आर्य समाज का इतिहास लेखन करेंगे सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य : बनाए गए इतिहास लेखन समिति के राष्ट्रीय संयोजक

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नई दिल्ली । भारत के सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य को अब आर्य समाज जैसे पवित्र और क्रांतिकारी संगठन का इतिहास लिखने का जिम्मा सौंपा गया है।सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चंद्र आर्य ने इस अवसर पर कहा कि आर्य समाज का इतिहास भारत के वैभव और गौरव का इतिहास है । क्योंकि आर्य समाज के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों और उसके पश्चात के भी आर्य समाजियों ने देश को आगे रखकर काम किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी के मार्गदर्शन में 1857 की क्रांति का सूत्रपात हुआ था। उसके पश्चात भी इस क्रांतिकारी संगठन अनेक क्रांतिकारी पैदा करके अपना स्वर्णिम इतिहास रचा। इस संबंध में जानकारी देते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के महामंत्री और आर्य नेता विनय कुमार आर्य ने बताया कि आर्य समाज एक क्रांतिकारी संगठन रहा है। जिसने भारत की आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर योगदान दिया था। अनेक प्रमाणों से भी यह बात पूर्णत: सिद्ध हो चुकी है कि आर्य समाज ने भारत की स्वाधीनता के क्रांतिकारी आंदोलन में सर्वाधिक ( 80% ) योगदान दिया था। इतना ही नहीं, देश के सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में भी व्याप्त कितनी ही प्रकार की बुराइयों और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध भी आर्य समाज ने आवाज बुलंद की और उनको दूर करने में भी अपना विशेष योगदान दिया। स्वामी दयानंद जी महाराज ने देशभक्ति और ईश्वर भक्ति के साथ-साथ वेद भक्ति के प्रति भी लोगों को प्रेरित किया।
एक विज्ञप्ति के माध्यम से महामंत्री श्री आर्य ने बताया कि जब 1875 में आर्य समाज ने आंखें खोली तो उसके पश्चात का 100 वर्ष का अर्थात1975 तक का इतिहास आर्य समाज के यशस्वी विद्वान डॉक्टर इंद्र विद्या वाचस्पति और सत्यकेतु वेदालंकार जी द्वारा पूर्व में ही लिखा जा चुका है। पर अब 1975 से 2025 तक के 50 वर्ष का इतिहास लेखन का यह कार्य डॉ राकेश कुमार आर्य को दिया गया है ,जो कि एक प्रतिभा संपन्न लेखक हैं। संगठन उनसे अपेक्षा करता है कि वह समय से इस कार्य को अपनी टीम के साथ मिलकर पूर्ण कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस समय राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वामी दयानंद जी महाराज की 200 वीं जयंती के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। 2025 में अप्रैल के महीने में आर्य समाज को स्थापित हुए 150 वर्ष हो पूर्ण जाएंगे। उस समय इस पुस्तक का विमोचन एक विशेष कार्यक्रम के माध्यम से कराया जाएगा। जबकि 2026 में स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज के बलिदान के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। महामंत्री श्री आर्य ने कहा कि आर्य समाज के माध्यम से 2024 ,2025 और 2026 तक विभिन्न राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों की एक श्रृंखला जारी की गई है, इन सारे कार्यक्रमों के आयोजन का एक ही उद्देश्य है कि स्वामी दयानंद जी महाराज की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाया जाए। ऐसे में डॉ राकेश कुमार आर्य द्वारा किया जाने वाला इतिहास लेखन का कार्य बहुत महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चंद्र आर्य द्वारा इतिहासकार डॉ आर्य को पत्र जारी कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास लेखन संबंधी समिति का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त कर इतिहास लेखन का दायित्व सौंप दिया गया है। इस अवसर पर सर्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चंद्र आर्य ने इतिहासकार डॉ आर्य को अपनी शुभकामनाएं प्रदान करते हुए आशा व्यक्त की कि वह इस कार्य को हम सब की भावनाओं के अनुरूप पूर्ण करके दिखाएंगे।
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि उन्हें जिस अपेक्षा के साथ यह दायित्व प्रदान किया गया है उसे वह पूर्ण निष्ठा के साथ संपन्न करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आर्य समाज जैसी क्रांतिकारी संस्था का इतिहास लेखन करना सचमुच एक चुनौती है पर वह इसे अपना सौभाग्य भी मानते हैं उनकी इच्छा है कि आर्य समाज द्वारा राष्ट्र धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए किए गए कार्यों को लोगों तक पहुंचाने के साथ-साथ उसे सुरक्षित रखना भी समय की आवश्यकता है। आर्य समाज भारत की वैदिक सत्य सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक है और वास्तविक अर्थों में भारत की चेतना का प्रतिनिधित्व करता है। आर्य समाज को समझना भारत के सत्य सनातन धर्म और उसके स्वरूप को समझने जैसा है। श्री आर्य को नियुक्ति संबंधी दिए गए पत्र के साथ समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री प्रेम सचदेवा, आचार्य प्राण देव, क्रांतिकारी महेश योगी, नागेश कुमार आर्य और अजय कुमार आर्य भी उपस्थित थे।

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