल जाए जब गंध पूरी तरह दूर जो जाए तो प्रेस कर लें।
ऊनी वस्त्रों पर प्रेस करते समय भी पूरी सावधानी बरतनी आवश्यक होती है। स्वेटर आदि पर प्रेस करने के लिए उसे उल्टा करके प्रेस करें किंतु ध्यान रखें कि प्रेस अधिक गर्म न हो। प्रेस करने से पूर्व वस्त्र पर एक गीला किंतु पता सूती कपड़ा फैला दें और तब पतला कपड़े पर प्रेस करें। ऐसा करने से वस्त्रोंं की चमक नष्ट नहीं होती। (विभूति फीचर्स)
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